‘अपनों’ को मंत्रालय में पदस्थ करने 14 मंत्रियों ने की सिफारिश…
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम।
प्रदेश में मंत्रियों ने अपने स्टाफ में काम कर रहे 250 से ज्यादा कर्मचारियों की मंत्रालय में जमावट के लिए सिफारिश की है। इन मंत्रियों ने सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार को नोटशीट लिखकर कहा है कि इन कर्मचारियों के पास काम का लंबा अनुभव है और इनमें से कई जल्द ओवरएज हो जाएंगे, इसलिए इनकी उत्कृष्ट सेवा को देखते हुए इन्हें मंत्रालय में नियमित किया जाए। करीब 14 मंत्रियों ने अपने स्टाफ के लिए यह सिफारिश की है। लेकिन विडंबना यह है कि मंत्रियों की सिफारिश काम आती नहीं दिख रही है।
मंत्रियों ने सामान्य प्रशासन विभाग को जो सिफारिश भेजी है उनमें मंत्रियों की निजी स्थापना में कार्यरत जमादार, भृत्य और चौकीदार ज्यादातर हैं। मंत्रियों ने कहा है कि 11 साल से इन कर्मचारियों की मंत्रालय में नियुक्ति नहीं हुई है। अभी ये हैं नियम सचिवालयीन सेवा में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के नियम 1987 में बने। इनमें प्रावधान है कि मंत्रालय में नियमित चतुर्थ श्रेणी के जो पद रिक्त होंगे, उन पर मंत्रालय में एक साल काम कर चुके और मंत्री स्थापना में कार्यरत कर्मचारियों को परीक्षा लेकर नियमित किया जाएगा। मंत्री को उनके कार्यकाल के दौरान कर्मचारियों को बंगले पर रखने की पात्रता है, जो मंत्री का कार्यकाल पूरा होने तक रहेंगे।
नियमितीकरण पर कोई सक्रियता नहीं दिखी
मंत्री स्थापना में कार्यरत कर्मचारियों को वल्लभ भवन की स्थाई सेवाएं मिलना उलझन में पड़ रही हैं। मौजूदा वर्ष के जनवरी से मार्च माह तक 14 मंत्री सामान्य प्रशासन विभाग को नोटशीट लिख चुके हैं, लेकिन इनके नियमितीकरण पर कोई सक्रियता नहीं दिखी है। जबकि जानकारी है कि मंत्रीगण अपनी स्थापना के इन सेवकों को विधानसभा चुनाव के पूर्व मंत्रालय में रखवाने के लिए प्रयासरत हैं। मंत्रियों ने जीएडी को जो नोटशीट लिखी। उसमें समान भाषा का ही उल्लेख किया गया है। नोटशीट के अनुसार मंत्रीगणों की निजी स्थापना में ज्यादातर भृत्य, फर्रास, चौकीदार जैसे पदों पर आकस्मिक निधि से वेतन पाने वाले कर्मचारियों को शासकीय सेवा देते हुए कई वर्ष से अधिक समय हो गया है। इन्हें शासकीय कार्यों का बेहतर अनुभव है। इनमें से अधिकांश कर्मचारियों की आयु सीमा पूर्ण हो चुकी है। वे अब अन्य शासकीय सेवा में भर्ती भी नहीं हो सकते हैं। इधर इस प्रक्रिया को लेकर बेरोजगारों के तर्क भी सामने आये हैं। निष्कासित प्रेरक एवं बेरोजगार संघ के अध्यक्ष संदीप गुप्ता का कहना है कि मंत्रालय में बैकडोर इंट्री क्यों। सीधे परीक्षा या साक्षात्कार हो। इसके बाद बोनस के आधार पर नियुक्ति दी जाए। गुप्ता का कहना है कि खाली पदों पर मंत्री स्थापना में निर्धारित कोटा के कर्मी भर जाएंगे तो बेरोजगार भी तो रोजगार के लिए भटक रहे हैं। उनका ध्यान भी सरकार को रखना चाहिए।
मंत्रालय में 250 पद खाली
मंत्रालय में नियमित चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के वर्तमान में 250 पद खाली हैं। सेवा भर्ती नियम 1987 के प्रावधान अनुसार योग्यता एवं अनुभव के आधर पर इन्हें उक्त रिक्त पदों पर नियमित किया जा सकता है। इनको नियमित किए जाने से शासन पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार भी नहीं आएगा। क्योंकि मंत्री स्थापना में पदस्थ कर्मचारियों को नियमित पद के समकक्ष वेतन प्रदाय किया जा रहा है। समस्त मंत्रीगणों की निजी स्थापना में संलग्न आकस्मिक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को दीर्घ अनुभव एवं योग्यता का दृष्टिगत रखते हुए मंत्रालय में रिक्त चतुर्थ श्रेणी के पदों पर संबंधित को नियुक्ति प्रदाय किया जाना चाहिए। मंत्री स्थापना के कर्मचारियों को वल्लभ भवन में स्थाई नियुक्ति प्रदाय करने के लिए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी सामान्य प्रशासन विभाग को नोटशीट भेजी है। उन्होंने संक्षिप्त में उल्लेख किया है कि इन कर्मियों के दीर्घ अनुभव उत्कृष्ट सेवा को आधार बनाया जाये। इनमें अधिकांश की ओवरएज को दृष्टिगत रखते हुए परीक्षा साक्षात्कार एवं सेवा भर्ती नियम प्रावधान अनुसार तत्काल नियमित किये जाने का कष्ट किया जाए।
अब तक इन मंत्रियों ने लिखी है नोटसीट
मौजूदा वर्ष के शुरूआती जनवरी माह के दौरान स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी, राजस्व मंत्री गोविंद सिंह, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री भारत सिंह कुशवाहा एवं आयुष राज्यमंत्री रामकिशोर कांवरे ने सामान्य प्रशासन विभाग को नोटशीट लिखी थी। इनमें प्रभुराम चौधरी, तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह ने तो दो नोटशीट जीएडी को प्रेषित की हैं। वहीं पिछले मार्च माह के दौरान गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के अलावा लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री हरदीप सिंह डंग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्यमंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव ने भी नोटशीट लिखी है।