आखिर…सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले को गुस्सा क्यों आया

दत्तात्रेय होसबोले
  • दो दिनों के भोपाल प्रवास में करेंगे वन टू वन

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में भाजपा संगठन व शिव सरकार पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की खास नजर बनी हुई है। यही वजह है कि बीते दो माह में संघ कई बार मप्र भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा कई प्रमुख नेताओं के साथ बैठकें कर कामकाज की समीक्षा कर चुका है। इसी आधार पर अब संघ द्वारा प्रदेश के संगठन व सरकार का  पूरा रिपोर्ट कार्ड तैयार कर लिया गया है। इसमें कई फैसले पैमाने के हिसाब से सही नहीं पाए गए हैं।
इन फैसलों की वजह से संघ नाखुश बताया जा रहा है। संघ का मानना है कि ऐसे फैसलों की वजह से आगे सकंट का सामना करना पड़ सकता है। इनमें खासतौर पर संघ ने पार्टी में युवा चेहरों को आगे लाने के फैसले की तारीफ तो की है , लेकिन यह भी कहा है कि इस फैसले में संतुलन का कोई ख्याल नही रखा गया है। दरअसल संघ की नाखुशी जाहिर करने की वजह है अनुभवी नेताओं को संगठन में भूमिकाओं से दूर कर उन्हें किनारे किया जाना। हाल ही में संघ व प्रदेश भाजपा के कोर ग्रुप की बैठक के बाद अब दिल्ली के करोल बाग उदासीन अखाड़ा स्थित संघ कार्यालय में एक बार फिर से प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा की मौजूदगी में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने समीक्षा की है। गौरतलब है कि इसके पहले दिल्ली में ही तीन दिन पहले मप्र भाजपा की कोर कमेटी की संघ के पदाधिकारियों के साथ हुई
कई घंटो की बैठक में जहां सत्ता व संगठन में परिवर्तन की पटकथा को तैयार किया गया तो वहीं, मिशन 2023 के रोडमैप का खाका भी खींचा गया। संघ और भाजपा की इस कोर ग्रुप की बैठक में पहली बार पार्टी के केंद्रीय नेताओं से लेकर संघ पदाधिकारियों के तेवर बेहद तीखे रह चुके हैं। इस बैठक में समन्वय का काम देखने वाले सर सहकार्यवाह अरुण कुमार, मध्य क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते, क्षेत्र कार्यवाह अशोक अग्रवाल और मध्यभारत प्रांत के प्रांत कार्यवाह यशवंत इंदापुरकर के अलावा भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा शामिल हुए थे। बैठक में सर सहकार्यवाह अरुण कुमार द्वारा भ्रष्टाचार पर सरकार द्वारा सख्ती न दिखाए जाने पर नाराजगी जताते हुए इस पर काम करने की नसीहत दी थी। उनके द्वारा भ्रष्टाचार के कुछ उदाहरण देकर बताया कि ब्यूरोक्रेसी किस तरह से बेलगाम है। बैठक में  संघ ने रामनवमी के जुलूस पर हुई घटनाओं पर मिले फीडबैक पर भी नाराजगी जताई थी।
संघ नेताओं न इसे सरकार के साथ ही प्रशासनिक लापरवाही माना है। इसी तरह से बैठक में एंटी इनकंबेंसी (सत्ता विरोधी लहर) पर चिंता जताने के साथ अनुसूचित जाति- जनजाति (अजा-जजा) वर्ग को साधने के समुचित प्रयास न किए जाने पर नाराजगी जताई जा चुकी है। नेताओं का मानना था कि जिन कारणों से 2018 का चुनाव भाजपा हारी थी, उन परिस्थितियों में अब भी कोई बदलाव नहीं आया है। अफसरशाही हावी है, जनप्रतिनिधियों का आचरण जनता में सत्ता-संगठन की छवि खराब कर रहा है। मंत्रियों की छवि खराब है, प्रदर्शन कमजोर है, भ्रष्टाचार पर नियंत्रण नहीं है। इसके साथ ही तय किया गया की इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार के स्तर पर कसावट लाई जाए। इसके लिए सामूहिक रूप से निर्णय लिए जाएं।
कई कदमों पर मिली सराहना
सरकार्यवाह होसबोले ने प्रदेश भाजपा संगठन के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर अच्छे  कदमों- निर्णयों की सराहना की है तो वहीं कुछ अदूरदर्शी निर्णयों पर नाराजगी भी जाहिर की है। उनके द्वारा इस दौरान सांगठनिक स्वरूप में संतुलन का ध्यान नहीं रखने को लेकर चिंता जाहिर की गई है। दरअसल संघ का मानना है कि जिनकी मेहनत से पार्टी यहां तक पहुंची है और उनके पास जनाधार भी है, ऐसे लोगों को हर हाल में महत्व मिलना चाहिए।
दो दिवसीय प्रवास पर करेंगे वन टू वन
सरकार्यवाह होसबाले आज मंगलवार दोपहर में भोपाल आ रहे हैं। वे यहां पर समिधा में रह कर सत्ता व संगठन के लोगों से वन-टू- वन मिलकर उनसे कई मामलों में चर्चा करेंगे और उनके मन की बात पता करेंगे। प्रवास के दूसरे दिन बुधवार को वे संघ की क्षेत्रीय और प्रांत टोली की कोर कमेटी के पदाधिकारियों से साथ भी बैठक करेंगे।

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