शिक्षकों के लिए मुसीबत बन गए हैं स्थानांतरण

स्थानांतरण

मनचाहे ट्रांसफर लेने वाले शिक्षकों को  पड़ रहे वेतन के लाले…

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। लोकशिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा भोपाल सहित प्रदेशभर में उच्चतर माध्यमिक और माध्यमिक शिक्षकों के मनचाहे स्थानांतरण कर दिए गए। लेकिन इन शिक्षकों को पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिला है। ये शिक्षक अधिकारियों के चक्कर लगा-लगाकर परेशान हो गए हैं। इन शिक्षकों को अधिकारियों द्वारा एक टका सा जवाब दिया जा रहा है कि हमारे पास पद खाली नहीं है, जब खाली होकर आएंगे तब आपको वेतन दिया जाएगा।
शिक्षकों ने अपनी स्वेच्छा से स्थानांतरण तो करवा लिए लेकिन अब वह वेतन के लिए भटक रहे हैं। दरअसल प्रदेश में पहली बार एक साथ 24 हजार से ज्यादा शिक्षक उनकी मनचाही जगह ट्रांसफर कर दिए गए। अब यही ट्रांसफर ही उनके लिए मुसीबत बन गए हैं। भोपाल में ही 300 से ज्यादा टीचर को 3 महीने से सैलरी नहीं मिली है। सीएम राइज और दूसरे स्कूल में ट्रांसफर होकर पदस्थ हुए 121 उच्च माध्यमिक शिक्षक, 148 माध्यमिक शिक्षक और 46 प्राथमिक शिक्षकों की सैलरी नहीं आई है। इसकी वजह से लगभग 315 शिक्षकों के परिवारों को अनेकों आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
अब दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर
स्थिति यह हो गई है कि शिक्षकों को होम लोन, बीमा किश्त, बच्चों की ट्यूशन इत्यादि के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। शासकीय शिक्षक संगठन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र कौशल ने बताया कि वेतन न मिलने की स्थिति शिक्षा विभाग कि विसंगतिपूर्ण शिक्षकों कि पदस्थापना एवं स्थानांतरण नीति के कारण निर्मित हुई है।  शिक्षा विभाग ने 22 अक्टूबर 2022 को नई ट्रांसफर नीति 2022 के तहत शिक्षकों के ट्रांसफर आदेश जारी कर दिए हैं।  स्कूल एजुकेशन पोर्टल पर 43 हजार 118 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए थे। स्कूल शिक्षा विभाग के अनुसार 9 हजार 681 प्राथमिक शिक्षक, 8 हजार 96 माध्यमिक शिक्षक, 3 हजार 835 उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं अन्य 1 हजार 923 शिक्षकों के ट्रांसफर किए गए हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग के अनुसार बड़ी संख्या में शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारियों से ट्रांसफर कैंसिल कराने के लिए कहा था। इसे देखते हुए ऐसे शिक्षकों को कैंसिल करने का आॅप्शन दिया गया है। जो ट्रांसफर नहीं चाहते, उनका ओदश निरस्त कर उन्हें पहले की पदस्थापना दी गई। ऑनलाइन ट्रांसफर प्रक्रिया की विशेषता यह रही कि इसमें 70 प्रतिशत शिक्षकों को उनके द्वारा चाहे गए पहले एवं दूसरे विकल्प वाले स्थान पर ट्रांसफर मिला है। 86 प्रतिशत शिक्षकों को पहले से पांचवें विकल्प के बीच उपलब्ध स्थान प्राप्त हुए हैं। 944 शिक्षकों के म्यूचुअल ट्रांसफर हुए। बता दें, म्यूचुअल ट्रांसफर दो कर्मचारियों की आपसी सहमति से होता है। कर्मचारी जोन बदलने के लिए आवेदन देते हैं। इस पर अमल करते हुए कर्मियों का तबादला किया जाता है। स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्य, संभाग और जिला स्तर पर शिक्षा विभाग के शिक्षकों के लिए विभागीय ट्रांसफर नीति की समय सारणी निर्धारित कर ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। 30 सितंबर से 10 अक्टूबर 2022 तक ट्रांसफर के इच्छुक शिक्षकों ने स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल में ऑनलाइन आवेदन लॉक किए थे।  विभागीय ट्रांसफर नीति की निर्धारित समय सारणी के अनुसार 22 अक्टूबर तक ट्रांसफर आदेश जारी होने थे। स्कूल शिक्षा विभाग ने विभागीय ट्रांसफर नीति पर क्रियान्वयन करते हुए 22 अक्टूबर को शिक्षकों के ट्रांसफर आदेश जारी कर दिए थे।
पद न होने से निर्मित हुई यह स्थिति
स्थिति यह हो गई है कि शिक्षकों को होम लोन, बीमा किश्त, बच्चों की ट्यूशन इत्यादि के दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। शिक्षकों ने बताया कि वेतन न मिलने की स्थिति शिक्षा विभाग कि विसंगतिपूर्ण शिक्षकों कि पदस्थापना एवं स्थानांतरण नीति के कारण निर्मित हुई है। शिक्षकों के वेतन के लिए जब विभागीय अधिकारियों ने जिला कोषालय में जब पत्र प्रस्तुत किए गए, तो कोषालय ने आॅनलाइन पद न होने का हवाला देकर वेतन भुगतान करने से मना कर दिया। राजधानी में पद न होने एवं अतिशेष शिक्षकों की भरमार होने के बाद भी सीएम राइज स्कूल एवं अन्य शालाओं में शिक्षकों को स्थानांतरण से पदस्थ करने एवं सीएम राइज स्कूलों में पूर्व से पदस्थ शिक्षकों को भी अन्य शालाओं के रिक्त पदों पर समायोजन नहीं होने से राजधानी में शिक्षकों की भरमार हो गई है। उपरोक्त शिक्षकों के वेतन बिल वेतन आहरण अधिकारियों ने जिला कोषालय में जब प्रस्तुत किए गए, तो कोषालय ने आॅनलाइन पद न होने का हवाला देकर वेतन भुगतान करने से मना कर दिया। ऐसे में विगत तीन महीनों से बिना वेतन के शिक्षकों को अनेकों आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा है। संगठन ने विगत तीन महीनों से बिना वेतन के शिक्षकों कार्य कर रहे शिक्षकों और उनके परिवार कि आर्थिक समस्याओं पर मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए शिक्षा मंत्री एवं शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से राजधानी के 315 शिक्षकों के विगत महीनों के वेतन भुगतान तत्काल करवाने की मांग की है।

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