एक साथ चुनाव होने से सरकार को काम करने का ज्यादा समय मिलेगा

  • संगोष्ठी में भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री ने कहा

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम।
    केंद्र सरकार की वन नेशन, वन इलेक्शन पहल को लेकर मप्र में भाजपा ने जनमत बनाने की रफ्तार तेज कर दी है।  इसी कड़ी में राजधानी भोपाल के संत हिरदाराम गल्र्स कॉलेज में संगोष्ठी में पार्टी के दिग्गज नेताओं ने एक साथ चुनाव कराने के फायदे गिनाए। भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने कहा कि सरकार के पांच साल में ढाई सौ दिन आचार संहिता में बीत जाते हैं। इस दौरान सरकार कोई काम नहीं कर पाती। अगर एक साथ चुनाव होंगे तो सरकार को काम करने का ज्यादा समय मिलेगा। देश में मध्यावधि चुनाव से पहले तक एक साथ चुनाव होते रहे हैं। जब पहले ऐसा हो सकता था तो आगे भी यह व्यवस्था लागू हो सकती है। उन्होंने कहा कि, एक ही वोटर लिस्ट बनेगी तो गड़बड़ी की गुंजाइश कम होगी। राहुल गांधी जैसे नेता यह नहीं कह पाएंगे कि वोट चोरी हो गए।
    कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी के जीवन पर आधारित चलो जीतें लघु फिल्म भी दिखाई गई। एक राष्ट्र एक चुनाव पर शिवप्रकाश ने कहा कि चुनावों से सरकारी अमला और सुरक्षा बलों का कामकाज प्रभावित होता है। दूसरे राज्यों और बॉर्डर से फोर्स बुलानी पड़ती है। बार-बार आना-जाना होता है और खर्च भी बढ़ता है। सरकार को वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए पब्लिसिटी पर भी पैसा खर्च करना पड़ता है। छह माह पहले से अधिकारी चुनावी माइंडसेट में चले जाते हैं। नई सरकार बनने के बाद भी छह माह कामकाज सेट करने में लगता है। इस तरह एक साल तक काम ठप हो जाता है।
    वोट चोरी जैसे आरोप नहीं लगा सकेंगे
    महामंत्री शिवप्रकाश ने कहा है कि पूरे देश में एक साथ चुनाव हुए तो एक मतदाता सूची बनेगी। उसके बाद राहुल गांधी जैसे लोग नहीं कह पाएंगे कि वोट चोरी हो गए। शिवप्रकाश ने कहा कि भारत का मतदाता परिपक्व है। उसकी नीयत और ईमानदारी पर शक करना उचित नहीं है। देश में एक हिम्मतवाला नेता बैठा है। वह जनता के लिए जीता है और जनता के लिए मरता है, इसीलिए एक देश, एक चुनाव का फैसला होने जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि अगर संसद और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएं तो देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो जाएगी। करीब 20 हजार करोड़ का अतिरिक्त खर्च बचेगा। खंडेलवाल ने कहा कि पहले भी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ हुए हैं, लेकिन बीच में मध्यावधि चुनाव और आपातकाल के कारण यह क्रम बिगड़ गया। संगोष्ठी के दौरान विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों ने एक देश, एक चुनाव की अवधारणा को बेहतर बताया। इस दौरान भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा सहित प्रमुख नेता शामिल हुए।
    लोकसभा चुनाव में सिर्फ एक लाख करोड़ खर्च
    भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि एक लाख करोड़ का खर्च हुआ था। यह सिर्फ सरकारी खर्च था। इसमें प्रत्याशियों का खर्च और अन्य चुनावी खर्च शामिल नहीं है। इसमें विधानसभा चुनावों का खर्च जोड़ दें तो बीस हजार करोड़ का खर्च अलग आता है। एक साथ चुनाव होने से यह बीस हजार करोड़ का खर्च बचाया जा सकता है। विपक्षी दल यह कहकर विरोध करते हैं कि केंद्र में मोदी लहर है, इसलिए भाजपा के लोग जीत जाएंगे। खंडेलवाल ने कहा कि हमारे देश के मतदाता काफी समझदार हैं। उड़ीसा इसका उदाहरण है जहां केंद्र के लिए मोदी की सरकार को लोगों ने वोट दिया लेकिन राज्य में बीजू जनता दल को वोट किया। खंडेलवाल ने कहा कि अस्सी साल की माता भी जब वोट देने जाती है तो वह यह तय कर जाती है कि पंच, सरपंच, जनपद सदस्य या किसी अन्य चुनाव के लिए किसे वोट देना है। समय और धन आने वाले कल की जरूरत है।
    युवाओं की ताकत को समझना होगा
    संगोष्ठी में विधायक रामेश्वर शर्मा ने युवाओं की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, हमारे युवा सोचते हैं कि भारत कैसे मजबूत बने और चुनाव एक साथ कैसे हों। इसलिए उनकी ताकत को समझना जरूरी है। शर्मा ने कहा, धर्म अलग हो सकते हैं लेकिन देश एक है। भारत माता एक है, राष्ट्रगान एक है। अगर एक विधान, एक निशान और एक प्रधान है, तो चुनाव भी एक साथ कराए जा सकते हैं। बच्चों को समझना होगा कि वन नेशन, वन इलेक्शन क्यों जरूरी है।

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