अगला मुख्य सचिव कौन… डॉ. राजौरा या मलय!

  • सीएस की दौड़ में कई आईएएस अधिकारी शामिल
  • गौरव चौहान
मुख्य सचिव

मप्र के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को मिली दूसरी सेवावृद्धि की अवधि 30 नवंबर को समाप्त हो रही है। इसके साथ ही प्रदेश में अगले मुख्य सचिव की दौड़ शुरू हो गई है। इस दौड़ में 1988 से लेकर 1990 बैच के अधिकारी शामिल हैं। लेकिन सूत्रों का कहना है की प्रशासनिक दक्षता को देखते हुए 1990 बैच के आईएएस अधिकारी राजेश राजौरा को अगला मुख्य सचिव बनाया जा सकता है। हालांकि 30 नवंबर को इकबाल सिंह बैंस के रिटायरमेंट के बाद एक दिसंबर से मप्र का मुख्य सचिव कौन होगा, यह चुनाव आयोग तय करेगा। इस समय विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू है, इसलिए केंद्र सरकार कोई भी निर्णय करने से पहले आयोग से मार्गदर्शन लेगी कि बैंस को एक और सेवावृद्धि दी जाए या फिर वरिष्ठता के आधार पर किसी अफसर को प्रभार दिया जाए। यदि वरिष्ठता के हिसाब से मुख्य सचिव बनाया जाता है तो 1988 बैच की आईएएस वीरा राणा को प्रभार दिया जा सकता है।  इकबाल सिंह की जगह नया मुख्य सचिव पदस्थ होता है तो यह मप्र के लिए पहली बार होगा, एक मुख्य सचिव की निगरानी में मतदान होगा और दूसरे की निगरानी में वोटों की गिनती का काम होगा।  अगर अगले महीने चुनाव आयोग की मंजूरी से एक नया मुख्य सचिव नियुक्त किया जाता है ,तो भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि सरकार में बदलाव होने पर मौजूदा अधिकारी बने रहेंगे। नई सरकार के गठन के बाद, यह मुख्यमंत्री को तय करना है कि किसे मुख्य सचिव के रूप में बनाए रखा जाए। वहीं, वर्तमान में राज्य में इकबाल सिंह बैंस के बाद दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं, जिनमें अजय तिर्की और संजय बंदोपाध्याय का नाम है। लेकिन दोनों ही अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इसके साथ ही तिर्की और बंदोपाध्याय के बाद वीरा राणा, जो कि वर्तमान में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की अध्यक्ष हैं, सबसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं। इसके अलावा एक अन्य अधिकारी, अनुराग जैन वरिष्ठता में पांचवें स्थान पर हैं और वे भी केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं। जन स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान वरिष्ठता सूची में छठवें स्थान पर हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यदि इकबाल सिंह बैंस नवम्बर 2023 में रिटायर किये जाते है तो उनके स्थान पर नए मुख्य सचिव की नियुक्ति वरियता के आधार पर भारत निर्वाचन आयोग ही करेगा, इसमें संदेह नहीं है, तब ऐसी स्थिति में 1988 बैंच के मोहम्मद सुलेमान, 1990 बैंच के जेएन कंसोटिया अथवा 1990 बैंच के ही डॉ. राजेश राजौरा में से ही किसी का चयन होगा, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता। इस विशेष रिपोर्ट का लब्बोलुआब यह है कि इकबाल सिंह बैंस के बाद उपरोक्त तीनों वरिष्ठ नौकरशाहों के अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने पसंदीदा नौकरशाहों में 1990 बैंच के ही शिवनारायण  , राजेश राजौरा और 1990 बैंच के मलय श्रीवास्तव  में से किसी एक के मुख्य सचिव बनाने की पहल करें तो, आश्चर्यजनक कुछ भी नहीं होगा, मतलब मध्यप्रदेश में मुख्य सचिव का पद अब एक पहेली बन चुका है, कहा जाये तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
बैंस को मिल चुकी है दो सेवावृद्धि
985 बैच के इकबाल सिंह बैंस नवंबर, 2022 में सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें छह-छह माह करके दो बार उन्हें सेवावृद्धि दी जा चुकी है। चूंकि, अब विधानसभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावी है, इसलिए निर्णय बिना आयोग का मार्गदर्शन लिए नहीं हो सकता है। सूत्रों का कहना है कि मुख्य सचिव को लेकर स्थिति से अवगत कराते हुए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है। तीन दिसंबर को मतगणना होनी है, इसलिए मुख्य सचिव को लेकर निर्णय अगले सप्ताह हो सकता है। यदि बैंस को सेवावृद्धि दी भी जाती है तो यह एक माह तक के लिए होगी, क्योंकि दिसंबर के पहले पखवाड़े में 16वीं विधानसभा गठित हो जाएगी। इसके पहले मुख्यमंत्री पद की शपथ भी हो जाएगी। नई सरकार अपने हिसाब से मुख्य सचिव बनाएगी, इसलिए फिलहाल प्रभार देकर भी काम चलाया जा सकता है। इस स्थिति में जो सूची तैयार होगी, उसमें मध्य प्रदेश में पदस्थ 1988 बैच की वीरा राणा पहले स्थान पर हैं। इसके बाद 1989 बैच के मोहम्मद सुलेमान और फिर इसी बैच के विनोद कुमार का नाम आता है।
मंत्रालय में चर्चा जोरों पर
खबर है कि राज्य शासन ने मुख्य सचिव से जुड़ी फाइल को केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को भेज दिया गया है। जहां से चुनाव आयोग की सहमति के बाद नए मुख्य सचिव का फैसला होगा। मंत्रालय में अफसरों के बीच अगली सरकार को लेकर भी चर्चाओं का दौर गर्माया हुआ है। विधानसभा चुनाव के चलते इस बार प्रदेश में 5 दिसंबर तक आचार संहिता प्रभावी है। इसके चलते प्रशासनिक अफसरों की प्रमुख पदों पर पदस्थापना संबंधी सभी फैसले चुनाव आयोग की मंजूरी से ही लिए जा रहे हैं। 1 दिसंबर से पहले मुख्य सचिव का फैसला होना है। सूत्रों का कहना है कि बैंस की सेवावृद्धि के कोई भी निर्देश राज्य सरकार को प्राप्त नहीं हुए हैं, जबकि बताया जाता है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैंस को तीसरी बार सेवावृद्धि दिए जाने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा था, जिससे केन्द्र सहमत नहीं है। सूत्रों के अनुसार नई सरकार के गठन होने की स्थिति में 1990 बेंच के राजेश राजौरा को मप्र का नया मुख्य सचिव बनाए जाने की संभावनाओं पर मंथन किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि भारत का निर्वाचन आयोग वरीयता के अनुसार वीरा राणा को मप्र का नया मुख्य सचिव पदस्थ कर सकता है, लेकिन नई सरकार के अस्तित्व में आने के तुरंत बाद जिन 3 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को नए मुख्य सचिव के रूप में लिया जा रहा है, उसमें 1990 बैच के शिवनारायण, 1990 बैच के ही डॉ. राजेश राजौरा और 1990 बैच के मलय श्रीवास्तव के नाम प्रमुखता से शामिल हैं, परन्तु डॉ. राजेश राजौरा के बारे सूचनाएं प्रबल बताई जा रही हैं।

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