
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मैदानी स्तर पर पदस्थ महिला पुलिसकर्मियों और अफसरों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए इन दिनों पुलिस मुख्यालय स्तर पर मंथन किया जा रहा है। थानों समेत पुलिस की अन्य इकाइयों में पदस्थ महिला पुलिसकर्मियों और अफसरों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसे देखते हुए ही पुलिस मुख्यालय ने इस तरह की कवायद शुरू की है।
इसी कवायद के लिए महिला सुरक्षा शाखा की ओर से डीजीपी सुधीर सक्सेना को 10 बिन्दुओं पर दिए प्रतिवेदन के आधार पर योजना, कार्मिक, चयन एवं भर्ती, कल्याण शाखा समेत जिला इकाइयों और बटालियनों से मौजूदा स्थिति की जानकारी मांगी गई है। दरअसल यह प्रतिवेदन 28 अप्रैल को पुलिस मुख्यालय में हुई कार्यशाला में तय किए गए 10 बिंदुओं पर 104 से अधिक महिला पुलिस अफसरों और कर्मियों की रिपोर्ट के आधार पर बनाया गया था। इसमें महिला कर्मियों-अफसरों को ड्यूटी के दौरान आने वाली समस्याओं के अलावा आवास आवंटन, फील्ड पोस्टिंग में दिक्कत, स्थानांतरण पॉलिसी पर भी मंथन किया था। दरअसल मप्र में पुलिस बल का 33 फीसदी महिलाओं के लिए सुनिश्चित करने, विशेष भर्ती अभियान चलाने और थानों में तैनात पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देना शामिल है। महिला सुरक्षा शाखा ने सभी इकाइयों को पत्र लिखकर प्रतिवेदन में तय मुद्दों पर जानकारी मांगी है। इसके बाद समस्याओं के समाधान की रूपरेखा बनेगी। महिला सुरक्षा शाखा के मुताबिक उड़ान वर्कशॉप से महिलाकर्मियों की कार्यक्षमता को और बेहतर करने पर मंथन हुआ। इसमें फील्ड पोस्टिंग के लिए प्रोत्साहित करने काउंसलिंग सत्र के साथ फील्ड में पोस्टेड गर्भवती महिलाओं की ड्यूटी के संबंध में दिशा-निर्देश जारी करना हैं। इसके लिए जानकारी मांगेंगे।
इस तरह की परेशानियों के समाधान के प्रयास
महिला अफसरों को कानून व्यवस्था की ड्यूटी के दौरान सुरक्षा उपकरण मसलन हेलमेट, बॉडी गार्ड अलग से डिजाइन किए जाएं। विभाग में कार्यरत सिंगल, तलाकशुदा महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर शासकीय आवास आवंटित करना। स्टाफ की हर साल स्वास्थ्य जांच हो। स्वास्थ्य संबंधी काउंसलिंग कर उसकी रिपोर्ट सर्विस रिकॉर्ड में शामिल करना। 33 फीसदी महिला पुलिसकर्मी की भर्ती करना और शासकीय कार्यालयों में प्राथमिकता के आधार पर अलग से प्रसाधन कक्ष बनाना। जिम्मेदार पदों पर महिला अफसरों की तैनाती के लिए स्थानांतरण नीति में अलग से प्रावधान करने के अलावा आरक्षक से लेकर वरिष्ठ महिला अफसरों के लिए संपूर्ण सेवाकाल में तय अवधि के लिए मैदानी पोस्टिंग का प्रावधान करना महिला व पुरुष के व्यवहार, शिष्टाचार, संवेदनशीलता विषयों पर प्रशिक्षण की व्यवस्था किया जाना। हर इकाई में जरूरत के अनुसार महिला बल के अनुपात में झूलाघर। पुलिस लाइन व कंट्रोल रूम के नए क्वाटर्स में बनाना और महिलाओं को दोपहिया चलाने की ट्रेनिंग देकर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की व्यवस्था की जाना शामिल है।