घाना के फुटबॉलर क्रिश्चियन अत्सु की तुर्किये में आए भूकंप में गई जान

 क्रिश्चियन अत्सु

अंकारा । घाना के स्टार फुटबॉलर क्रिश्चियन आत्सु का तुर्किये में हुई भयानक भूकंप त्रासदी में निधन हो गया। उनका शव हादसे के 12 दिन बाद मलबे में मिला है। उनके मैनेजर मुरात ने इस बात की पुष्टि की है। 31 साल के खिलाड़ी न्यू कैसल और चेल्सी क्लब के सदस्य रहे। दरअसल, उन्हें छह फरवरी को रिएक्टर स्केल पर आए 7.8 स्तर के भूकंप से घंटों पहले तुर्किये से निकल जाना था, लेकिन एक दिन पहले उनके गोल से टीम ने जीत हासिल की थी और साथियों के साथ जश्न मनाने के लिए उन्होंने रुकने का फैसला कर लिया और यही उनके लिए जानलेवा साबित हो गया।

बारह दिन लापता रहे आत्सु की मलबे में तलाश जारी रही। शनिवार को मलबे में उनका पार्थिव शरीर मिला। साथ में फोन भी था। वह हैताय प्रांत में जिस 12 मंजिली इमारत में ठहरे थे, वह पूरी तरह धराशायी हो गई थी। उनकी एजेंट नाना सेचेरी ने कहा कि हम भारी मन से यह बात कह रहे हैं कि आत्सु का शव मलबे से मिला है। मेरी हार्दिक संवदेनाएं आत्सु के परिवार और प्रियजनों के साथ हैं। हम प्रार्थनाओं और सहयोग के लिए आभारी हैं। वह सितंबर में हेतास्पोर क्लब में शामिल हुए थे। क्लब ने कहा कि उनका शव घाना भेजा जा रहा है। उन्होंने चेल्सी के साथ चार सीजन बिताए और उसके बाद 2017 में न्यू कैसल में चले गए। उसके बाद पिछले साल हेटास्पोर क्लब में शामिल हो गए। शुरुआती रिपोर्टों में बताया गया था कि भूकंप के अगले दिन उन्हें बचा लिया गया लेकिन ऐसा नहीं हुआ, काश यह सच होता। शुरुआती फुटेज में बचावकर्मी आत्सु के अपार्टमेंट में तलाश करते दिखाए गए थे। रिपोर्टों में बताया गया कि मलबे में उनकी आवाज सुनी गई। उनके साथ क्लब के खेल निदेशक तनेर सेवुत भी उसी इमारत में ठहरे थे। तनेर तो अभी लापता ही बताए जा रहे हैं। तड़के चार बजे आए भूकंप के बाद उनकी टीम के कई अन्य खिलाड़ियों को अन्य इमारतों से सुरक्षित बचा लिया गया था।

आत्सु के परिवार में तीन बच्चे और पत्नी मैरी क्लेयर हैं। उनकी एजेंटी सेचेरी आत्सु को तलाशने उनके परिवार के साथ तुर्किये पहुंची थी। उन्हें लगता था कि वह मलबे के नीचे से सुरक्षित निकलेंगे। सेचेरी ने अधिकारियों और उनके क्लब से अपील की थी कि तलाश के प्रयासों में और तेजी लाई जाए। बचावकर्मियों को शुरुआत में मलबे से उनके जूते मिले थे। आत्सु के दोस्त इब्राहिम क्वारतेंग ने बताया कि आत्सु बेहद दयालु प्रवृति के थे। दूसरों की मदद को हमेशा तत्पर रहते थे। वह छोटे-मोटे अपराधों में कारावास भुगतने वाले लोगों की रिहाई के बाद आजीविका अर्जित करते थे, ताकि वे अच्छा इंसान बन सकें। उन्होंने घाना में एक अनाथालय का निर्माण शुरू कर दिया था। वह ब्रेस्ट कैंसर के केंद्र के लिए यथासंभव आर्थिक मदद भी कर रहे थे।

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