बिहाइंड द कर्टन/दिवगंत पूर्व मुख्यमंत्रियों की मूर्तियों में अब भी खामियां

वल्लभ भवन

– प्रणव बजाज /बिच्छू डॉट कॉम।

दिवगंत पूर्व मुख्यमंत्रियों की मूर्तियों में अब भी खामियां
वल्लभ भवन के एनेक्सी प्रांगण के सेंट्रल विस्टा में प्रदेश के 14 दिवंगत मुख्यमंत्रियों की मूतियां लगाने में हो रही देरी की वजह है उनमें लगातार सामने आ रहीं खामियां। अब इन खामियों को दूर करने के लिए एक बार फिर समिति बनाने के निर्देश दिए गए हैं। दरअसल सरकार द्वारा विधानसभा में मौजूद पूर्व मुख्यमंत्रियों की तस्वीरों जैसी ही मूर्ति बनवाई जा रही है। फिलहाल मूर्तियों के लिए जो प्रारूप तैयार किया गया है, वह हूबहू तस्वीरों जैसा नही है। सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव  विनोद कुमार की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई समिति की बैठक में तैयार की गई मूर्तियों के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया गया। इसमें अलग दिशाओं से मूर्ति दिखाई गई। दरअसल, जो मूर्तियां तैयार की गई थीं उनमें कई खामियां थीं। समिति ने इसमें दो-तीन बार सुधार भी करवाया है। सूत्रों की माने तो अभी भी इनमें कुछ कमियां हैं, जिन्हें दूर करने नई समिति बनाने के निर्देश दिए गए हैं। मूर्ति को राजस्थान के किशनगढ़ से आए पत्थरों के ऊपर रखा जाना है।

उमा की शराब बंदी को मिला सांसद प्रज्ञा का साथ  
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पहले से ही शराब बंदी के पक्ष में मोर्चा खोले हुए हैं, इस बीच भोपाल सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी शराबबंदी के पक्ष में खड़ी हो गई हैं। इसकी वजह से प्रदेश सरकार की मुश्किलें और बढ़ना तय हैं। साध्वी ने पत्रकारों से चर्चा में कहा है कि शराब जहर है, इसकी बिक्री का मैं खुलकर विरोध करती हूं। सांसद प्रज्ञा ने कहा कि शराब एक विष की तरह है और इस विष को बंद करना चाहिए, मैं खुलकर इसका विरोध  करती हूं, इसमें कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। इससे समाज अधोगति को प्राप्त होता है और परिवार क्लेश में रहते हैं। इसके सेवन से आंतें और लीवर खराब हो जाते हैं। किसी का जब पुत्र चला जाता है तो उसके मां-बाप और बहन-पत्नी पर क्या बीतती होगी यह वही जानते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति तो राजनीति होती है लेकिन मैं इसकी बिक्री का खुलकर विरोध करती हूं।

विदेशी घोड़े की 68 लाख में सरकार करेगी खरीदी
करीब सात माह बाद चीन में होने वाले एशियन गेम्स में घुड़सवारी प्रतियोगिता में एक पदक की चाह में खेल विभाग द्वारा करीब सवा करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा। इस राशि में से 68 लाख रुपए एक जर्मन घोड़ा की खरीद पर खर्च किए जाएंगे, जबकि 50 लाख रुपए के आसपास विदेश में खिलाड़ी की प्रैक्टिस पर खर्च किए जाएंगे। इसके लिए खेल विभाग द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि खेलों के आयोजन में कम समय रह जाने की वजह से घोड़ा खरीदी कर खिलाड़ी को प्रशिक्षण के लिए जर्मनी ही भेज दिया जाए। उनके साथ एक प्रशिक्षक को भी भेजने का प्रस्ताव है। प्रस्ताव में कहा गया है कि अकादमी के घोड़ा हर्लिकन की मांसपेशियां चोटिल होने के कारण खिलाड़ी चयन ट्रायल में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। इसके साथ ही कहा गया है कि भारत में एशियन गेम्स का चयन ट्रायल मार्च 2022 तक पूरा हो जाएगा। घोड़े की चोट ठीक होने में समय लगेगा, इसलिए नए घोड़े की जरूरत पड़ रही है। खिलाड़ी को चयन के लिए चार ट्रायल में से दो में क्वालीफाई करना जरूरी है।

ग्रुप बिजली मीटर लगाने के नाम पर फूंक दिए 37 करोड़
लगातार बड़े घाटे में होने के बाद भी बिजली कंपनियों के अफसर चहेती कंपनियों को उपकृत करने को कोई मौका नहीं छोड़ते है। ऐसे ही एक मामले का खुद सूबे के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने खुलासा किया है। इस मामले में अब उनके द्वारा पूरे मामले की जांच कराकर दोषी अफसरों से खर्च की गई 37 करोड़ की रकम वसूली के निर्देश दिए गए हैं। दरअसल मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कुछ अधिकारियों ने विभिन्न कंपनियों से भोपाल शहर, विदिशा शहर और ग्रामीण, ग्वालियर शहर व ग्वालियर ग्रामीण में 37 करोड़ की लागत से 4800 से अधिक बिजली के ग्रुप मीटर लगवाए थे। तोमर ने निरीक्षण में पाया कि इनमें बिजली तक की सप्लाई नहीं हो रही है। इसके बाद उनके द्वारा तत्काल ग्रुप मीटर लगाने वाली कंपनियों को ब्लैक लिस्ट करने के साथ ही सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इन मीटरों के लिए कुछ चुनिंदा अफसरों ने योजना बनाकर मूर्त रूप दिया था।

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