
एक दूसरे के बयानों से लेकर निर्णयों तक पर किए जा रहे हमले
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में भले ही एक साल का समय है, लेकिन अभी से दोनों प्रमुख राजनैतिक दल भाजपा व कांग्रेस नेताओं के बीच सियासी तकरार तेज होने लगी है। इस तकरार की वजह अब प्रशासनिक व सियासी निर्णय बन रहे हैं। हालत यह बन गए हैं कि दोनों दलों के नेता एक दूसरे के बयानों पर भी कड़ी प्रतिक्रिया देने के साथ ही अपने-अपने पक्ष में सोशल मीडिया तक में हमला कर रहे हैं। ऐसा नही हैं कि इसमें सिर्फ पार्टी के कुछ ही नेता शामिल हैं, बल्कि भाजपा की ओर से जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा तो वहीं कांग्रेस की ओर से स्वयं कमलनाथ से लेकर नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह तक शामिल हैं। इस तरह की बड़ी तकरार की वजह अब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ का एक पत्र बन गया है। दरअसल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने हाल ही में प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों यानी कलेक्टरों को पत्र लिखकर उन्हें चेताया है कि यदि उन्होंने भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए मतदान केंद्रों को नियम विरुद्ध संवेदनशील बनाया और मतदान केंद्र दूर आवंटित किया, तो उनके खिलाफ कोर्ट जाएंगे। पत्र में उन्होंने कहा कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है। इस संबंध में यह जानकारी प्राप्त हुई है कि जिला स्तर जिला निर्वाचन अधिकारी को भाजपा नेताओं द्वारा इस तरह के पत्र भेजे गए हैं, जिनमें जानबूझकर कुछ मतदान केंद्रों को संवेदनशील बनाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जिन मतदाताओं का समूह भाजपा को वोट नहीं करता है, उनके मतदान केंद्रों को जानबूझकर मौजूदा जगह से दूर करने और संवेदनशील बनाए जाने का षड्यंत्र किया जा रहा है। उन्हें इस तरह की जानकारी मिली है की गरीब बस्तियों, अनुसूचित जाति, जनजाति क्षेत्रों एवं अल्पसंख्यक क्षेत्रों के मतदाताओं को उनके मतदान क्षेत्रों से दूर मतदान केंद्र आवंटित किए जाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, ताकि वे मतदान न कर पाएं। उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारियों से आग्रह किया कि वे चुनाव आयोग के नियमों का पालन करते हुए ही मतदान केंद्रों को संवेदनशील बनाने के बारे में कोई फैसला करेंगे। अगर कोई मतदान केंद्र पहले कभी संवेदनशील नहीं रहा है, तो उसे अचानक बिना किसी कारण के संवेदनशील नहीं बनाया जाए। उन्होंने सभी कलेक्टरों से आग्रह किया कि वे जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में अपने कार्यों का निर्वहन करेंगे और किसी भी तरह सत्तारूढ़ पार्टी के दबाव में या नियमों के विरुद्ध कार्य नहीं करेंगे। अगर कोई कलेक्टर नियम विरुद्ध कार्य करता है, तो उसके खिलाफ न्यायालय की शरण में जाएंगे या अन्य जो कार्रवाई उचित होगी, वह करेंगे। चार दिन पहले कमलनाथ ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को भी पत्र लिखा था। इस पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व सीएम कमलनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि आजकल उनकी ट्वीटर की चिड़िय़ा सुबह से ही उड़ जाती है। मुझे समझ में नहीं आता कि उन्हें हो क्या गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कोई सुन नहीं रहा इसलिए कलेक्टर एसपी को खत लिखे जा रहे हैं। उन्होंने मुस्कराते हुए एक फिल्मी गीत की पंत्तियों का उल्लेख करते हुए कहा कि कागज कलम दवात ला, लिख दूं दिल तेरे नाम करूं। भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि वे कलेक्टर, एसपी से कह रहे हैं देख लूंगा, कल के बाद परसों आता है। किसको धमका रहे हैं। सीएम ने कहा कि मैं एक बात साफ कर देना चाहता हूं कि लोकतंत्र में हम सबका सम्मान करते हैं। किसी के साथ अन्याय न हो, यह देखना भी हमारी ड्यूटी है, लेकिन अगर कोई कानून तोड़ेगा, कहेगा खाद की बोरियां लूट लो, ला एंड आर्डर की स्थिति पैदा करेगा, अराजकता, भ्रम फैलाएगा तो कानून अपना काम करेगा।
विकास और जनकल्याण की कहानी भाजपा सरकार ने लिखी : शिवराज
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने क्या किया मध्यप्रदेश की जनता के लिए और आदिवासी भाई बहिनों के लिए। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सरकार थी तब सड़कें नहीं हुआ करती थीं, पीने का पानी कुंओं से लाया जाता था। हमने सड़के बनवाई, हम पानी के लिए घर घर नल लगवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने एक और पाप किया है। गरीब आदिवासी भाई बहिन पढ़े नहीं, उनके लिए स्कूल, कालेज, छात्रावास नही बनवाएं, कांग्रेस चाहती थी कि गरीब आदिवासियों के बेटा, बेटी पढ़े ही नहीं। उन्हें विकास और सुविधाओं से वंचित रखा। हमने स्कूल खोले, आश्रम शाला, छात्रावास बनवाए। आज अलिराजपुर जैसे जिले में नर्मदा का पानी पाइप लाइन से लाकर सिंचाई की व्यवस्था कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर विकास और जनकल्याण की कहानी किसी ने लिखी है तो भाजपा सरकार ने लिखी है।
मंदिर के आकार का केक से खड़ा हुआ विवाद
प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ अपने जन्मदिन के पूर्व एक कार्यक्रम में केक काटने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे सनातन धर्म का अपमान बताया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ द्वारा हनुमानजी की फोटो लगा केक काटना उनका और सनातन परम्पराओं का अपमान है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ हनुमानभक्त नहीं बगुलाभक्त हैं। उनका एक ही काम है मुंह में राम बगल में छुरी। सीएम ने कहा कि ये वो पार्टी है जो कभी राम मंदिर का विरोध करती थी। फिर देखा कि इसके कारण वोट का नुकसान हो जाता है, तो हनुमान जी याद आ गए। उन्होंने कहा कि इनका भगवान से कोई लेना-देना नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कमलनाथ का यह कृत्य हिन्दू धर्म और सनातन धर्म का अपमान है जिसको समाज कभी स्वीकार नहीं करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो कानून तोड़ेगा, कहेगा खाद की बोरियां लूट लो, ला एंड आर्डर की स्थिति पैदा करेगा, अराजकता, भ्रम फैलाएगा तो कानून अपना काम करेगा। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का जन्मदिन 18 नवंबर को है। वे 4 दिवसीय दौरे पर छिंदवाड़ा पहुंचे थे, इस दौरान शिकारपुर स्थित बंगले पर उनके कुछ समर्थकों ने उनका जन्मदिन मनाया। जन्मदिन के मौके पर जो केक काटा गया, वह राम मंदिर के आकार का था। उसमें हनुमान जी की प्रतिमा भी बनी हुई थी। इसका वीडियो भी सामने आया है। हांलाकि कांग्रेस जिला विश्वनाथ ऑक्टे ने कहा है कि वो केक कमल नाथ जी ने नहीं काटा है।