वर्किंग प्लान पॉलिसी को लेकर पीएस ने किया वन मंत्री को गुमराह

 वन मंत्री

भोपाल/गणेश पाण्डेय/बिच्छू डॉट कॉम । चहेते आईएफएस अफसरों को वर्किंग प्लान बनाने से बचाने के लिए प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल ने  वर्किंग प्लान पदस्थापना में ऐसे अधिकारियों पोस्टिंग कर दी, जिन्होंने कोर्ट में चुनौती दे डाली। अब कोर्ट कचहरी के बीच में वर्किंग प्लान बनाने का मामला अधर में लटक गया है। अधिकारियों का कहना है कि वर्किंग प्लान पॉलिसी को लेकर प्रमुख सचिव वर्णवाल ने वन मंत्री विजय शाह को भी गुमराह किया है।
कई अधिकारियों से संपर्क किया गया तो उन्होंने भी बताया कि वर्ष  2005 की पालिसी आज भी लागू है क्योंकि ,2020 के शासन के आदेश से 2017 की पालिसी को निरस्त किया गया है। 16 अगस्त 2017 की पालिसी से 2005 की पालिसी में संशोधन करते हुए कम उम्र वाले अधिकारियों को छूट दी गई थी, परन्तु 2005 की पालिसी को निरस्त नही किया गया था। शासन का कोई भी आदेश जारी नही हुआ जिसमे कि 2005 की पालिसी को निरस्त किया गया हो। अब शासन कह रहा है कि उम्र एवं वरिष्ठता का कोई प्रावधान उनकी 2020 की पालिसी में नहीं है। पालिसी फिर किस बात की है। इसका मतलब यह हुआ कि इस पालिसी के बहाने वन मंत्री विजय शाह को गुमराह किया जा रहा है, क्योंकि आपने अपने उत्तर में कहा है कि शासन द्वारा कार्य सुविधा की दृष्टि से योग्य अधिकारी की पदस्थापना  प्रशासकीय आधार पर की जाती है। इसका मतलब कि इस पालिसी से स्थानांतरण का कोई लेना देना नहीं है, तो पालिसी को रखने का क्या औचित्य है। इसे निरस्त किया जावे एवं केवल स्थान्तरण नीति की बात की जावे। या फिर कार्य आयोजना इकाइयों में पदस्थिति को लेकर एक नई सुस्पष्ट पारदर्शी पदस्थापना नीति जारी की जावे जो पढ़ने में सबके समझ में आए। जंगल महकमे के अफसरों की कार्यशैली ही ऐसी ही है की विभाग हमेशा चर्चा में बना रहता है। यह चर्चा अच्छे कामों के लिए कम , बल्कि दूसरे कामों के लिए अधिक रहती है। अब अफसरों ने अपने चेहेते अफसरों को बचाने के लिए  जूनियर को वर्किंग प्लान बनाने का का जिम्मा दे डाला। इसकी वजह से विवाद खड़ा हो गया है।
इन आधारों पर हाई कोर्ट डबल बेंच में देंगे चुनौती
वकिंग प्लान बनाने संबंधित आदेश से प्रभावित डीएफओ रमेश चंद्र विश्वकर्मा हाईकोर्ट डबल बेंच में चुनौती देंगे। उनका कहना है कि शासन के आदेश में कई खामियां हैं। मसलन, वन विभाग में वर्ष 2001 की पॉलिसी को 2005 में निरस्त किया गया। वर्ष 2005 की पॉलिसी में वरीयता क्रम से वर्किंग प्लान बनवाने का प्रावधान किया गया था। इस नीति में आयु से संबंधित कोई छूट नहीं दी गई थी। 2017 में आईएफएस अफसरों के एक झुंड ने तत्कालीन वन मंत्री डॉ गौरीशंकर शेजवार पर दबाव बनाकर 2005 की पॉलिसी में संशोधन कराया। इस संशोधन में आयु से संबंधित छूट दी गई।

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