जी हां! मध्य प्रदेश वालों का दिल है बहुत कमजोर

मध्य प्रदेश वालों का दिल
  • एक दशक में बढ़ी 50 फीसदी तक दिल की बीमारियां

    भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश ऐसा राज्य बन गया है जहां पर बीते एक दशक में दिल की बीमारियों में पचास फीसद तक की वृद्धि दर्ज हो रही है। हाल ही में दो दिन पहले जिस तरह से अपने साथी डॉक्टरों के साथ पार्टी में डांस करते समय फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. सीएस जैन की अचानक कार्डियक अरेस्ट से मौत हुई है उसके बाद से इस मामले में सवाल अधिक खड़े होने लगे हैं।
    खास बात यह है कि दिल की बामाियों का खतरा कोरोन कॉल के बाद अधिक बढ़ा है, जबकि अन्य तरह की बीमारियों का खतरा कम हुआ है। यही वजह है कि अब दिल से जुड़ी बीमारियों के साथ ही संक्रमण मौत का बड़ा कारण बनात जा रहा है। चिकित्सकों के अनुमान के मुताबिक प्रदेश में दिल की बीमारियों से करीब 41 फीसदी मौतें हो रही हैं। मप्र आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के प्रकाशन मेडिकल सर्टिफिकेशन ऑफ कॉज ऑफ डेथ 2018 में यह खुलासा किया गया है। इस बारे में हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों की खराब होती लाइफ स्टाइल और शारीरिक श्रम की कमी से दिल से जुड़ी समस्याओं में वृद्वि हो रही है। इनसे बचने के लिए संयमित दिनचर्या का होना अति आवश्यक है।  
    किस वजह से कितनी मौतें दिल से जुड़ी बीमारियां
    18674
    संक्रमण से जुड़ी
    2133
    नर्वस की बीमारियां
    4443
    अन आइडेंटीफायड डेथ
    3730
    हर दूसरी मौत दिल की बीमारी से
    रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदेश में वर्ष  2018 में कुल 44,549 लोगों की मौत पंजीकृत हुई थीं, जिनमें से सर्वाधिक मौत 18,674 ब्लड सकुर्लेशन की वजह से होना पाई गई थीं। इसमें कोरोनरी धमनी रोग से 1,314 मौत हुई। वहीं हायपरनेक्टिव डिजीज यानी रक्तचाप से जुड़े कारणों से 2,417 मरीजों की जान गई। इसी तरह से कार्डियोवस्कुलर डिजीज से 3663 और सबसे ज्यादा मौत 11,263 हृदय धमनियों में रक्त का प्रवाह बंद होने की वजह से हुईं। इसमें बताया गया है कि मौत का सबसे बड़ी तीसरा कारण है  संक्रमण। इसकी वजह से 2133 लोगों की जान गई। श्वसन रोग विशेषज्ञों का कहना है कि फेफड़ों में संक्रमण के साथ अन्य तरह के संक्रमण भी जानलेवा होते हैं। हालांकि कोरोना के चलते लोग सफाई और इंफेक्शन कंट्रोल को समझ चुके हैं। नर्वस सिस्टम की गड़बड़ियों से 4,443 मरीजों की मौत हुई, जो दूसरा सबसे बड़ा कारण है।
    दो दशकों में डायबिटीज से 70 फीसद बढ़ीं मौतें
    रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते दो दशक में डायबिटीज से होने वाली मौतों में 70 फीसदी की वृद्धि हुई। इसमें पुरुषों का आंकड़ा 80 फीसदी है। वहीं, डिमेंशिया से मौतों में 65 फीसदी महिलाएं शामिल हैं। इसी तरह से इसी समय में एचआईवी व एड्स से मौत की वजह 8वें पायदान की जगह अब वह 2019 में 19वें स्थान पर आ गई है। इसी तरह से टीबी 10 से मौत के मामले वर्ष 2000 में यह 7वें पायदान पर थी, जो 2019 तक गिरकर 13वें स्थान रहा। अच्छी बात यह है कि लोगों की औसतन उम्र में 6 साल तक की वृद्धि देखी जा रही है। इसकी वजह से दो दशक पहले इंसान की औसत उम्र 67 साल थी जो 2019 में बढ़ कर 73 साल हो गई है।

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