राजधानी की पॉश कॉलोनी में रसूख के दम पर नियम तार-तार

पॉश कॉलोनी
  • लीज होल्डर्स पर कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी है कमेटी

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। एक दशक पहले तक राजधानी में सबसे सुरक्षित आवासीय क्षेत्र रही अरेरा कॉलोनी में रसूख के दम पर नियमों को तार-तार कर आवासीय जमीन पर  होटल, शॉपिंग सेंटर, नर्सिंग होम बनाने की होड़ मची हुई है। लेकिन जिम्मेदार आंखें बंद किए हुए हैं। वहीं दूसरे क्षेत्रों में जिला प्रशासन और नगर निगम छोटे से अवैध निर्माण पर बुल्डोजर चलाने में देर नहीं करता है। जानकारी के अनुसार अरेरा कॉलोनी में ई1 से ई 5 तक कुल 1463 प्लॉट हैं। इनमें से केवल 43 पर नगर निगम और टीएंडसीपी ने उपयोग परिवर्तन के बाद वाणिज्यिक इस्तेमाल की भवन अनुमतियां जारी की हैं। बाकी 1420 आवासीय प्लॉट, भवन में से 83 बिल्डिंग में कमर्शियल गतिविधियां चल रही हैं। इनमें  हॉस्पिटल व नर्सिंग होम की संख्या 27, 12 पर बैंक, 37 भवनों में शॉपिंग सेंटर व दुकानें, पांच पर होटल और दो में आॅफिस चल रहे हैं।  यह बिना किसी अनुमति किया गया है। अब ऐसे लीज होल्डर्स पर कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की अध्यक्षता में कमेटी बनी है। प्रदेश व अन्य राज्यों में इस संबंध में लागू प्रावधानों पर चर्चा कर फैसला लेगी।
आवासीय प्लॉट पर व्यवसायिक गतिविधियां
अरेरा कॉलोनी में ई1 से लेकर ई 5 तक आवासीय प्लॉट पर व्यवसायिक गतिविधियां चल रही हैं। नगर निगम के सर्वे के अनुसार ई 1 में एचडीएफसी बैंक, लोटस इलेक्ट्रॉनिक्स, एमकेएम हॉस्पिटल, पारुलकर हॉस्पिटल, ई 2 में उदयराम डायग्नोस्टिक, फेब इंडिया, स्किन क्लीनिक, कॉलोनी हॉस्पिटल, इंडियन बैंक, डेकोर शोरूम, स्पर्श स्किन क्लीनिक, एसयू फाइनेंस बैंक, इंडसइंड बैंक, होटल, बैंक ऑफ इंडिया, ई 3 में भोपाल फ्रैक्चर हॉस्पिटल, सेंट फ्लोरा स्कूल, बसंत कुटी गर्ल्स हॉस्टल, सान्या हॉस्पिटल, पिहरवा बुटीक, अरेरा हॉस्पिटल, कैफे, डेंटो केयर, फिटनेस सेंटर, गैस्ट्रो केयर हॉस्पिटल, एसबीआई, आईडीएफसी, ई 4 में आशीर्वाद शोरूम, जेड ब्लू, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, ओयो होटल, होटल आर्चेड इन, एक्सिस बैंक, अजवानी हॉस्पिटल, चावला हॉस्पिटल, क्रोमा शोरूम, अनुश्री हॉस्पिटल, ई 5 में मीनाक्षी हॉस्पिटल, शॉपिंग कॉम्पलेक्स, अपेक्स बैंक चल रहा है।
आवासीय लीज की शर्तों का उल्लंघन
अरेरा कॉलोनी, एमएलए क्वाटर्स, पुराने शहर, भेल समेत अन्य क्षेत्रों में आवासीय लीज की शर्तों का उल्लंघन कर नर्सिंग होम, अस्पताल चल रहे हैं। इनको नियमित करने का मामला एक साल से अधिक समय से फीस की वजह से अटका हुआ है। शुरूआत से ही संचालक इसे कम करने पर अड़े हुए हैं। निगम प्रशासन ने पहले संबंधित क्षेत्र में आवासीय व कॉमर्शियल गाइडलाइन के अंतर की 25 फीसदी राशि फीस के तौर पर तय की थी। संचालकों के विरोध के बाद इसे घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया। नर्सिंग होम, अस्पताल संचालक इस पर भी नहीं माने। वो शुल्क और कम करने की मांग करने लगे। ऐसे में निगम कमिश्नर ने शुल्क कटौती का फैसला लेने के लिए प्रस्ताव राज्य शासन को भेज दिया था। कई महीनों तक यह वहां अटका रहा। फिर शासन ने कोई निर्णय लिए बगैर इसे लौटा दिया। इस वजह से कुछ महीनों तक नियमितीकरण की प्रक्रिया फिर शुरू नहीं हो पाई। मौजूदा स्थिति में अरेरा कॉलोनी में संचालित बड़े नर्सिंग होम समेत तीन-चार संचालकों ने नियमितीकरण के लिए तय शुल्क जमा करा दिया। पर दिक्कत यह है कि बाकी नर्सिंग होम फीस भरने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। निगम प्रशासन भी सख्ती नहीं कर पा रहा है।

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