निकाय चुनाव: शिव-विष्णु की जोड़ी ने फिर फहराया केसरिया

शिव-विष्णु
  • कमलनाथ के मजबूत गढ़ को ढहाया, छिंदवाड़ा जिले के छह में से चार पर किया कब्जा

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश के 18 जिलों के 46 नगरीय निकाय चुनाव के परिणामों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि प्रदेश में शिव व विष्णु की जोड़ी का कोई तोड़ नही है। इसकी वजह है बीते रोज आए निकाय चुनावों के परिणाम। भाजपा की इस जोड़ी ने ऐसा चुनावी चक्रव्यूह रचा कि कमलनाथ के बेहद मजबूत माने जाने वाले छिंदवाड़ा का गढ़ भी ढहने से नहीं बच सका  है।  कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा के छह निकायों में चुनाव हुए , जिनमें से चार पर भाजपा जीतने में कामयाब रही है।
यह जीत इसलिए और भी अहम हो जाती है क्योंकि, इस जिले की सभी विधानसभा सीटों पर न केवल कांग्रेस के विधायक हैं , बल्कि सांसद भी कांग्रेस का ही है। यही नहीं यह चुनाव परिणाम ऐसे समय आए हैं जबकि प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। इस हिसाब से भाजपा की शिव व विष्णु की जोड़ी ने आदिवासी इलाकों में एक बार फिर से कमल खिलाने में सफलता पायी है। अगर इन निकाय चुनाव परिणामों पर नजर डाली जाए तो 18 जिलों के 46 नगरीय निकायों में शामिल 17 नगर पालिका में से 11 पर भाजपा को विजय मिली है। कांग्रेस महज चार सीटें ही जीत सकी है। इनमें से एक का परिणाम टाई रहा तो एक पर निर्दलीय ने जीत हासिल की है। इसी तरह से 29 नगर परिषद में से भाजपा को 18 पर तो कांग्रेस 6 सीटों पर जीती है।
तीन नगर परिषदों पर निर्दलीयों ने जीत हासिल की है, जबकि दो जगह चुनाव परिणाम बराबरी पर छूटा है। अगर वार्ड  के हिसाब से आंकलन किया जाए तो 46 नगरीय निकायों के 814 वार्ड के लिए हुए चुनाव में भाजपा के 417 पार्षद जीते हैं, जबकि कांग्रेस के 250 , निर्दलीय 131 , 7 जगहों पर आम आदमी पार्टी ,  6 पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और 3 पदों पर बहुजन समाज पार्टी के पार्षदों ने जीत दर्ज की है। इस चुनाव में 25 पार्षद निर्विरोध निर्वाचित हुए है। इनमें नगरीय निकाय खुरई में 21, बम्हनीबंजर, बैहर, महेश्वर और थांदला में एक-एक पार्षद  शामिल हैं।  इन चुनावों को भी भाजपा संगठन व सरकार ने आम चुनावों की तरह ही लिया था, यही वजह रही की इन चुनावी क्षेत्रों में न केवल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सभाएं व रोड शो करने पहुंचे, बल्कि इस मामले में प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा भी पीछे नही रहे। चुनाव के अंतिम दिनों में तो मुख्यमंत्री ने कमलनाथ के गढ़ में जिस तरह से भावनात्मक अपील की उसके असर के रुप में कमलनाथ के जिले की चार निकायों में कमल खिल गया। 2023 विधानसभा चुनाव से पहले अंतिम चुनाव के कारण इन्हें सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा है। 46 नगरीय निकाय में अधिकतर सीटें आदिवासी क्षेत्र की थीं। यहां पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंतिम समय में बहुत जोर लगाया। इन क्षेत्रों में बीजेपी को फायदा मिला है। दरअसल आदिवासी वोटरों को दोनों की पार्टियां साधने में जोर लगा रही है। 2018 के चुनाव में आदिवासी वोटरों के कारण ही बीजेपी की सत्ता चली गई थी और कांग्रेस ने वापसी की थी। कांग्रेस ने 9 ऐसे निकाय जीते है, जो पिछली बार बीजेपी ने जीते थे। बीजेपी ने 14 निकाय में और कांग्रेस ने 1 में जीत दोहराई है।
शाह को लगा झटका
 वन मंत्री विजय शाह के गढ़ हरसूद नगर परिषद में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा यहां सिर्फ 2 वार्ड में ही जीती, 11 में कांग्रेस, 2 में निर्दलीय जीते। उधर, पुनासा नगर परिषद के 15 वार्ड में से 8 में भाजपा, 2 में कांग्रेस, 4 में निर्दलीय जीते। वार्ड 9 में टाई हो गया। उधर, खरगोन जिले की महेश्वर नगर परिषद में 15 में से 10 वार्ड में भाजपा ने जीत दर्ज की। 3 पर कांग्रेस और 2 पर निर्दलीय की जीत हुई है। महेश्वर से विजयलक्ष्मी साधौ कांग्रेस की विधायक हैं। वे कैबिनेट मंत्री भी रह चुकी हैं। मंडला जिले की नगर पालिका मंडला, नैनपुर में किसी को भी बहुमत नहीं मिला है। निवास और बम्हनी में भाजपा को बहुमत मिला है। बिछिया में कांग्रेस ने कब्जा जमाया है। मंडला नगर पालिका में भाजपा के 10, कांग्रेस के 8 और 6 निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं। नैनपुर नगर पालिका में 6 निर्दलीय जीते हैं। यहां भाजपा के 4 और कांग्रेस के 5 पार्षद चुने गए। बिछिया नगर परिषद में कांग्रेस के 8 और भाजपा के 7 पार्षद जीते।
सागर में भी दिया कांग्रेस को बड़ा झटका
सागर जिले में दो नगर पालिका और एक नगर परिषद पर भाजपा का दबदबा रहा। पीडब्ल्युडी मंत्री गोपाल भार्गव के गृहनगर गढ़ाकोटा नगर पालिका के सभी 23 वार्ड में भाजपा ने जीत हासिल की। नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के गढ़ खुरई नगर पालिका के 11 वार्ड में हुए चुनाव में सभी पर भाजपा प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। इससे पहले यहां 21 वार्ड में भाजपा के प्रत्याशी निर्विरोध चुने जा चुके थे। करार्पुर नगर परिषद के 15 वार्ड में से 9 वार्ड में भाजपा के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। 2 वार्ड में कांग्रेस, 1 वार्ड में बसपा और 3 वार्ड में निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की।
आप व गोंडवाना ने दिखाया दम
सिंगरौली जिले की दो नई नगर परिषदों में कांग्रेस का सफाया हो गया। भाजपा को भी झटका लगा है। सरई के 15 वार्डों में कांग्रेस भाजपा को 2-2 तो गोंडवाना गणतंत्र पार्टी  को पांच सीटें मिली हैं। पार्टियों से ज्यादा छह निर्दलीय प्रत्याशियों को मतदाताओं ने पार्षद चुना। बरगवां में भाजपा को छह सीट मिलीं, लेकिन आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है।
तीन सीटों का हुआ भाजपा को फायदा
पिछले निकाय चुनाव से तुलना करें तो भाजपा को बहुत ज्यादा फायदा भले नहीं हुआ है , लेकिन भाजपा मनोवैज्ञानिक बढ़त लेने में जरुर सफल रही है।   भाजपा के पास पहले भी 11 नगर पालिका थीं, इस बार भी 11 पर ही जीत दर्ज की है। भाजपा को नगर परिषद में जरूर सीटों पर अधिक जीत मिली है। पूर्व में भाजपा की 14 परिषद थीं, इस बार 17 उसके खाते में आयी हैं। इस बार कांग्रेस को नगर पालिका और नगर परिषद दोनों में नुकसान हुआ है। पिछले चुनाव में कांग्रेस के पास 5 नगर पालिकाएं थीं, जिसमें से इस बार एक कम होकर चार रह गई हैं। इसी तरह से पूर्व में कांग्रेस की 7 परिषद थीं, जो अब छह रह गई हैं। 5 ऐसी नगर पालिका हैं, जो पिछली बार कांग्रेस के कब्जे में थीं, इस बार भाजपा ने जीत दर्ज की। इसी तरह पिछली बार कांग्रेस की परिषद रहीं 5 नगर परिषद भी भाजपा ने कांग्रेस से छीन ली हैं।
सौंसर में कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला
 कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा जिले के 6 निकाय चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। 4 निकायों में भाजपा ने जीत दर्ज की है। 2 पर कांग्रेस को बहुमत मिला है। सौंसर नगर पालिका में कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला। यहां 15 में से 14 वार्ड पर भाजपा ने जीत दर्ज की। 1 वार्ड में निर्दलीय प्रत्याशी जीता है। आदिवासी अंचल की जुन्नारदेव नगर पालिका में भाजपा ने 18 वार्ड में से 11 पर जीत दर्ज की। कांग्रेस के खाते में 6 और 1 वार्ड निर्दलीय के खाते में आया। दमुआ नगर पालिका भी भाजपा ने कांग्रेस से छीन ली। भाजपा 9, कांग्रेस 8 और 1 वार्ड पर निर्दलीय ने जीत दर्ज की। मोहगांव नगर परिषद में भाजपा ने बाजी मार ली है। यहां हुए चुनाव में 15 वार्ड में से 9 पर भाजपा, 6 में कांग्रेस पार्षद ने जीत दर्ज की है। मोहगांव में कांग्रेस की परिषद थी।

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