
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। कांग्रेस अब पूरी तरह चुनावी तैयारी में जुट गई है। पार्टी का पहला फोकस संगठन के विस्तार और मजबूती पर है। इसके लिए प्रदेश संगठन में बड़ी सर्जरी होने की संभावना है। दरअसल, विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस में जल्द ही बड़े बदलाव किए जाएंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का सबसे अधिक फोकस ग्वालियर-चंबल अंचल पर है। सबसे बड़ा फेरबदल ग्वालियर चंबल संभाग में देखने को मिल सकता है। इसकी वजह यह है कि श्रीमंत और उनके समर्थकों के भाजपा में जाने से कांग्रेस इस क्षेत्र में कमजोर हो गई है। इसलिए कमलनाथ की कोशिश है की संगठन को मजबूत कर भाजपा को बड़ी चुनौती दी जाए। कमलनाथ आज दिल्ली जा रहे हैं। सूत्रों की माने तो दिल्ली प्रवास के दौरान वे पार्टी हाईकमान से कार्यकारिणी को लेकर चर्चा करेंगे। चूंकि विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, इसलिए वे चाहते की नई कार्यकारिणी की घोषणा में और ज्यादा देरी न हो। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश पदाधिकारियों , जिला और ब्लॉक अध्यक्षों के नामों की घोषणा इसी सप्ताह हो सकती है। मप्र कांग्रेस कमेटी पदाधिकारियों के नाम तय कर सूची करीब तीन माह पहले एआईसीसी को भेज चुकी है, लेकिन एआईसीसी द्वारा अब तक नई कार्यकारिणी घोषित नहीं की गई है। ।
भारत जोड़ो यात्रा के कारण हुई देरी
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि पीसीसी नामों की सूची एआईसीसी को भेज चुकी है। वहीं से कार्यकारिणी की घोषणा होना है। दरअसल, एआईसीसी की ओर से निर्धारित शेड्यूल के मुताबिक ब्लॉक से लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व एआईसीसी सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया गत 20 अगस्त तक पूरी होना थी, लेकिन संगठन चुनाव की प्रक्रिया अक्टूबर में पूरी हो पाई थी। मप्र कांग्रेस संगठन चुनाव के प्रोविंशियल रिटर्निंग ऑफिसर आरसी खुंटिया ने संगठन के चुनाव कराकर पदाधिकारियों के नामों की सूची मप्र कांग्रेस कमेटी को दी थी, जिसे एआईसीसी को भेज दिया गया था। वरिष्ठ नेताओं का कहना है बीच में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव मैं और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में वर्तमान जिलाध्यक्षों के व्यस्त होने की वजह प्रदेश की नई कार्यकारिणी की घोषणा में देरी हुईं है।
16 जिलों के अध्यक्षों को बदलने पर चर्चा
ग्वालियर, शिवपुरी, भिंड, निवाड़ी, मुरैना, अशोकनगर, श्योपुर समेत करीब 16 जिलों के अध्यक्षों को बदलने की तैयारी हो रही है। देखा जाएं तो कई जिलों में कांग्रेस की हालत खराब है।
प्रभारी अध्यक्षों के भरोसे काम
इस साल के अंत में मप्र में विधानसभा चुनाव होना है, जिसकी तैयारियों में कांग्रेस जुटी है। संगठन चुनाव की प्रक्रिया संपन्न होने के भी ब्लॉक और जिला अध्यक्षों के नामों की घोषणा नहीं होने से सभी ब्लॉक और कई जिलों में प्रभारी अध्यक्षों के भरोसे काम चल रहा है। कार्यकारिणी की घोषणा नहीं होने से कई पद पर रहेंगे या नहीं , इससे आशंकित हैं । इससे संगठन का काम रहा है। खास बात यह है कि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ कई मौकों पर सार्वजनिक रूप से भाजपा के संगठन की मजबूत बताते हुए कह चुके हैं कि हमारा मुकाबला भाजपा से नहीं, बल्कि उसके मजबूत संगठन से है। हमारा संगठन कमजोर है, हमें उसे मजबूत करना है। इसके बाद भी नई कार्यकारिणी घोषित नहीं की जा सकी है।