
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। इंदौर में होने वाली ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआईएस)के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है। इस मामले में मुख्यमंत्री का कहना है कि समिट में एक सैकड़ा से अधिक उद्योगों द्वारा अपने-अपने स्टॉल भी लगाएं जाएंगे। इस समिट में पूरी तरह से राज्य की सांस्कृतिक समृद्धि की झलक दिखाई देगी। उनका कहना है कि समिट का लाभ मध्यप्रदेश को मिलेगा। इसमें लगभग 70 देशों के 72 प्रतिनिधि एक दिन पहले इंदौर पहुंचेंगे, जहां फ्रेंड्स आॅफ एमपी कार्यक्रम के तहत उनसे भेंट की जाएगी। मध्यप्रदेश- भविष्य के लिए तैयार राज्य थीम पर होने जो रही इस समिट में पर्यावरण-संरक्षण का पूरा ध्यान रखा गया है। कार्यक्रम कार्बन न्यूट्रल और जीरो वेस्ट पर आधारित होगा। प्रदेश में देश और विदेश के निवेशकों को राज्य में लाने के लिए राज्य के औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र का प्रदर्शन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अनौपचारिक चर्चा में बताया कि इसी तरह प्रदेश में प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन भी मध्यप्रदेश में किया जाएगा, जिसमें 500 से 600 लोगों के भाग लेने की उम्मीद है। सीएम ने कहा कि जीआईएस के लिए काफी प्रयास किए गए हैं।
हम संभावित निवेशकों को लिए राज्य की क्षमताओं का विकास, निवेश के माहौल और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराएंगे। हमारे इन प्रयासों से मध्यप्रदेश में विकास का नया युग की शुरू होगा। उल्लेखनीय है कि अब इंदौर में 9 से 11 जनवरी के बीच होने जा रहे प्रवासी भारतीय सम्मेलन व ग्लोबल इनवेस्टर समिट (जीआईएस) की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। इसमें करीब 6 से अधिक राष्ट्र प्रमुख एवं उद्योगपतियों के शिरकत करने की संभावना है। करीब 65 से अधिक देशों का प्रतिनिधि-मंडल भाग लेंगे। इसमें 20 से अधिक देशों के राजदूत, उच्चायुक्त, महावाणिज्य दूतावास, राजनयिक भाग लेंगे। जबकि जीआईएस के अंतर्राष्ट्रीय मंडप में 9 भागीदार देश और 14 अंतरराष्ट्रीय व्यापार संगठन अपने देशों के विभिन्न पहलुओं का प्रदर्शन करेंगे। समिट के माध्यम से राज्य के निर्यातकों को संभावित विदेशी खरीददार से जुड?े का अवसर भी मिलेगा।
दोनों कार्यक्रमों के लिए अभी तक में 6 हजार से अधिक उद्योगपतियों और औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने पंजीकरण कराया है। इसके साथ ही कई राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्रियों और अधिकारियों के साथ आमने-सामने की बैठक के लिए अग्रणी उद्योगों से 450 से अधिक अनुरोध प्राप्त हुए हैं। जीआईएस के लिए प्रसिद्ध उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला, नोएल टाटा, नादिर गोदरेज, पुनीत डालमिया और अजय पीरामल सहित भारत के 500 से अधिक। उद्योगपति भाग लेंगे। कार्यक्रम में फार्मा, आईटी, प्रमुख आॅटोमोबाइल, कपड़ा, वस्त्र, रसायन, सीमेंट, खाद्य प्र-संस्करण, रसद, पेट्रोकेमिकल, पर्यटन, नवकरणीय ऊर्जा, सेवाओं आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख उद्योगपतियों की भागीदारी होगी।
मुख्यमंत्री ने खुद संभाला मोर्चा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को सफल बनाने के लिए खुद भी मोर्चा सम्हाला है। मुख्यमंत्री ने समिट में निवेशकों को बुलाने के लिए खुद दिल्ली, मुंबई, पुणे और बेंगलुरु में रोड शो किए। उद्योगपतियों से नियमित रूप से वन-टू-वन चर्चा एवं प्रति सप्ताह उद्योगपतियों से अपने निवास पर भेंट भी की। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न देशों के संभावित निवेशकों के साथ भी बातचीत की। यूके और यूएस ने शिखर सम्मेलन के लिए अपना निमंत्रण दिया है।
जीआईएस के प्रमुख आकर्षण
जीआईएस समिट बिजनेस-टू-बिजनेस मीटिंग, उद्योगों को सहयोग, व्यापार से संबंधित साझेदारी उत्पाद विनिमय, विभिन्न सेवाओं और संबंधित सूचनाओं के लिए एक मंच प्रदान करेगी। जी-2-बी बैठकों के माध्यम से, निजी क्षेत्र के उद्योग सरकार के साथ विभिन्न अवसरों और सहयोग पर चर्चा कर सकेंगे। दो दिवसीय जीआईएस के दौरान, विभिन्न क्षेत्रों के उद्योग प्रमुखों के साथ 19 अलग-अलग क्षेत्र-विशिष्ट सत्र होंगे। इन सत्रों में उद्योगपतियों, भारत सरकार के संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। सत्रों में भाग लेने के लिए विभागों की ओर से विभिन्न क्षेत्रों के संभावित निवेशकों को भी आमंत्रित किया गया है।
क्रेता-विक्रेता मीट भी होगी
समिट के दौरान राज्य के एमएसएमई को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने और राज्य से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए क्रेता-विक्रेता मीट का आयोजन किया जा रहा है। इसमें मुख्य रूप से यूएसए, कनाडा, इंग्लैंड, जापान, इजराइल, नीदरलैंड, सिंगापुर, थाईलैंड, कंबोडिया, बांग्लादेश और अफ्रीकी देशों के खरीदार शामिल हैं। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों जैसे टेक्सटाईल, इंजीनियरिंग, और आईटी सेवाओं के 1500 से अधिक निर्यातक सहभागिता करेंगे।
जीरो वेस्ट की थीम
मध्यप्रदेश भविष्य के लिए तैयार राज्य थीम पर होने जा रही इस समिट में पर्यावरण-संरक्षण का पूरा ध्यान रखा गया है। यह कार्यक्रम कार्बन न्यूट्रला ” और जीरो वेस्ट पर आधारित होगा। प्रदेश में देश और विदेश के निवेशकों को राज्य में लाने के लिए राज्य के औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र का प्रदर्शन किया जाएगा। समिट का उद्देश्य राज्य की नीतियों को बढ़ावा देना, उद्योग अनुकूल नीतियां बनाने के लिए औद्योगिक संगठनों के साथ परामर्श कर प्रदेश में निवेशक फ्रेंडली वातावरण बनाना, सहयोग के अवसर और निर्यात क्षमता को बढ़ावा देना है।
प्रदर्शनी में होगा प्रदेश का पवेलियन
प्रदर्शनी में एक मध्यप्रदेश को समर्पित पवेलियन होगा, जो औद्योगिक बुनियादी ढांचे, मौजूदा और आगामी औद्योगिक पार्कों, प्रमुख निवेश परियोजनाओं को प्रदर्शित करेगा। इसमें राज्य के विभिन्न पहलुओं जैसे विरासत, संस्कृति, वन्य-जीवन आदि को भी कवर करेगा प्रमुख कंपनियां फार्मा, आईटी, आॅटोमोबाइल्स, टेक्सटाईल्स, गारमेंट्स ,केमिकल्स, सीमेंट, फूड प्रोसेसिंग आदि विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा। डिजिटल प्रदर्शनी को आकर्षक बनाने के लिए डिजिटल और बहु-संवेदी उपकरण लगाए गए है। स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासी भारतीयों की भूमिका पर आधारित एक डिजिटल प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। प्रदर्शनी 900 वर्ग मीटर में फैली होगी, जिसे 20 मिनट की इंटरएक्टिव वॉक द्वारा देखा जा सकेगा।
औद्योगिक प्रदर्शनी होगी आकर्षण
एक लाख वर्ग फुट में फैले विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों को प्रदर्शित करने के लिए 100 से अधिक उद्योगों की ओर से स्टॉल लगाए जाएंगे और प्रतिभागियों को सूचित करने के लिए एआई (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) रोबोट भी होंगे। राज्य की सांस्कृतिक समृद्धि को प्रदर्शित करने के लिए सांस्कृतिक क्षेत्र भी बनाया जाएगा, जिसमें स्थानीय एवं जनजातीय कला जैसे गोंड पेंटिंग, भील पेटिंग, जरी जरदोजी, जूट, बाग प्रिंट, घंटी कारीगरों की ओर से धातु शिल्प और हथकरघा जैसे चंदेरी और माहेश्वरी वस्त्रों आदि का प्रदर्शन किया जाएगा।