- प्रणव बजाज

शिव सरकार की चिंतन बैठक पर नाथ ने उठाए सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार की पर्यटन स्थल पचमढ़ी में आयोजित दो दिवसीय चिंतन बैठक पर सवाल उठाए हैं। कमलनाथ का कहना है कि जिस तरह से सभी को उम्मीद थी कि पचमढ़ी की यह चिंतन बैठक सिर्फ एक इवेंट और सिर्फ पर्यटन है, वैसा ही हुआ। प्रदेश की भलाई के लिये कोई ठोस निर्णय, कोई ठोस – कार्ययोजना, जनहितैषी निर्णय, ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा, कुछ सामने नहीं आया। उनका कहना है कि शिवराज सरकार अपनी कैबिनेट बैठक पचमढ़ी में करें या किसी भी पर्यटन स्थल पर करें प्रदेश में करें, प्रदेश के बाहर करें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। इस चिंतन शिविर को उनके द्वारा सरकारी पैसे की फिजूलखर्ची भी बताया गया है।
स्थापना दिवस पर घरों में ध्वज लगाएं कार्यकर्ता: अरुण
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं केन्द्रीय कार्यालय प्रभारी अरुण सिंह ने कहा है कि कार्यकर्ता ये सुनिश्चित करें कि भाजपा के स्थापना दिवस पर सभी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के घरों में पार्टी का ध्वज लगाया जाए। अपने तीन दिवसीय प्रवास पर प्रदेश के दौरे पर आए सिंह ने प्रदेश कार्यालय में पार्टी पदाधिकारियों के साथ चर्चा की। इस दौरान उन्हें बूथ विस्तारक योजना की रिपोर्ट भी सौंपी गई। सिंह ने पार्टी के प्रदेश दफ्तर में पार्टी पदाधिकारियों से भेंट कर उनसे संगठनात्मक गतिविधियों को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि हम विश्व के सबसे बड़े राजनैतिक संगठन हैं, ऐसे में जनता को हमसे काफी उम्मीदें हैं। जनता जानती है कि भाजपा जो कहती है वह करती है, इसकी वजह से जनता का विश्वास हम पर लगातार बढ़ रहा है। समाज का हर वर्ग हमारी विचारधारा से जुड़े और उस तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचे इसके लिए हमारे कार्यकर्ता लगातार प्रयास भी कर रहे हैं।
बोले वीडी: दिग्विजय देशद्रोहियों के साथ खड़े होने वाले व्यक्ति
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद विष्णुदत्त शर्मा का कहना है कि दिग्विजय सिंह राजनीतिक अपराधी हैं। वे देशद्रोही ताकतों के साथ खड़े रहने वाले व्यक्ति हैं। शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को हुई सजा पर मीडिया द्वारा सवाल पूछे जाने पर कहा कि वे आज से नहीं बल्कि हमेशा से देश के बारे में, क्रांतिकारियों के बारे में, सेना के बारे में, धर्म के बारे में सवाल खड़े करते रहे हैं। उनके बारे में अब जनता सब जानती है। उनकी बातों को अब जनता भी गंभीरता से नहीं लेती है। वे मीडिया में और चर्चा में बने रहने के लिए हिन्दू धर्म और राष्ट्रवादी ताकतों पर निशाना साधते रहते हैं। यह आरोप शर्मा ने अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे के दौरान लगाए हैं। वे वहां खेल महोत्सव का शुभारंभ करने के लिए गए थे।
आखिर शर्मा का सपना हुआ पूरा
ग्वालियर सर्किल में पदस्थ एपीसीसीएफ शशि मलिक का स्थानांतरण पर मिले स्टे खारिज कराने में विभाग के शीर्षस्थ अधिकारियों के एक वर्ग को सफलता मिल ही गई। यह वो वर्ग है जो लघु वनोपज संघ में पदस्थ एपीसीसीएफ विश्राम सागर शर्मा को उपकृत करने के लिए उतावला बना हुआ था। शर्मा अक्टूबर में रिटायर हो रहे हैं, जिसके चलते विभाग के आला अफसर चाहते थे कि शर्मा सेवानिवृत्ति के पहले फील्ड का सुख भोग लें। भिंड निवासी शर्मा हालांकि इसके पहले भी ग्वालियर में ढाई साल तक पदस्थ रह चुके है। यह जिला ग्वालियर सर्किल के तहत ही आता है। यही वजह है कि मलिक का तबादला एक साल के अंदर ही कर दिया गया था। इस पर मलिक ने केंद्रीय कैट से स्टे ले लिया था। मामला विश्राम सागर शर्मा को उपकृत करना था, इसलिए वन बल प्रमुख आरके गुप्ता ने स्थानांतरण पर मिले स्टे को खारिज कराने के लिए पूरी ताकत लगा दी। यह बात अलग है कि अखिल भारतीय सेवा के अफसरों को उनके गृह जिले अथवा गृह जिले के पास पदस्थ नहीं किया जाता है।