पुलिसकर्मियों के मकानों पर भी वित्त का अडंग़ा

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भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। फिजूलखर्ची पर रोक लगाने में असफल रहने वाला प्रदेश के वित्त विभाग ने अब पुलिसकर्मियों के लिए बनने वाले मकानों पर भी अड़ंगा लगा दिया है। इसके तहत अब गृह विभाग पुलिस के भवनों के लिए सीधे राशि आवंटित नहीं कर सकेगा। इसके लिए अब उसे वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी। यह प्रावधान तब किया गया है ,जबकि प्रदेश सरकार ने पांच साल में 25 हजार आवास बनाने का लक्ष्य तय किया हुआ है। इन आवासों के निर्माण पर करीब 5 हजार 700 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। नए प्रावधान के मुताबिक इसके लिए पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन को वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी। इसके लिए अब कार्पोरेशन को गृह विभाग को डिमांड रिपोर्ट भेजनी होगी। इसके बाद ही बजट जारी किया जाएगा। पिछले दिनों वित्त विभाग ने गृह विभाग सहित अन्य विभागों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि हर महीने विभिन्न प्रोजेक्ट के लिए स्वीकृति दी जाएगी, लेकिन विभाग को अनुमति लेना अनिवार्य है। वित्त ने कहा कि हर महीने 4 हजार करोड़ रुपए से अधिक प्रोजेक्ट व योजनाओं में खर्च आएगा। करीब 14 विभागों को वित्त ने आदेश जारी किया है। सरकार के राजस्व के अनुसार ही विभागों को बजट जारी किया जाएगा।
प्रोजेक्ट में होगी देरी
इधर, वित्त विभाग के अनुमति लेने के नए आदेश के बाद गृह विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार ने 5 सालों में 25 हजार से अधिक आवास बनाने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में वित्त विभाग की बार-बार स्वीकृति लेने में प्रोजेक्ट में देरी हो सकती है। वहीं सरकार ने जो डेडलाइन तय की है। उसके अनुसार प्रोजेक्ट भी समय पर पूरा नहीं होगा। पिछले 6 साल के अंदर 11 हजार से अधिक आवास बनाए जा चुके है। 8 हजार का निर्माण चल रहा है। आने वाले समय में 6 हजार के अधिक आवास बनाने का लक्ष्य है।

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