- हरीश फतेह चंदानी

और मैडम ने कर डाला बड़ा खेल
एक विभाग में पदस्थ सीधी भर्ती की महिला आईएएस अफसर ने ऐसा खेल किया कि बेचारे मंत्री जी को मुंह ताकते ही रहना पड़ गया । दरअसल मोहतरमा को विदेश यात्रा पर जाना था, सो वहां की जाने वाली खरीददारी के लिए बड़ी रकम की भी जरुरत थी, लिहाजा इसके लिए विभाग में तबादले का खेल जमकर किया गया। मैडम ने तबादले की चौसर पर ऐसी चाल चली की मंत्री जी भी सहर्ष तैयार हो गए। मंत्री जी ने भी आननफानन में एक सूची तैयार कर मैडम को भिजवा दी। इस बीच उनके द्वारा इस पर मेहनत करने के लिए अपने बेटे को पूरी शिद्दत से लगा दिया गया। मेहनत से घर की तिजोरी में जमकर लक्ष्मी जी की कृपा बरसी , लेकिन यह कृपा जल्द ही बरसनी बंद हो गई। वजह रही मैडम द्वारा अपनी पसंद के आधार पर ही ताबदला आदेश जारी किया जाना । इस दौरान मंत्री जी की सूची को कागजों में दफन कर दिया गया। इसके बाद बेचारे मंत्री जी को लक्ष्मी जी को उनके मालिकों के पास लौटाना पड़ रहा है। अब मंत्री जी पानी पी-पी कर इधर कोस रहे हैं और उधर, मोहतरमा विदेश में मौज कर रही हैं।
पीएस पर फिर भारी पड़ सकते हैं दो हटाए गए अफसर
आबकारी महकमे के अफसर बीते कुछ समय तक विभाग की तेज तर्रार प्रमुख सचिव पर ही नहीं सरकार पर भी भारी पड़ते रहे हैं। उन्हें कुछ दिनों पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नाराजगी के बाद हटना पड़ा , लेकिन अब एक बार फिर वे सब पर भारी पड़ने वाले हैं। दरअसल यह दोनों ही अफसर एक बड़े साहब के बेहद खास हैं। सो इन पर प्रशासनिक कृपा फिर से बरसाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। अब इन दोनों ही अफसरों को पहले से बेहतर जगह पर पदस्थ किया जाना है। दरअसल यह दोनों ही अफसर आबकारी विभाग के उपायुक्त संजय तिवारी और सहायक आयुक्त यशवंत धनौरा हैं। इन दोनों अफसरों को धार जिले में शराब माफिया द्वारा युवा आईएएस अफसर पर हमला और तहसीलदार के अपहरण के बाद हटाना पड़ा था। वैसे भी प्रदेश में बीते एक साल में इस तरह की नई सुशासन की पंरपरा शुरू की जा चुकी है, कि जिस अफसर को किसी बड़े कारण से हटाया जाता है उसे कुछ दिनों बाद और बेहतर पदस्थापना दे कर उपकृत कर दिया जाता है। अब देखना तो यह है कि क्या यह दोनों अफसर विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी की मंशा के खिलाफ नई पदस्थापना कब तक पा पाते हैं।
और सीएम ने उड़ा रखी है नींद
सूबे के आला प्रशासनिक अफसरों से लेकर शिव के गण स्वयं को हिजाईनेश मानते हैं, लेकिन इन दिनों इनकी नींद सुबह-सुबह खराब हो जाती है, जिसकी वजह से वे बेहद परेशान हैं। इसकी वजह हैं खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान। दरअसल मुख्यमंत्री इन दिनों अलतड़के कभी भी किसी भी विभाग या फिर जिले के अफसरों की क्लास लगा देते हैं। इस दौरान वे एक- एक मामले की पूरी कैफियत लेते हैं। खास बात यह है कि क्लास शुरू होने के कुछ मिनिट पहले तक गिने चुने लोगों को ही पता होता है कि आज किस जिले या विभाग की बारी है। अचानक क्लास लगने की वजह से अफसरों को तैयारी करने तक का मौका नहीं मिल पाता है। यह क्लास भी ऐसे समय लगाई जाती है जब सीएम को छोड़कर अधिकांश अफसर व मंत्री खुमारी में रहते हैं। बेचारे अफसर इस बात से परेशान बने हुए हैं कि आखिर उनके जिले के बारे में सीएम को हर छोटी बड़ी बात कौन बता रहा है। ऐसे में जनता खुश है तो बेचारे अफसर व मंत्री नाखुश बने हुए हैं। चूंकि मामला मुख्यमंत्री का है, इसलिए चाहकर वे भी कुछ भी नहीं कर सकते हैं।
और साहब की हसरत रह गई अधूरी
प्रदेश में ऐसे कई अफसर हैं, जो इन दिनों कंबल ओढ़कर जमकर घी पी रहे हैं। इनके ओहदे और रसूख को देखकर तमाम भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसियां भी इन पर हाथ नहीं डालती है, जिसका वे भरपूर फायदा उठाते हैं। कथित ईमानदारी का चोला पहने यह अफसर खुद को सत्यवादी हरिश्चंद्र से कम बताने में भी पीछे नही रहते हैं , लेकिन कभी न कभी तो उनका नकाब उतर ही जाता है। ऐसे ही एक विभाग के मुखिया का चोला साथी अफसरों के सामने तब उतर गया जब बड़े साहब ने उन्हें चेतावनी देते हुए साफ कर दिया कि वे उनकी शिकायत सीएम से कर सकते हैं। दरअसल बाकया एक ठेकेदार के भुगतान से जुड़ा हुआ है। विभाग के मुखिया ने ठेकेदार का भुगतान लंबे समय से रोक रखा था। साहब चाहते थे कि ठेकेदार लक्ष्मी जी के दिव्य दर्शन कराएं। ठेकेदार इसके लिए तैयार नही था , सो साहब ने भी जिद पूरी करने के लिए उसका भुगतान रोक दिया था। ठेकेदार भी रसूखदार ठहरा सो उसने बड़े साहब से मामले की शिकायत कर दी। फिर क्या था साहब ने भी मंत्रालय में जारी अफसरों से भरी बैठक में साहब की ईमानदारी का चोला उतार दिया। इसके बाद तो अचानक बैठक में सन्नाटा खिंच गया, हर अधिकारी एक दूसरे का चेहरा देखने लगा। बेचारे साहब को लक्ष्मी दर्शन तो नहीं हुए बल्कि पहना हुआ ईमानदारी का चोला उतरने से बदनामी अलग झेलनी पड़ गई।