
राजधानी में नवंबर के पहले पखवाड़े में आयोजित होगा पंचायत प्रतिनिधियों का राज्य स्तरीय सम्मेलन
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। 2023 में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस अब ग्रामीण मतदाताओं से सीधा सम्पर्क साधेगी। इसके लिए पार्टी ने पंचायत प्रतिनिधियों को वोट बढ़ाने के टारगेट देकर गांव-गांव सक्रिय करने का प्लान बनाया है। इस प्लान को अमलीजामा पहनाने के लिए कांग्रेस नवंबर के पहले पखवाड़े में राजधानी भोपाल में पंचायत प्रतिनिधियों का राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित करने जा रही है। इस सम्मेलन में सभी को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ मिशन 2023 को जीतने का मंत्र देंगे।
गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भले ही सरकार बना थी, लेकिन उसका वोट प्रतिशत भाजपा से कम रहा। इसलिए पार्टी की कोशिश है कि इस बार वोट प्रतिशत को बढ़ाकर सत्ता में वापस आया जाए। इसके लिए कांग्रेस प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए हर वर्ग को साधने में जुटी है। कांग्रेस पंचायत प्रतिनिधियों को ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं को अपने पाले में लाने की जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी कर रही है। इसके लिए राजधानी में नवंबर के पहले पखवाड़े में पंचायत प्रतिनिधियों का राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसमें कांग्रेस समर्थित पंच, सरपंच से लेकर जनपद सदस्य, जनपद अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य और जिला पंचायत अध्यक्ष शामिल होंगे। सम्मेलन में पंचायत का चुनाव हार चुके उम्मीदवारों को भी आमंत्रित किया जाएगा। इसमें विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की जाएगी।
नेता प्रतिपक्ष हुए हमलावर
उधर, मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने सरकार पर हमला बोला है। सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर सीएम पर भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई न करने और सिर्फ जनता के बीच भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस को लेकर बयानबाजी करने का आरोप लगाया है। साथ ही नेता प्रतिपक्ष ने भिंड जिले के तमाम विभागों में हुए करोड़ों के घोटाले को लेकर कलेक्टर और पुलिस पर भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने पत्र में कहा कि आप भ्रष्टाचारियों पर सिर्फ कार्रवाई करने के बारे में घोषणाएं करते हैं, दोषियों पर कार्रवाई नहीं। साथ ही नेता प्रतिपक्ष ने भिंड जिले के तमाम विभागों में हुए करोड़ों के घोटाले प्रमाणित होने के बाद कलेक्टर द्वारा चुप्पी साधने और पुलिस पर माफियाओं के साथ मिलकर काम करने और अवैध वसूली कराने जैसे गम्भीर आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने पत्र में लिखा कि ‘साल 2020 में गोहद तहसील में ओलावृष्टि से पीड़ित किसानों की लगभग 10 करोड़ की राशि गोहद के अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, ट्रेजरी के अधिकारियों, कर्मचारियों ने पात्र किसानों को न देकर लूट ली है राजस्व मंत्री द्वारा विधानसभा पटल पर किसानों से हुई लूट को स्वीकार करने के बाद भी आज तक भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कार्रवाई न होना आपके वक्तव्यों पर प्रश्न चिन्ह लगाता है।
उन्होंने भिंड कलेक्टर की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए लिखा कि ‘जिले में बैठे अधिकारी, स्व-सहायता समूहों से खाद्यान्न की काला बाजारी कराकर प्रत्येक स्व-सहायता समूह से प्रतिमाह 10 से 15 हजार रुपए वसूलकर कुपोषण को बढ़ा रहे हैं। उन्होंने आगे लिखा कि जिले के थाना प्रभारियों द्वारा गिट्टी, पत्थर, रेत खनिज माफियाओं से मिलकर अवैध उत्खनन कराकर लूट की जा रही है। थाना प्रभारियों द्वारा सादा वर्दी में आरक्षकों से दिनभर रेत, गिट्टी के ट्रकों की गिनती कर प्रति ट्रक 5 हजार से 15 हजार रुपए की अवैध वसूली भी की जा रही है। उन्होंने पत्र में लिखा कि वे नेता प्रतिपक्ष होने के नाते ही नहीं, बल्कि प्रशासन में व्यास भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए जानकारी सीएम के संज्ञान में ला रहे हैं। साथ ही उम्मीद जताई है कि जल्द मुख्यमंत्री अपनी विश्वसनीय एजेंसियों द्वारा उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे।
टारगेट पर 150 सीटें
कांग्रेस ग्रामीणों को साधकर 2023 में सरकार बनाने की तैयारी कर रही है। इसी उद्देश्य से पंचायत प्रतिनिधियों का सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल समेत अन्य वरिष्ठ नेता संबोधित करेंगे। पंचायत प्रतिनिधियों को बताया जाएगा कि वे कैसे शिवराज सरकार की नाकामियों और कमलनाथ सरकार के 15 महीने के कार्यकाल में जनहित से जुड़े फैसलों को लेकर जनता के बीच जाएं। प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में डेढ़ सौ सीटें ग्रामीण क्षेत्र में आती हैं। कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में अधिकतर सीटें ग्रामीण क्षेत्र में ही जीती थीं। जुलाई, 2022 में हुए पंचायत चुनाव में कांग्रेस समर्थित दस जिला और 65 जनपद पंचायत अध्यक्ष चुने गए। कुल 286 सदस्य निर्वाचित हुए। बड़ी संख्या में सदस्य कम मतों के अंतर से पराजित हुए। प्रदेश कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए चुने हुए पंचायत प्रतिनिधियों के साथ कम मतों के अंतर से पराजित हुए प्रत्याशियों को स्थानीय समीकरण साधने के काम में लगाने का निर्णय लिया है।
सम्मेलन की तैयारियां तेज
दरअसल, पार्टी नेताओं का मानना है कि पंचायत चुनाव में जो प्रत्याशी जीतता है, उसका स्थानीय स्तर पर प्रभाव होने के साथ सामाजिक और राजनीतिक समीकरण साधने का उसे अन्य नेताओं की तुलना में अधिक अनुभव होता है। इसका लाभ पार्टी की विधानसभा चुनाव में मिल सकता है। गौरतलब है कि पिछले दिनों कांग्रेस नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों का सम्मेलन आयोजित कर चुकी है। प्रदेश कांग्रेस के पंचायत प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डीपी धाकड़ का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस, अध्यक्ष को पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों की सूची दे दी है। उन्होंने नवंबर में सम्मेलन बुलाने को कहा है। इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
दिग्विजय फार्मूले पर पार्टी: गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने 1998 के विधानसभा चुनाव में इसी फार्मूले का अपनाया था। उन्होंने जिला और जनपद पंचायत के पदाधिकारी और सदस्यों को चुनाव लड़वाया था और कुछ जीतकर भी आए थे। इस बार भी पार्टी ऐसे पंचायत प्रतिनिधि या प्रत्याशी, जो विधानसभा क्षेत्र में मतदान केंद्र पर अच्छा काम करके बताते हैं और कमल नाथ के सर्वे में उनका नाम आता है तो चुनाव लड़ाया जा सकता है। प्रदेश कांग्रेस के पंचायत प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डीपी धाकड़ ने बताया कि भाजपा ने सत्ता के बल पर चुनाव लड़ा। जीतने वाले कार्यकर्ताओं को डराया, धमकाया गया और झूठे प्रकरण बनाए गए। हमारे कई प्रत्याशी एक-दो मत के अंतर से पराजित हुए। कई प्रत्याशी आरक्षण के कारण दूसरे क्षेत्रों में जाकर चुनाव लड़े और जीतकर आए। हमने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को निर्वाचित प्रतिनिधियों की सूची दे दी है। उन्होंने नवंबर के प्रथम सप्ताह में सम्मेलन बुलाना का कहा है। इसमें आगामी विधानसभा चुनाव से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा होगी।