आज है वनडे का बर्थडे……क्यों और कैसे हुई शुरुआत… बहुत दिलचस्प है वनडे की कहानी…..

 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट
Cricket ball resting on a cricket bat on green grass of cricket pitch

नयी दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। क्रिकेट में वनडे का रोमांच सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला फार्मेट है…  लेकिन आज के ही दिन 51 साल पहले इसकी शुरुआत कैसे हुई…..    कौन था इसका जनक और क्यों खेलना पड़ा था एक दिनी मैच…. आईए आपको इस पूरे वाक्य से रूबरू करवाते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस समय तीन प्रकार क्रिकेट का प्रचलन है। इसमें टेस्ट, वनडे और टी20 क्रिकेट शामिल है। टेस्ट क्रिकेट का प्रारूप 140 साल से भी ज्यादा पुराना है, लेकिन वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट को अभी 51 साल हुए हैं और टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट को शुरू हुए तो अभी दो दशक भी नहीं हुए हैं। हालांकि, आज हम बात करने वाले हैं क्रिकेट के सबसे लोकप्रिय प्रारूप एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की, जिसको शुरू हुए आज यानी 5 जनवरी 2022 को 51 साल पूरे हो गए हैं। क्रिकेट के इस एकदिवसीय प्रारूप को मजबूरी में शुरू किया गया था, लेकिन ये प्रारूप इतना लोकप्रिय हुआ कि इसमें वैश्विक टूर्नामेंटों का आयोजन भी होने लगा और ये प्रारूप काफी सफल माना गया। यहां तक कि आज के समय में वनडे क्रिकेट काफी लोकप्रिय है। यही कारण है कि आज यानी 5 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में खास दिन है। इस प्रारूप को शुरू करने का उद्देश्य भविष्य को देखकर नहीं किया गया था, बल्कि इसका आयोजन कवर के रूप में किया गया था, क्योंकि जब 6 दिवसीय टेस्ट मैच बारिश के चलते एक भी दिन नहीं खेला जा सका था। दरअसल, पहला वनडे इंटरनेशनल मैच आज ही के दिन 5 जनवरी, 1971 को शुरू हुआ था, जब इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की टीम का आमना-सामना मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर हुआ था। यहां तक कि पहला एकदिवसीय मैच 40-40 ओवरों का हुआ था और इसके बाद इस फॉर्मेट में 60-60 ओवर का मैच भी होता था, लेकिन इन दिनों 50-50 ओवर का ये फॉर्मेट है। इस मैच में को ऑस्ट्रेलिया ने 82 रन से जीता था। हालांकि, प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब इंग्लैंड की टीम के बल्लेबाज जॉन एडरिच ने जीता था, क्योंकि उन्होंने इस मैच में 82 रन की पारी खेली थी। इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी थी और ऐसे में पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड की टीम ने 39.4 ओवरों में 8 गेंदों का 1 ओवर सभी विकेट खोकर 190 रन बनाए थे। वहीं, आस्ट्रेलिया ने 42 गेंदें शेष रहते 5 विकेट खोकर इस लक्ष्य को हासिल कर लिया था। आफकी जानकारी के लिए बता दें, 7 मैचों की एशेज सीरीज के लिए इंग्लैंड की टीम नवंबर 1970 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी। ब्रिसबेन और पर्थ में उस एशेज सीरीज का पहला और दूसरा टेस्ट मैच खेला गया था। दोनों मैचों का नतीजा ड्रा रहा था। तीसरा मैच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड यानी एमसीजी में 31 दिसंबर 1970 से 5 जनवरी 1971 तक होना था, क्योंकि उस समय टेस्ट मैच 6 दिन का होता था और एक दिन का रेस्ट डे होता था। हालांकि, ये मैच बारिश के कारण मैच शुरू ही नहीं हो सका, लेकिन आखिरी दिन मैच संभव था, लेकिन एक दिन में टेस्ट मैच का नतीजा नहीं निकल सकता था। ऐसे में मैच के आखिरी दिन जब बारिश बंद हुई तो दोनों टीमें सीमित ओवरों के क्रिकेट खेलने के लिए तैयार हो गईं और इस तरह क्रिकेट का नया रूप सामने आया। एक तो बारिश के कारण और दूसरा आर्थिक समस्या का समाधान करने के लिए इस फार्मेट की नींव रखी घी। दोनों देशों के अधिकारियों ने तय किया था मेलबर्न के स्थानीय लोगों के मनोरंजन और खिलाड़ियों के आर्थिक मुनाफे को ध्यान में रखकर दोनों टीमों के बीच सीमित ओवरों का मैच खेला जाएगा, क्योंकि इस मैच को देखने के लिए एमसीजी में 46 हजार से ज्यादा दर्शकों ने दस्तक दी थी। अब तक इस प्रारूप में 4 हजार से ज्यादा मैच खेले जा चुके हैं।

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