कवितायन

कवितायन

जागने के अपने खतरे थे
अंधेरे के साथ सोना इस तरह जुड़ा रहा
कि रात होते ही माएं बच्चों को थपकियां देने लगती
जबकि अंधेरे समय में सबसे जरूरी था जागना

सोकर अंधेरा काट तो सकते हैं
मिटा नहीं सकते
सबसे घने अंधेरे सबसे मीठी नींद लेकर आए
ये रोशनी के खिलाफ उनकी साजिश थी
हमने नींद को ढाल बना लिया
अंधेरे को आदत
जागना बनिस्बत चुनौती था
जागने के अपने खतरे थे

अंधेरे में जागने वाले अल्पसंख्यकों में गिने गए
सोये हुए समाज ने इन्हें हमेशा संदेह से देखा
अंधेरे ने नींद का नियम लागू किया था
रोशनी की खोज में जागे लोग अपराधी साबित हुए
अंधेरे समय के दिनों में भी इतना अंधकार था
कि जागने वालों को देश विरोधी घोषित किया गया
सोये हुए लोगों ने मिलकर उनके खिलाफ वोट किया
कालांतर में सोये हुए लोगों की सरकार बनी

  •   श्रुति कुशवाह

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