
– नगीन बारकिया/बिच्छू डॉट कॉम।
अब शिवसेना के 188 नेताओं पर एकनाथ शिंदे की नजर
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के विधायकों और सांसदों को तोड़कर अब पूरे पार्टी संगठन को संभालने के लिए निर्णायक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। यूं कहें तो अब वह शिवसेना को हाईजैक करने के लिए तैयार है। शिंदे ने बुधवार को केंद्रीय चुनाव आयोग को एक पत्र भेजा। इसमें उन्होंने मांग की कि उनके संगठन को शिवसेना के रूप में मान्यता दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि हमें शिवसेना का धनुष-बाण चिन्ह मिलना चाहिए। शिवसेना के विधायक, सांसद और पार्षद काफी हद तक बंट चुके हैं, लेकिन शिवसेना संगठन पर नियंत्रण करना एकनाथ शिंदे के लिए इतना आसान नहीं है। हालांकि, उन्होंने इस दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। निर्वाचित प्रतिनिधियों के बाद अब उनकी नजर शिवसेना के पदाधिकारियों पर है। शिवसेना संगठन में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाने वाली प्रतिनिधि सभा में 282 सदस्य हैं। एकनाथ शिंदे अब इनमें से दो तिहाई यानी 188 सदस्यों को तोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। अगर वह इसमें कामयाब होते हैं तो शिवसेना और उद्धव ठाकरे के लिए मुश्किल खड़ी होगी।
गंभीर बीमारी वाली दवाएं जल्द हो सकती हैं सस्ती
देश में गंभीर बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं जल्द सस्ती हो सकती हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के व्यापार मार्जिन रेशनलाइजेशन के तहत आने वाली दवाओं की लिस्ट को अंतिम रूप देने के लिए बड़े फार्मा कंपनियों की बैठक बुलाई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, मंत्री 26 जुलाई को गैर-अनुसूचित दवाओं पर टीएमआर कम करने के लिए कंपनियों से मिलने वाले हैं। ट्रेड मार्जिन तय करके सरकार महत्वपूर्ण दवाओं की कीमतों को कम करने की योजना बना रही है। ट्रेड मार्जिन निमार्ताओं के लिए व्यापार की कीमत और अधिकतम खुदरा मूल्य के रूप में मरीजों को मिलने वाले मूल्य के बीच का अंतर है। हालांकि, ट्रेड मार्जिन को चरणबद्ध तरीके से कम करने की संभावना है। इसमें सबसे पहले कार्डियो या डायबिटीज से जुड़ी दवाएं शामिल हो सकती हैं। सरकार डायबिटीज, हृदय रोगों और किडनी की बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं की कीमत कम करने की योजना बना रही है।
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने पार्टी के सभी सेल और विभाग भंग किए
महाराष्ट्र में बीते काफी दिनों से चल रहे राजनीतिक उठापटक के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने पार्टी के सभी विभागों और प्रकोष्ठों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। उन्होंने इन भंग करने के पीछे कोई कारण नहीं बताया है। एनसीपी के एक वरिष्ठ नेता ने यह जानकारी दी है। राकांपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रफुल्ल पटेल ने ट्वीट किया, राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार के अनुमोदन से, सभी विभाग और प्रकोष्ठ तत्काल प्रभाव से भंग किए जाते हैं। हालांकि, पूर्व केंद्रीय मंत्री, पटेल ने इस अचानक उठाए गए कदम के कारण का खुलासा नहीं किया। राज्य में महा विकास अघाड़ी की सरकार के सत्ता से बाहर होने के करीब तीन हफ्ते बाद शरद पवार ने यह कदम उठाया है। गौरतलब है कि राज्य में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने मिलकर महा विकास अघाड़ी बनाया था।
कोरोना के बाद अब तेजी से फैल रहा है स्वाइन फ्लू
महाराष्ट्र के मुंबई में कोरोना के बाद अब स्वाइन फ्लू लोगों में डर फैला रहा है। मुंबई में इस वक्त स्वाइन फ्लू से संक्रमित कम से कम चार लोग वेंटिलेटर पर हैं। डॉक्टरों ने लोगों को चेतावनी देते हुए कहा है कि स्वाइन फ्लू एक बार फिर से शहर में फैल रहा है और जिनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ रही है उन्हें स्वाइन फ्लू के लिए भी टेस्ट कराना चाहिए। बता दें कि इस महीने में अभी तक स्वाइन फ्लू के कुल 11 मामलों की पुष्टि हुई है। हालांकि ये अभी शुरूआत है क्योंकि इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए पता चलता है कि संक्रमितों की संख्या बढ़ सकती है। कोविड -19 की तरह, ऌ1ठ1 यानी कि स्वाइन फ्लू एक सांस की बीमारी है, जो 2019 में एक वैश्विक महामारी के रूप में शुरू हुई थी, लेकिन जल्द ही थम गई थी। बांद्रा के लीलावती अस्पताल में, 50 वर्ष से कम आयु के दो रोगी एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन आॅक्सीजनेशन (ईसीएमओ) थेरेपी पर हैं, जिसे अंतिम उपाय माना जाता है और वेंटिलेटर सपोर्ट असफल होने पर ही मरीज को ये थेरेपी दी जाती है। अस्पताल में स्वाइन फ्लू वाले वार्ड में पांच अन्य मरीज भर्ती हैं। पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ प्रहलाद प्रभुदेसाई ने कहा कि गंभीर एच1एन1 संक्रमण ने इन रोगियों के फेफड़ों को बुरी तरह प्रभावित किया। उन्होंने कहा, फ्लू जैसे लक्षणों वाले कम से कम 50% मरीज स्वाइन फ्लू टेस्ट में पॉजिटिव पाए जा रहे हैं।