- प्रणव बजाज

छिड़ा गांजे को शिव बूटी बताने पर ट्विटर वॉर
कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई विधायक लक्ष्मण सिंह ने गांजे के बढ़ते उपयोग को लेकर सोशल मीडिया पर एक बयान जारी किया और इसे धर्म से जोड़ने पर आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने लिखा- गांजे को शिव बूटी का नाम देकर दुर्भाग्यवश धर्म से जोड़ा जा रहा है। यही कारण है कि इसका सेवन अत्यधिक बढ़ता जा रहा है, जिससे युवा बर्बाद हो रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार शिवजी ने अमृत मंथन में निकला विष पीया था, गांजा नहीं। उनके इस बयान पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हितेश वाजपेयी ने गांजे के पौधे में मौजूद दो रसायनों की व्याख्या कर डाली है। उन्होंने लिखा है कि आयुर्वेद में करीब 200 अलग-अलग जगहों में गांजे का जिक्र है। इस पौधे के मादक पदार्थ का नाम गांजा है। संस्कृत में इसे विजया कहते हैं। आयुर्वेद में इसके इस्तेमाल को बुरा नहीं माना जाता है। कई आयुर्वेदिक दवाएं हैं, जिनमें न केवल विजया का इस्तेमाल किया जाता है, बल्कि अफीम का भी इस्तेमाल होता है। ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे कैसे इस्तेमाल करते हैं और इसका इस्तेमाल कितना महत्वपूर्ण है। बाजपेयी द्वारा डिटेल में दिए गए जवाब को लेकर लक्ष्मण सिंह लिखा- आप बहुत ज्ञानी हैं, मैं आपका मुकाबला नहीं कर सकता।
महाकाल मंदिर कॉरीडोर का झूठा श्रेय ले रही भाजपा: पीसी
कांग्रेस विधायक व पूर्व धर्मस्व मंत्री पीसी शर्मा का आरोप है कि भाजपा सरकार उज्जैन के महाकाल मंदिर के कॉरीडोर के निर्माण का झूठा श्रेय ले रही है। उन्होंने कहा कि कॉरीडोर के निर्माण के लिए 350 करोड़ रुपए तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार द्वारा आवंटित किए गए थे। शर्मा ने कहा, उज्जैन महाकाल मंदिर के निर्माण का खाका नाथ सरकार में ही तैयार हुआ था। महाकाल मंदिर के विस्तार की योजना व घोषणा सबसे पहले तत्कालीन सीएम कमलनाथ ने 27 सितंबर 2019 को विश्व पर्यटन दिवस के दिन की थी। शर्मा ने याद दिलाया कि कमलनाथ सरकार में धार्मिक स्थलों के विकास के लिए तत्कालीन मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, जयवर्धन सिंह और मुझे शामिल कर समिति बनाई गई थी। ओम सर्किट बनाने की घोषणा भी उसी दिन की गई थी।
राव पीएमओ में अतिरिक्त सचिव बने
केन्द्र में मप्र के अफसरों का रुतबा बढ़ता ही जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा बीते रोज किए गए बड़े प्रशासनिक फेरबदल में मप्र कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हरि रंजन राव और आतिश चंद्र को पीएमओ में अतिरिक्त सचिव के रूप में पदस्थ किया गया है। राव 1994 बैच के मप्र कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। वर्तमान में वे दूरसंचार मंत्रालय में यूनिवर्सल सर्विसेज आॅब्लिगेशन फंड के प्रशासक हैं। उनके बैचमेट रहे बिहार कैडर के आतिश चंद्र वर्तमान में भारतीय खाद्य निगम के सीएमडी हैं। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार को सहकारिता मंत्रालय में सचिव बनाया गया है। कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस हैं। इसी तरह से पूर्व पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्त किया गया है। वहीं, ज्ञानेश कुमार को सहकारिता सचिव व अलकेश कुमार शर्मा को सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव बनाया गया है।
बिजली संकट के बीच मंथन के नाम पर दो करोड़ फूंकना की तैयारी
मध्यप्रदेश में कोयले की कमी और बिजली संकट गहराता जा रहा है, लेकिन विभाग के अफसर इसके बाद भी बेफिक्र नजर आ रहे हैं। इस बीच विभाग ने ऊर्जा विभाग और बिजली कंपनियों से जुड़े अफसरों व कर्मचारियों के लिए तीन दिनी मंथन का कार्यक्रम बना लिया है। यह मंथन जबलपुर में किया जाना प्रस्तावित है। इस मंथन की खास बात यह है कि पहली बार अफसरों और कर्मचारियों के मनोरंजन के लिए बिलियर्ड्स, चेस, केरम, बेडमिंटन, टेबल टेनिस और क्रिकेट खेलने की व्यवस्था की जा रही है। ऊर्जा विभाग ने 5 से 7 मई तक होने वाले मंथन 2022 का शेड्यूल जारी कर दिया है। बैठक के लिए दस बड़े होटल बुक कराए गए हैं। सभी के लिए आने-जाने के लिए कारों की बुकिंग की गई है। कार्यशाला में तीनों दिन सारे सत्र तरंग ऑडिटोरियम में होंगे। विभाग में तकनीकी सत्र के अलावा सुबह और शाम को खेलकूद और मनोरंजन के आयोजन होंगे। पूरे आयोजन पर लगभग दो करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।