बिच्छू राउंडअप/गैस सिलेंडर के नीचे छेद क्यों होते हैं 99 फीसदी लोगों को पता ही नहीं

  • नगीन बारकिया
गैस सिलेंडर

गैस सिलेंडर के नीचे छेद क्यों होते हैं 99 फीसदी लोगों को पता ही नहीं
घरों में लिक्विड पेट्रोलियम गैस का इस्तेमाल ज्यादातर घरों में होता है। रोजाना किचन में इससे ही खाना पकाया जाता है। एलपीजी गैस को ठोस लोहे से बने सिलेंडरों में स्टोर करके रखा जाता है। अगर आपने गैस सिलेंडर को नोटिस किया है, तो आपको पता होगा कि सिलेंडर के नीचे कुछ छेद होते हैं। बिल्कुल नीचे, जिसके ऊपर सिलेंडर का पूरा भार होता है। लेकिन कभी आपने सोचा है कि आखिर ठोस सिलेंडर में ये छेद क्यों बनाए जाते हैं। आपको बता दें कि ये छेद डिजाइन के लिए नहीं होते, बल्कि इनको बनाने के पीछे साइंस होता है। सिलेंडर पर बने ये छेद बड़े काम के होते हैं। सिलेंडर के भीतर भरी एलपीजी गैस के तापमान को नियंत्रित करने के लिए इन छेद का इस्तेमाल किया जाता है। कई बार ऐसा होता है कि गैस सिलेंडर का तापमान काफी बढ़ जाता है। ऐसे में इस छेद से हवा पास होती है, जो तापमान को नियंत्रित करने में मदद करती है। साथ में यह सिलेंडर को सतह की गर्मी से भी बचाता है। कुल मिलाकर ये छेद गैस सिलेंडर को एक्सीडेंट्स से बचाते हैं।

बैंकों में कागज का इस्तेमाल पूरी तरह हो जाएगा बंद, एटीएम पर ई-रसीद मिलेगी
दुनियाभर में कागज का इस्तेमाल कम करने या बंद करने के लिए तमाम तरह के उपाय अपनाए जा रहे हैं। बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान अपनी शाखाओं में कागज के उपयोग को पूरी तरह खत्म करने के साथ ही एटीएम पर ई-रसीद देने पर विचार कर सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यह सुझाव दिया। रिजर्व बैंक ने जलवायु जोखिम और टिकाऊ वित्त पर एक परिचर्चा पत्र में कहा कि वह जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं के आधार पर एक रणनीति तैयार करना चाहता है। इसके लिए केंद्रीय बैंक वैश्विक निकायों और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों के अनुभवों का लाभ ले रहा है। इस क्रम में सभी रिजर्व बैंक विनियमित संस्थाओं के लिए व्यापक दिशा निर्देश तैयार किए जाएंगे। परिचर्चा पत्र में कहा गया कि जलवायु परिवर्तन के जोखिमों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। इसमें कहा गया, बैंकिंग प्रक्रियाओं को पर्यावरण के और अधिक अनुकूल बनाकर आरई अपने संचालन में कागज के उपयोग को खत्म करके अपनी शाखाओं को हरित शाखाओं में बदलने पर विचार कर सकते हैं।

अमेरिका में 0.75 फीसदी महंगा हुआ कर्ज, ब्याज दरों में 42 साल की सबसे तेज बढ़ोतरी
अमेरिका में कर्ज की ब्याज दरें आज से 0.75 फीसदी महंगी हो गई हैं। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने महंगाई को काबू में लाने के लिए कर्ज की ब्याज दरों में बड़ी बढ़ोतरी की है। यह लगातार दूसरा महीना है, जबकि ब्याज दरें बढ़ाई गई हैं। दरअसल, अमेरिका में उपभोक्ता महंगाई दर जून में 9 फीसदी से ऊपर चली गई, जो 42 सालों में सबसे ज्यादा है। इस पर काबू पाने के लिए फेड रिजर्व ने ब्याज दर के अपने तय लक्ष्य 2.25 से 2.5 फीसदी को भी पीछे छोड़ दिया। जून और जुलाई में अभी तक फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में कुल 1.50 फीसदी की बढ़ोतरी की है। यह 1980 के बाद ब्याज दरों में सबसे तेज बढ़ोतरी है। जून में भी फेड रिजर्व ने 0.75 फीसदी ब्याज दर बढ़ाई थी। फेडरल ओपन मार्केट कमेटी ने बैठक के दौरान सबसे ज्यादा फोकस महंगाई पर रखा। कमेटी का कहना है कि महंगाई दर को वापस 2 फीसदी पर लाना ही हमारा मकसद है।

अंगोला में मिला 170 कैरेट का दुर्लभ गुलाबी हीरा, 300 सालों में सबसे बड़ा
अंगोला में कुछ खननकर्मियों ने खुदाई के दौरान ऐसे दुर्लभ हीरे को खोज निकाला, जिसे पिछले 300 वर्षों का सबसे बड़ा गुलाबी हीरा माना जा रहा है। इस हीरे का वजन 170 कैरेट हैं। फिलहाल यह शुद्ध रूप में है। अभी इसकी कटिंग और पॉलिशिंग बची है। इसके बाद ही इस हीरे की सही कीमत का अंदाजा लगाया जा सकेगा। अंगोला में इस हीरे को ऑस्ट्रेलियन कंपनी के खनन कर्मियों ने खोजा है। इस दुर्लभ गुलाबी हीरे को द लूलो रोज नाम दिया गया है। क्योंकि इसकी खोज लूलो खदान में हुई है। लूलो खदान अंगोला के उत्तर-पूर्व में स्थित है। जहां की जमीन में हीरे की मात्रा बहुत ज्यादा बताई जाती है। इसलिए  ऑस्ट्रेलियन हीरा खनन कंपनी लुकापा ने यहां पर निवेश किया है। द लूलो रोज टाइप 2ए हीरा है। यानी प्राकृतिक तौर पर अत्यधिक शुद्ध और दुर्लभ। इस हीरे की खबर मिलने से अंगोला की सरकार और खनन कंपनी बेहद खुश है।  अंगोला के मिनरल रिसोर्स मंत्री दियामंतीनो अजेवेदो ने कहा कि द लूलो रोज की खोज एक रिकॉर्ड है। लूलो लगातार अंगोला का नाम दुनिया के हीरा उत्पादक इलाकों में ऊपर उठाता आ रहा है।

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