
प्रणव बजाज /बिच्छू डॉट कॉम।
टीआई का रसूख, एसपी व पुलिस मुख्यालय असहाय
एक साल पहले जिस थाना प्रभारी का पुलिस मुख्यालय ने पदोन्नति कर तबादला आदेश जारी किया था, उस पर अब तक एसपी से लेकर पुलिस मुख्यालय तक अमल कराने में नाकाम साबित हो रहे हैं। अपनी नाकामी के बाद भी उक्त कार्यवाहक निरीक्षक के रसूख के चलते एसपी से लेकर पुलिस मुख्यालय तक उस पर कार्रवाई करने तक की हिम्मत नहीं दिखा पा रहे हैं। हद तो यह हो गई की तबादले के बाद छह माह तक तो एसपी उसे कार्यमुक्त ही नहीं कर सके। जैसे-तैसे कार्यमुक्त किया गया तो इसके बाद उक्त निरीक्षक थाना प्रभारी की कुर्सी नहीं छोड़ रहे हैं। इसकी वजह से प्रदेश पुलिस के मौजूदा सिस्टम पर सवालिया निशान लगने लगा है। दरअसल देवास जिले में कन्नौद थाना प्रभारी के रूप में पदस्थ एसआई शिवमूरत यादव को पीएचक्यू ने 24 मार्च 2021 को कार्यवाहक निरीक्षक (उच्च पद का प्रभार देकर) के पद पर पदोन्नति देकर उनकी पदस्थापना आदेश जारी किया था, जिसमें उनका तबादला सीआईडी जोन किया गया था। छह माह बाद कार्यमुक्त होने के बाद भी उन्होंने अब तक सीआईडी में आमद नहीं दी है। यही नहीं यह पहला मामला है जब कार्यमुक्त होने के बाद भी वे बतौर थाना प्रभारी कन्नौद एक साल से काम कर रहे हैं। कन्नौद के रूप में काम कर रहे हैं।
और डीजीपी ने बचाई घायल बुजुर्ग की जान
सूबे के नए पुलिस विभाग के मुखिया सुधीर सक्सेना चार दिन पहले ही डीजीपी बने हैं, लेकिन उनके नाम की चर्चा होना शुरू हो गई है। उनकी पेशेवर कार्यशैली और संवेदनशीलता ही ऐसी है की जो उन्हें पीएम से लेकर सीएम तक की पंसद बनाती है। इसकी झलक उस समय देखने को मिली जब वे पुलिस मुख्यालय जा रहे थे, तभी उन्हें एयरटेल तिराहे के पास एक बुर्जग घायल अवस्था में सड़क किनारे पड़ा दिखा, तो उनके द्वारा उसे इलाज के लिए अस्पताल भिजवाया गया, जिससे उसकी जान बच गई। घायल को देखकर डीजीपी ने अपनी गाड़ी रुकवाई और उतरकर मौके पर पहुंचे। तब तक थाने के चार्ली जवान भी पहुंच गए थे। डीजीपी ने घायल को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के निर्देश पुलिसकर्मियों को दिए। पुलिस ने बाल गोविंद को आॅटो से पास के अस्पताल पहुंचाया। तुरंत ही इलाज मिलने के कारण बाल गोविंद की जान बच गई। पुलिस ने बाल गोविंद की रिपोर्ट पर टक्कर मारने वाले बाइक चालक पर मामला दर्ज कर लिया।
पंजाब में नाथ तो उत्तराखंड में कैलाश को सरकार बनवाने का जिम्मा
मध्यप्रदेश के नेताओं का अपने-अपने दलों में जलवा बरकरार है। अब प्रदेश के दो नेताओं को उनके दल की ओर से राज्यों में सरकार बनवाने का जिम्मा सौंपा गया है। इन राज्यों में पंजाब और उत्तराखंड जैसे राज्य शामिल है। इनमें भाजपा पार्टी हाईकमान ने उत्तराखंड में भाजपा की सरकार बनाने का जिम्मा कैलाश विजयवर्गीय को तो, कांग्रेस की ओर से पंजाब में कमलनाथ को यह जिम्मा सौंपा गया है। दरअसल उत्तराखंड में कांग्रेस से भाजपा को चुनौति मिलती दिख रही है, तो वहीं पंजाब में कांग्रेस को आप से चुनौति मिलने की पूरी संभावना बनी हुई है। ऐसे में अगर दो-चार विधायकों की कमी रह जाती है तो सरकार बनाने में मुश्किल खड़ी हो सकती है, जिसके चलते चुनाव मैनेजमेंट के माहिर खिलाडिय़ों को दोनों ही पार्टियों ने मैदान में उतारने का फैसला किया है। यह जिम्मा मिलने के बाद विजयवर्गीय देहरादून पहुंच गए हैं और सियासी बिसात बिछाने में जुट गए हैं। यह बात अलग है कि नाथ यह जिम्मा दिल्ली से ही संभालेंगे।
एएसपी बन रहे मटुकनाथ
सूबे के जिले में पदस्थ एएसपी के मटुकनाथ वाले रूप की इन दिनों जमकर चर्चा हो रही है। वजह है उनका अपने से आधी उम्र की एक महिलाकर्मी से बढ़ती प्रेम की पीगें। उनके इस रुप को देखकर उनके मातहत कर्मचारियों ने उनका यह नामकरण किया है। यह महिला पुलिस कर्मी उनके ही दफ्तर में बतौर स्टेनों पदस्थ हैं। लगातार साथ रहते-रहते एएसपी साहब का दिल अपनी ही स्टेनों पर आ गया। इसके बाद तो उनके बीच जो प्रेम- प्रसंग शुरू हुआ तो वो बढ़ता ही जा रहा है। कुछ दिनों तक तो लोगों को पता ही नहीं चला, लेकिन जब मातहत कर्मचारियों को इसका पता चला तो उनमें से किसी दिल जले ने यह खबर साहब के घर तक पहुंचा दी। इसके बाद रार मचने के बाद भी साहब का दिल है की मान ही नहीं रहा है सो यह खबर अब जिले से राजधानी तक में फैल गई है। अब यह पूरा मामला पुलिस मुख्यालय तक आ पहुंचा है। वैसे बता दें की यह साहब पहले से ही विवादों में रहते रहे हैं। अब इस मामले में उनके विरोधियों की नजर पुलिस मुख्यालय द्वारा की जाने वाली कार्रवाई पर लगी हुई है।