बा खबर असरदार/कब आएंगे गुड बुक में

गुड बुक
  • हरीश फतेह चंदानी

कब आएंगे गुड बुक में
प्रदेश में कई आईएएस अधिकारी ऐसे हैं जो हमेशा लाइमलाइट में रहते हैं। इसकी वजह यह है कि उन्हें सरकार हमेशा अच्छे विभाग में पदस्थ करती है। लेकिन 1996 बैच के एक आईएएस अधिकारी ऐसे हैं, जो हमेशा हाशिए पर पड़े रहते हैं। एक विभाग में प्रमुख सचिव की कुर्सी पर बैठे साहब का हाल ही में तबादला कर दिया गया। वैसे साहब के बारे में यह ख्यात है कि वे कहीं टिकते नहीं हैं। उन्हें जिस विभाग में भी पदस्थ किया जाता है, वे वहां कुछ ही दिन कार्य कर पाते हैं। यही नहीं साहब के बारे में यह भी कहा जाता है कि सरकार उन्हें सुस्त विभागों में ही पदस्थ करती है। यानी जो विभाग सरकार की प्राथमिकता में नहीं रहते साहब को उन्हीं विभागों में पदस्थ किया जाता है। साहब अपने समकक्ष अधिकारियों से अक्सर पूछते हैं कि मैं सरकार की गुड बुक में कब आऊंगा। लेकिन साहब को खुद मालूम है कि स्त्री प्रेम के कारण उनकी कुर्सी कहीं भी जम नहीं पाती है।

मानवीयता की मिसाल
प्रदेश की प्रशासनिक वीथिका में इन दिनों 2013 बैच के एक आईएएस अधिकारी की मानवीयता की खूब चर्चा हो रही है। ये साहब वर्तमान में बुंदेलखंड के एक जिले में कलेक्टर हैं। साहब अपने नवाचारों के लिए पहले से सुर्खियों में हैं। अब उनका मानवीय चेहरा सामने आया है। दरअसल, गत दिनों साहब किसी काम से अपने वाहन से जा रहे थे तो उन्हें रास्ते में एक एक्सीडेंट दिखा। उन्होंने अपने वाहन को रोका और एंबुलेंस को बुलाने के लिए फोन किया। एंबुलेंस आने के बाद खुद स्ट्रेचर भी खींचा और घायल महिला को एंबुलेंस में बैठाकर वहां से रवाना हुए। यही नहीं साहब ने एक्सीडेंट करने वाले ट्रक को पकड़ने के लिए पुलिस को निर्देशित किया। साहब का निर्देश पाते ही पुलिस ने घेराबंदी कर ट्रक को पकड़ लिया। यह खबर आग की तरह पूरे जिले में फैल गई और इसके बाद साहब की इस मानवीयता की हर तरफ चर्चा हो रही है। कानोंकान यह खबर मंत्रालय में भी पहुंच गई है और अन्य अफसर उन्हें धन्यवाद दे रहे हैं।

ऊर्जाधानी के लिए लगा रहे जुगाड़
मालवा-निमाड़ के एक आदिवासी जिले की पुलिस कप्तानी करने वाले आईपीएस अधिकारी की तमन्ना है कि वे एक बार ऊजार्धानी के एसपी बनें। सूत्रों का कहना है कि 2014 बैच के इस आईपीएस अधिकारी की तमन्ना को पूरी करने के लिए उनके ससुर ने मोर्चा संभाल लिया है। बताया जाता है कि पुलिस विभाग में डीएसपी रहे ससुर ने दामाद को ऊर्जाधानी का एसपी बनाने के लिए रकम जोड़ने का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए वे दामाद की पदस्थापना वाले जिले में वसूली अभियान में जुटे हुए हैं। बताया जाता है कि साहब जबसे जिले के पुलिस मुखिया बने हैं तब से ही उनके ससुर ने वसूली का काम शुरू कर दिया है। साहब के ससुर अपने पुराने अनुभवों के आधार पर इस छोटे से जिले में भी जमकर उगाही कर रहे हैं। एसपी साहब ने भी ऊर्जाधानी का सपना पूरा होने के लिए ससुर को छुट्टा छोड़ रखा हैं। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि ससुरजी कहीं अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए तो यह उगाही नहीं कर रहे।

और मंत्री पर भारी पड़ रहे पीएस
भ्रष्टाचार में शामिल विभाग के एक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर विभाग के मंत्री और प्रमुख सचिव में पूरी तरह से ठन गई है। लगातार मिल रही शिकायतों से परेशान प्रमुख सचिव ने विभाग के अधिकारी की जांच कराकर कार्रवाई के लिए फाइल विभाग के मंत्री को भेज दी। मंत्री ने फाइल में जांच रिपोर्ट से असहमती जताते हुए अधिकारी की जांच फाइल कर क्लीन चिट देने के निर्देश जारी कर दिए। प्रमुख सचिव ने मंत्री के निर्देश पर असहमती व्यक्त करते हुए फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया। इसके बाद मंत्री ने कई बार प्रमुख सचिव को बुलाकर विभाग के द्वितीय श्रेणी अधिकारी की जांच खत्म करने को कहा। मंत्री द्वारा बार-बार एक ही बात कहने से परेशान प्रमुख सचिव ने विनम्रता पूर्वक कहा कि मैं उस फाइल में क्लीन चिट नहीं दूंगा। आप कृपया मुझे विभाग
से हटवा दीजिए। अब मंत्री जी को कौन बताए की जनता भ्रष्टाचार से जमकर परेशान है।

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