भोपाल मॉडल से होगा प्रयागराज महाकुंभ में कचरा निष्पादन

 कचरा निष्पादन

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भोपाल। करोड़ों लोगों की मौजूदगी वाले महाकुंभ में स्वच्छता सर्वोपरि के सूत्र को आगे रखने की तैयारी के साथ व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए जो रोड मैप तैयार किया गया है, वह मप्र की धरती से निकला है। राजधानी भोपाल में आयोजित होने वाले सालाना आलमी तब्लीगी इज्तिमा में इसका पिछले कई सालों से प्रयोग के रूप में परखा जा चुका है। कचरा निष्पादन के इस प्रयोग को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का सम्मान भी मिल चुका है।  जानकारी के मुताबिक, जनवरी 2025 में प्रयागराज में शुरू होने वाला महाकुंभ फरवरी माह की 26 तारीख तक जारी रहेगा। इस एक माह के धार्मिक समागम के दौरान करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। बड़ी संख्या में पहुंचने वाले लोगों के बीच स्वच्छता की स्थिति को मजबूत रखना एक बड़ी चुनौती से कम नहीं है। इसी स्थिति से निपटने के लिए प्रबंधन समिति ने महाकुंभ क्षेत्र में जितने भी टॉयलेट बनाए गए हैं, वहां से निकलने वाले पानी का साइंटिफिक डिस्पोजल करने की व्यवस्था की जा रही है।  साथ ही जितना कचरा निकलेगा, उसका कलेक्शन और डिस्पोजल का एक पूरा रोड मैप तैयार किया गया है।सूत्रों का कहना है कि स्वच्छता की इस धारणा को मजबूत करने के लिए इस बार महाकुंभ में एक झोला एक थाली का कॉन्सेप्ट लांच किया जा रहा है। वहां जितने लोग आएंगे, वे अपने साथ एक झोला और एक थाली लाएंगे। इससे प्लास्टिक बैग उपयोग में नहीं आएगा और डिस्पोजल क्रोकरी भी महाकुंभ क्षेत्र में उपयोग में नहीं लाई जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि इन व्यवस्थाओं के चलते महाकुंभ में पिछली बार जितना कचरा उत्सर्जित हुआ था, इस बार उससे कई गुना कम होगा। जबकि पिछले आयोजन के मुकाबले देश की जनसंख्या बढऩे के साथ आयोजन में आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद भी बढऩे वाली है। दुनिया के सबसे बड़े मजहबी समागम में शामिल आलमी तबलीगी इज्तिमा में हर साल 10 लाख से ज्यादा अकीदतमंदों का जमावड़ा होता है। ईंटखेड़ी में होने वाले इस इस्लामिक आयोजन में देशभर और अन्य देशों से लोग जमा होते हैं। चार दिन तक चलने वाले आयोजन के दौरान यहां मजहबी तकरीर होती हैं। यहां आए मेहमानों के लिए बड़ी संख्या में खाने के स्टॉल लगाए जाते हैं।
भोपाल से निकला है कांसेप्ट
प्रयागराज में स्वच्छता सर्वोपरि की धारणा को आगे रखने की कोशिशों में भोपाल की अहम भूमिका है। यहां के निवासी पर्यावरणविद सैयद इम्तियाज अली इसके लिए प्रोजेक्ट तैयार कर रहे हैं। जल्दी ही वे महाकुंभ प्रबंधन के साथ इस पर विस्तृत चर्चा करने वाले हैं। सैयद इम्तियाज अली कहते हैं कि कोशिश यह है भारत एवं विश्व में जहां भी बड़े धार्मिक, सामाजिक इवेंट ऑर्गेनाइज होंगे, वे वहां के लिए अपनी  निशुल्क सेवाएं देंगे। वे इसके लिए सिर्फ आने-जाने का खर्चा और रहने खाने की व्यवस्था ही प्रबंधन से लेंगे। बाकी सारी व्यवस्थाएं वे टेक्निकल गाइडेंस के साथ इम्तियाज करेंगे।
प्रयोग यहां भी सफल
पर्यावरणविद सैयद इम्तियाज अली कहते हैं कि पिछले वर्ष अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का राष्ट्रीय अधिवेशन दिल्ली में हुआ था। उसमें करीब  20 हजार लोग एक सप्ताह तक रुके थे। इस आयोजन को भी जीरो वेस्ट किया था। साथ ही अन्य जगहों पर भी इस प्रोजेक्ट पर काम किया गया है। उन्होंने बताया कि दो माह पहले नेपाल में भी इसी विषय पर इम्तियाज अपना उद्बोधन एवं प्रस्तुतिकरण दे चुके हैं।

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