मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज जीतकर रच दिया इतिहास

मनु भाकर

पेरिस। भारतीय निशानेबाज मनु भाकर पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज जीतकर छा गई हैं। उन्होंने पेरिस में भारत का मेडल का खाता खोला है। हालांकि, मनु को टोक्यो ओलंपिक में निराशा का सामना करना पड़ा था। तब उनके आंसू निकल आए थे। तीन बरस पहले टोक्यो में अपने पहले ओलंपिक में पिस्टल में खराबी आने के कारण मनु भाकर निशानेबाजी रेंज से रोते हुए निकली थीं। उसके बाद निराशा और अवसाद में रही मनु ने करीब एक माह तक पिस्टल को हाथ नहीं लगाया था। लेकिन फिर उस बुरे अनुभव को ही अपनी प्रेरणा बनाया।

रविवार को पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल में कांसे के साथ उन सभी जख्मों पर मरहम भी लगाया और देशवासियों को जश्न मनाने का मौका भी दिया। मनु ने जुझारूपन और जीवट की नई परिभाषा लिखते हुए हर खिलाड़ी के लिए एक नजीर भी पेश की। कांटे के फाइनल में जब तीसरे स्थान के लिए उनके नाम का ऐलान हुआ तो उनके चेहरे पर सुकून की एक मुस्कान थी और एक कसक भी कि 0.1 अंक और होते तो पदक का रंग कुछ और होता। लेकिन ओलंपिक पदक तो ओलंपिक पदक है। इसलिए भी अहम है क्योंकि पिछले 12 साल से भारतीय निशानेबाज ओलंपिक से खाली हाथ लौट रहे थे।

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