
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। चुनावी साल में भाजपा की पहली ही प्रदेश कार्यसमिति बैठक में भाजपा संगठन ने अपने पदाधिकारियों के कामकाज की समीक्षा कर निष्क्रिय पदाधिकारियों को साफ संदेश दे दिया गया है कि उन्हें सक्रियता या पद मुक्ति में से किसी एक विकल्प को चुनना होगा। यह संदेश साफतौर पर देने का काम किया है प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव ने। उन्होंने कहा है कि चुनाव में 200 दिन बचे हैं। इसलिए जो काम नहीं कर सकते, अभी से हट जाएं। मैं हमेशा फीडबैक लेता हूं ,लेकिन जमीनी हकीकत बताने के मामले में हमारे कार्यकर्ताओं से बड़ा झूठ बोलने वाला कोई नहीं है। जिनके पास जिलों का प्रभार है, वे अपने प्रभार के जिलों में नहीं जा रहे हैं तो पार्टी छोड़ सकते हैं। आप जनता को सरकार की योजनाओं का लाभार्थी कहते हैं, जबकि सबसे बड़े लाभार्थी आप लोग हैं, जिन्हें पार्टी ने सांसद- विधायक बनाया है। दरअसल संगठन की मंशा यह पता करने की रही है कि कौन सा नेता कितने पानी मे है। इस हकीकत का पता लगाने के बाद प्रदेश संगठन में शामिल कई नेताओं के कामकाज में बदलाव किए जाने की संभावना है। इसकी वजह है प्रदेश संगठन में कई ऐसे चेहरे महत्वपूर्ण पदों पर काबिज हैं, जो विधायक या सांसद भी है। वे संगठन के कामकाज पर कम अपने चुनावी क्षेत्र पर अधिक फोकस किए हुए हैं।
अब प्रदेश भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का कार्यकाल बढऩा तय हो चुका है, जिसके बाद प्रदेश पदाधिकारियों के कामकाज की समीक्षा की जा रही है। दरअसल प्रदेश पदाधिकारियों को समय -समय पर संगठन द्वारा कई तरह के काम सौंपे गए थे। इन कामों पर कितना काम हुआ है और किस पदाधिकारी ने कितना किया है। इसका आंकलन किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो प्रदेश संगठन में पांच प्रदेश महामंत्री हैं, जिनमें से दो अपने विधानसभा क्षेत्र में चुनावी तैयारियों में लगे हुए हैं, जबकि एक महामंत्री का प्रभार वाला संभाग बदलने के बाद भी वे प्रवास करने को तैयार नही हैं। लगभग इसी तरह के हालात जिला प्रभारी पदाधिकारियों के भी हैं। इसकी वजह से संभावना जताई जा रही है कि कामकाज पर खरा नहीं उतरने वाले कुछ पदाधिकारियों की छुट्टी की जा सकती है। दरअसल हाल ही में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा मैदानी स्तर पर किए गए प्रवास के बाद अब संगठन पार्टी के पदाधिकारियों के कामकाज का मूल्यांकन कर रहा है। रातापानी में हुई बैठक में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के निर्देश के बाद प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश और क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल ने प्रदेश के लगभग सभी जिलों में जाकर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर फीडबैक लिया है। खास बात यह है कि इस दौरान दोनों ही नेताओं ने जमीनी हकीकत के साथ ही संगठन नेताओं के बारे में पार्टी कार्यकर्ताओं की राय भी जानी। इस आधार पर फिलहाल सतना के जिलाध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी को हटा दिया गया है। अब पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों के कामकाज का आंकलन किया जा रहा है। इसमें भी पार्टी नेताओं को जो जानकारी मिली, उसमें प्रदेश महामंत्री शरदेंदु तिवारी अपने प्रभार के संभाग शहडोल में समय देने के बजाए अपने विधानसभा क्षेत्र में चुनावी तैयारियों में व्यस्त रहते हैं। जबलपुर से हटाकर इनका प्रभार पहले बदला गया था। इसके बाद भी वे प्रभावी साबित नहीं हुए। शहडोल संभाग में नगरीय निकाय चुनाव में परिणाम भी भाजपा के लिए अनुकूल नहीं रहे। रीवा संभाग के प्रभारी रणवीर सिंह रावत विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा के चलते अपना समय अपने क्षेत्र में ही अधिक देते हैं। वे भी संभागीय मुख्यालय रीवा में प्रवास तो करते हैं , लेकिन पूरा समय देने में कंजूसी दिखाते हैं, जबकि विंध्य में भाजपा की हालत अच्छी नही मानी जा रही है। अगर राज्यसभा सदस्य कविता पाटीदार की बात की जाए तो वे पहले भोपाल संभाग की प्रभारी थीं, तब भी इनका प्रवास केवल भोपाल मुख्यालय तक सीमित था । संगठन ने उनका प्रभार बदलकर जबलपुर संभाग कर दिया , लेकिन फिर भी वे जबलपुर में भी नियमित प्रवास नहीं कर रही हैं। यही स्थिति अन्य पदाधिकारियों की है। महामंत्री हरिशंकर खटीक चंबल के प्रभारी हैं, जतारा से विधायक होने की वजह से वे भी अपनी चुनावी तैयारियों में व्यस्त हैं। उपाध्यक्ष पंकज जोशी कालापीपल से चुनाव लड़ना चाहते हैं। जिला प्रभारी और हारी हुई सीटों पर बनाए गए प्रभारी भी प्रवास नहीं कर रहे हैं।
सलूजा से लगवाई मुहर
कांग्रेस से दलबदल कर भाजपा में शामिल हुए प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का शिवराज ने संबोधन में बार-बार जिक्र कर कांग्रेस और कमलनाथ पर लगाए गए आरोपों पर कई बार हामी भरवाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर दिन झूठ बोलती है क्यों सलूजाजी ये कोई वादा पूरा नहीं करते, क्यों सूलजा जी सही है ना। फिर कहा इनके झूठ और वादा खिलाफी के कारण ही सलूजा कांग्रेस छोडक़र आ गए, क्यों सलूजा जी बताओ सभी को।
मोर्चा प्रकोष्ठ भी निष्क्रिय
भाजपा का प्रदेश संगठन विधानसभा चुनाव से पहले संगठन को इतना मजबूत कर देना चाहता है कि हर बूथ पर हर मोर्चा और प्रकोष्ठ की टीम पार्टी का चुनावी मोर्चा संभाल सके, लेकिन अधिकांश मोर्चा-प्रकोष्ठ मंडल और बूथ स्तर पर कार्यसमिति का गठन तक करने में रुचि नहीं ले रहे हैं। भाजयुमो से लेकर महिला मोर्चा तक की मैदानी स्तर पर स्थिति कमजोर है। किसान मोर्चा और अनुसूचित जाति व जनजाति मोर्चा की सक्रियता से पार्टी के दिग्गज नेता नाराज चल रहे हैं। मोर्चा संगठनों की यह स्थिति है कि प्रदेश प्रभारी की कई फटकार के बाद जैसे-तैसे वे कार्यकारिणी का गठन कर पाए।
नए मतदाता को सच बताने पर जोर
प्रदेश भाजपा की कार्यसमिति की बैठक में विकास योजनाएं, नए लक्ष्य और युवा मतदाता पर पूरा फोकस रहा। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कमजोर बूथों का निरीक्षण कर काम करने को कहा। उन्होंने कहा, 18 से 39 साल के 52 प्रतिशत युवा वोटर हैं। 30 लाख नए वोटर बने हैं। इन पर फोकस करो। सिर्फ जीत नहीं, प्रचंड जीत के लिए काम करो। प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव का कहना था कि नए वोटर्स ने कांग्रेस के समय का कार्यकाल नहीं देखा है। नए वोटर्स को कांग्रेस की हकीकत बताओ।