यस एमएलए: हर समस्या की काट है सिसोदिया

महेंद्र सिंह सिसोदिया

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। बमोरी विधानसभा सीट 2008 के चुनाव से अस्तित्व में आई। गुना के अंतर्गत 4 विधानसभा सीटें आती हैं, उन्हीं में से बमोरी भी एक है। इस क्षेत्र में सहरिया-आदिवासी और अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों की संख्या ज्यादा है। फिलहाल भाजपा के महेंद्र सिंह सिसोदिया यहां के विधायक हैं। सिसोदिया प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। लेकिन क्षेत्र में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। लेकिन यह ऐसे मंत्री हैं , जिन्हें क्षेत्र में हर समस्या के समाधान करने वाले मंत्री के रुप में जाना जाता है।
बमोरी सहरिया आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जहां विकास कार्यों की बहुत जरूरत भी रही है। आदिवासियों के लिए कुछ वर्षों पूर्व तक घर की पक्की छत सपना ही थी, इस स्थिति में बदलाव आया है, लेकिन इस इलाके की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी ज्यों की त्यों बनी हुई है। इस सीट पर इस बार भी कांग्रेस से कन्हैया लाल अग्रवाल तो वहीं भाजपा से भी बृजमोहन आजाद भी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। इलाके में  रोजगार के अवसर नहीं होने से ग्रामीणों को दूसरे जिलों से लेकर दूसरे राज्यों तक पलायन करना पड़ता है। बमोरी ग्रामीण और कृषि प्रधान क्षेत्र है, जहां कृषि आधारित उद्योग लगाए जाने की मांग पुरानी है। लेकिन इस दिशा में अब तक कोई काम नहीं हो सका है।

सहरिया-आदिवासी की संख्या है ज्यादा
यहां पर हुए अब तक 4 चुनावों में सहरिया-आदिवासी और अजा वर्ग ही निर्णायक मतदाता की भूमिका में रहे हैं। वहीं किरार-धाकड़ व अन्य समाज चुनाव की दिशा तय करने वाले साबित होते रहे हैं। यहां सहरिया-आदिवासी और अनुसूचित जाति वर्ग का बाहुल्य है। इनकी संख्या लगभग 80 हजार है। इस सीट पर पानी, सडक़, बिजली, रोजगार जैसी समस्याए हैं। ऐसे में 2023 का चुनाव भाजपा सिसौदिया के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा। इस क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का विस्तार तो नजर आने लगा है, लेकिन युवाओं के लिए रोजगार की व्यवस्था व औद्योगिक क्षेत्र बनाने जैसे बड़े कदम उठाए जाने बाकी हैं। इतना जरूर है कि यहां के गांव पक्की सडक़ों से जुड़े हैं तो घरों में नलों से पानी पहुंचने लगा है। विद्युत सब स्टेशन बन जाने से बिजली आपूर्ति बेहतर हुई है तो दूरस्थ गांवों में स्वास्थ्य केंद्र भी शुरू हुए हैं। इसके बाद भी रोजगार के लिए उद्योग-धंधे सपना ही हैं। सिंचाई के लिए तीन बड़े तालाबों का निर्माण बाकी है। वर्षाकाल में नदियों पर ऊंचे पुल न होने से जिला मुख्यालय से सडक़ संपर्क कटना भी बड़ी समस्या है। बमोरी विधानसभा क्षेत्र उपचुनाव सहित अब तक चार चुनाव देख चुका है। महेंद्र सिंह सिसोदिया यहां से लगातार तीन बार से विधायक हैं। कमल नाथ सरकार में वे श्रम मंत्री थे। ज्योतिरादित्य के साथ भाजपा में शामिल होने के बाद सिसोदिया 2020 का उपचुनाव जीतकर शिवराज सरकार में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री बने।

चुनावी इतिहास
2008 में बमोरी विधानसभा सीट पर हुए पहले चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की थी। बीजेपी के कन्हैया लाल रामेश्वर अग्रवाल ने 28767 वोटों के साथ चुनाव जीता था। वहीं कांग्रेस के महेंद्र सिंह सिसोदिया 23989 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर थे। दोनों के बीच हार-जीत का अंतर 4 हजार से ज्यादा वोटों का था। वहीं 2013 में हुए दूसरे चुनाव में इस बार कांग्रेस नेे जीत हासिल की। 2008 के चुनाव में दूसरे स्थान पर रहने वाले महेंद्र सिंह सिसोदिया 71804 वोट हासिल कर यहां के विधायक बने। बीजेपी के कन्हैया लाल रमेश्वर अग्रवाल 53243 वोट के साथ दूसरे स्थान पर थे। दोनों में इस बार हार-जीत का अंतर ज्यादा था। सिसोदिया ने अग्रवाल को 18 हजार से ज्यादा वोटों से हराया। वहीं बीजेपी के रमेश डाबर तीसरे स्थान पर थे। उसके बाद 2018 के विधानसभा और 2020 के उपचुनाव में भी सिसोदिया ने जीत दर्ज की। बमोरी तहसील है, लेकिन एसडीएम गुना में बैठते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व में बमोरी में एसडीएम और एसडीओपी को पदस्थ करने की प्रक्रिया शुरू भी हुई थी।

अपने-अपने दावे
क्षेत्र में विकास को लेकर नेताओं के अपने-अपने दावे हैं। भाजपा विधायक व पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया का कहना है कि विकास कार्यों की सूची बड़ी है। सिंचाई के लिए जरूरी पन्हेटी तालाब निर्माण के टेंडर जारी कराए हैं, तो छतरपुरा की डीपीआर तैयार हो चुकी है। कॉलेज निर्माण की भी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। गांव-गांव सडक़ों का जाल बिछाया गया है। घरों में नलों से पानी पहुंचाया गया है। सिसोदिया दावा करते हैं कि विधानसभा की कार्यवाही में उनकी शत-प्रतिशत उपस्थिति रही है। क्षेत्र में भी निरंतर सक्रिय रहे हैं, तो विधायक निधि का उपयोग क्षेत्रवासियों की मूलभूत जरूरतों और विकास कार्यों में किया गया। नौ विद्युत सब स्टेशन मंजूर कराए, जिसमें से सात चालू हो चुके हैं और दो का काम जारी है। खर्राखेड़ा, मारकीमहू, और म्याना में 30 बिस्तरों का सर्वसुविधायुक्त अस्पताल शुरू कराया। बमोरी, फतेहगढ़ और झागर स्वास्थ्य केंद्रों का उन्नयन कराया। कोविड के समय बमोरी और झागर में ऑक्सीजन प्लांट लगवाए। वहीं उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे कन्हैयालाल अग्रवाल का कहना है कि जनता सब जानती है कि क्षेत्र के हालात क्या हैं। इस मामले में सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि कोयले पर कितने भी काले अक्षर लिखे जाएं, नजर नहीं आते हैं।

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