उत्पादन घटा, महंगे दाम पर खरीदकर की जा रही बिजली की डिमांड पूरी

उत्पादन घटा

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में बिजली उत्पादन करने वाले प्लांट्स में कामकाज की स्थिति ठीक नहीं होने से बिजली उत्पादन लगातार घट रहा है। ऐसे में बिजली की डिमांड पूरी करने के लिए बाहर से महंगी बिजली खरीदकर पूर्ति की जा रही है।
प्रदेश के सरकारी थर्मल पावर प्लांट्स की स्थिति अब भी खराब बनी हुई है। हालांकि लगातार हो रही बारिश के कारण बिजली की डिमांड घट गई है शनिवार को बिजली की डिमांड और सप्लाई 7022 मेगावाट तक सिमट कर रह गई है। वहीं सरकारी थर्मल पावर प्लांट्स से पांच हजार छह सौ मेगावाट उत्पादन करने वाले इन प्लांट्स में शनिवार को महज 1783 मेगावाट ही उत्पादन हुआ। यही वजह है कि बाकी की डिमांड पूरी करने के लिए बाहर से महंगे दामों पर बिजली खरीदनी पड़ रही है। सारणी के सतपुड़ा पावर प्लांट की 250 मेगावाट की दस नम्बर यूनिट 148 मेगावाट लोड पर चल रही है। वहीं चचाई की 210 मेगावाट की यूनिट पूरे लोड पर चल रही है लेकिन इससे सिर्फ 119 मेगावाट का ही उत्पादन हुआ।
लंबे समय बाद शुरू हुआ उत्पादन
यदि शनिवार को विभिन्न बिजली घरों में बिजली उत्पादन पर एक नज़र डालें तो खंडवा के श्री सिंगाजी सुपर थर्मल पावर परियोजना की तीन यूनिट से 361 दिन बाद शनिवार सुबह ही उत्पादन शुरू हो पाया है। सूत्रों की माने तो यहां की एक नंबर यूनिट से 324 मेगावॉट, दो नंबर यूनिट से 342 मेगावॉट, तीन नंबर यूनिट से 112 और चार नंबर यूनिट से 465 मेगावाट का उत्पादन हुआ। उल्लेखनीय है कि यहां छह सौ मेगावॉट की दो-दो और छह सौ साठ मेगावाट की दो-दो यूनिट है। इसी तरह संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट की 210 मेगावॉट की चार नंबर यूनिट 29 जुलाई की शाम को ही एओएच के बाद शुरू तो गई है लेकिन इसमें अभी उत्पादन ठप ही है। यहां 1340 मेगावॉट उत्पादन की क्षमता है। यहां एक नम्बर यूनिट से 121 मेगावॉट एवं तीन नंबर 130 मेगावॉट लोड पर चल रही है इससे कुल 250 मेगावॉट उत्पादन हुआ।

Related Articles