बा खबर असरदार/खिचड़ी देख भड़के कलेक्टर

कलेक्टर

हरीश फतेह चंदानी/ बिच्छू डॉट कॉम।
2012 बैच के एक आईएएस अधिकारी जिस जिले में भी कलेक्टर रहे हैं, वे योजनाओं के क्रियान्वयन पर अधिक फोकस रखते हैं। वर्तमान में ये साहब एक आदिवासी बहुल जिले की कमान संभाल रहे हैं। हाल ही में एक मीटिंग में साहब को बताया गया कि जिले में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था सबसे बेहतर है और मीनू के अनुसार बच्चों को भोजन परोसा जाता है। फिर क्या था, साहब ने एक दिन अफसरों को बुलाया और एक प्राथमिक शाला में जा धमके। वहां का नजारा देखकर साहब हैरत में पढ़ गए। मीनू के अनुसार उस दिन बच्चों को मध्यान्ह भोजन में सब्जी, रोटी के साथ पकोड़े की कड़ी परोसी जानी थी लेकिन स्व. सहायता समूह ने बच्चों के आगे खिचड़ी बनाकर रखा। यह सब देखकर कलेक्टर ने अपडेट ली और व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश भी दिए। फिर एक दूसरे प्राथमिक स्कूल गए। वहां भी स्थिति ऐसी ही दिखी। वहां भी मध्यान्ह भोजन में सब्जी, पुलाव और पकोड़े वाली सब्जी देना थी, लेकिन बच्चों की थाली में खिचड़ी पहुंची। फिर क्या था, साहब आपे से बाहर हो गए और सख्त लहजे में हिदायत दी कि आप लोग मिलकर जो खिचड़ी पका रहे हैं, उसे बंद कर दें अन्यथा परिणाम अच्छे नहीं होंगे।
कार्रवाई करके बुरे फंस गए बड़े साहब
कभी-कभी अफसर अपने पद के प्रभाव के कारण ऐसा कुछ कर जाते हैं, जिससे उनके सारे किए धरे पर पानी फिर जाता है। ऐसा ही कुछ  एक आदिवासी जिले के कलेक्टर साहब के साथ हो गया है। दरअसल, 2013 बैच के आईएएस अधिकारी इन साहब ने गत दिनों मोहगांव मलाजखंड के स्कूलों में आकस्मिक निरीक्षण किया गया था। यहां एक आदिवासी शिक्षिका से कलेक्टर ने गणित के सवाल किए तो वह सही जवाब नहीं दे पाईं। इस पर कलेक्टर ने शिक्षिका का वीडियो  बनाकर ट्विटर हैंडल सोशल मीडिया पर प्रसारित करवा दिया। इससे आदिवासी समाज साहब के खिलाफ मैदान में उतर गया है। उनका कहना है कि इससे आदिवासी समाज के मान सम्मान को ठेस पहुंची है। यही नहीं लोगों का कहना है कि कलेक्टर से भी स्पेलिंग में त्रुटी हुई तो, कलेक्टर पर भी कार्रवाई किया जाना चाहिए। लोगों का कहना है कि वीडियो बनाकर वायरल करना मप्र सिविल सेवा आचरण संहिता 1966 के नियम का उल्लंघन किया गया है। उन पर कार्यवाही कर यहां से उनका तबादला किया जाए, नहीं तो आंदोलन किया जाएगा।  
साहब की लेखनी पर खड़े होने लगे विवाद
प्रदेश की प्रशासनिक वीथिका में एक प्रमोटी आईएएस इन दिनों अफसरों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं। इसकी वजह है साहब की कुछ किताबों का लेखन। दरअसल, 2003 बैच के प्रमोटी आईएएस अधिकारी की पिछले कुछ सालों के दौरान कुछ किताबें प्रकाशित हुई हैं। इन किताबों के प्रकाशन के बाद साहब ने मीडिया से लेकर प्रशासनिक वीथिका में यह हवा उड़ाई कि उन्होंने रात-दिन मेहनत करके इन किताबों को लिखा है। साहब की लेखन कला पर उनके कई सहयोगी उनका लोहा मानने लगे। बात प्रशासनिक वीथिका से निकलते हुए जब राजधानी की गलियों में फैली तो एक दिन हकीकत सामने आ गई। सूत्रों का कहना है कि साहब की लेखन कला की हकीकत यह है कि काम किसी और का… नाम साहब का। यानी साहब की किताबें लिखता कोई और है और साहब उसे अपने नाम से छपवा लेते हैं। जब खबरचियों को यह बात पता लगी तो उन्होंने इसकी पड़ताल कराई तो यह तथ्य सामने आया कि राजधानी के एक लाइब्रेरियन से साहब किताबें लिखवाते हैं और उसे अपने नाम से प्रकाशित करवा देते हैं। बताया जाता हे कि साहब किताबों के लिखने वाले लाइब्रेरियन को बकायदा भुगतान भी करते हैं। यहां बता दें कि 2003 बैच के ये साहब अपने महिला प्रेम के लिए भी खासे ख्यात रहे हैं। साहब इन दिनों एक संभाग में बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं और बताया जाता है कि साहब वहां भी अपनी प्रेमलीला जारी रखे होंगे।
यह कैसी जांच…
मध्यप्रदेश में पुलिस से जुड़ा एक अनोखा मामला प्रकाश में आया है, जिसमें जांच वही अफसर करेंगे, जिनके खिलाफ शिकायत आई है, इससे साफ पता चला रहा है कि जांच में क्या होगा। मामला उज्जैन संभाग के एक जिले से संबंधित है। दरअसल हर दिन एसपी कार्यालय में ऐसी कई शिकायतें आती है, जिसमें कई मामलों में शिकायत भी पुलिस के खिलाफ ही होती है, ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें फरियादी ने एसपी द्वारा गाली देने की शिकायत की है, इसमें हैरान करने वाली बात ये है कि इसमें एसपी के खिलाफ ही शिकायत हुई है, और इस मामले की जांच भी एसपी ही करेंगे, ये बात जो भी सुन रहा है, उसका ये ही कहना है कि ये कैसा मजाक है। बताया जाता है कि 2013 बैच के उक्त आईपीएस अधिकारी जबसे जिले के एसपी बने हैं, कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए उन्होंने कुछ कठोर कदम उठाए हैं। बताया जाता है कि पुलिसिया कार्यवाही के दौरान साहब ने एक व्यक्ति के साथ गाली-गलौच कर दी थी। उक्त व्यक्ति ने जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की है कि उसे बिना वजह के एसपी साहब ने गाली दी है। अब हैरानी ये है कि इस गंभीर आरोप की जांच स्वयं एसपी साहब कर रहे है। अब लोग भी कह रहे है खाकी पर ये दाग अच्छे नहीं है।  

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