एक आधार आईडी से 6 राज्यों में खेल!

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। आधार सेंटर के लिए ऑपरेटर्स को दी जाने वाली आईडी का बड़ा फर्जीवाड़ा दमोह में सामने आया है। जिसमें दमोह में कार्य के लिए ऑपरेटर्स को दी गई आईडी भारत के आधा दर्जन प्रदेशों और एक राज्य के डेढ़ दर्जन जिलों में एक्टिव पाई गई है। इनके रेकॉर्ड भी शिकायत के बाद हुई जांच में प्रशासन के पास उपलब्ध हो गए हैं। मामले में कलेक्टर के पत्र पर सिटी कोतवाली में अज्ञात के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
मामले में पुलिस ने अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है। ई गर्वनेंस के अनुसार आधार मशीन स्टेशन आईडी 29026 ऑपरेटर आईडी एमपी 0515डी डीएम एनएस 383239 व आईडी 29832 ऑपरेटर आईडी एमपी 0515 डी डीएम एनएस 706551 दमोह में काम करने के लिए स्वीकृत की गईं थीं। इस प्रकार फर्जी आधार बनने से न सिर्फ सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी हो सकती है, बल्कि देश की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है। कोई भी घुसपैठिया या असामाजिक तत्व फर्जी पहचान बनाकर देश में कहीं भी रह सकता है। यह मामला न केवल दमोह प्रशासन बल्कि पूरे देश की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। कलेक्टर ने सभी आधबार आईडी की जांच कराने की बात कही है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी गंभीरता से कार्रवाई करता है और दोषियों तक कब तक पहुंच पाता है।
फर्जीवाड़े उजागर होने पर पता चला है कि आधार कार्ड बनाने के लिए अधिकृत दो आईडी का दुरुपयोग कर मप्र के 19 से अधिक जिलों और देश के छह राज्यों, पश्चिम बंगाल, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और झारखंड में हजारों फर्जी आधार कार्ड बनाए गए।  यह गंभीर मामला दो अलग-अलग गोपनीय शिकायतों की जांच के बाद सामने आया, जिसने प्रशासन और पुलिस दोनों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में कलेक्टर सुधीर कोचर द्वारा 2 मई को कोतवाली थाने में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी। हालाकि, 18 दिन बीतने के बावजूद भी पुलिस अब तक किसी भी जिम्मेदार की पहचान नहीं कर पाई है।  ई-गवर्नेस प्रभारी महेश अग्रवाल ने इस पूरे प्रकरण को हैकिंग बताया और कहा कि प्रदेश में अब तक ऐसे करीब 1000 मामले सामने आ चुके हैं।
भिंड से पकड़ा गया था पूरा फर्जीवाड़ा
कलेक्टर के प्रतिवेदन में उल्लेख है कि दमोह हेल्पलाइन व अन्य गोपनीय शिकायतें 7 अप्रेल से आ रही थी। जबकि 11 अप्रेल को गोपनीय शिकायत प्राप्त हुई थी कि दमोह की मशीन आईडी 29026 भिंड जिले में चल रही है। जिस पर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण भोपाल को पत्र व्यवहार किया गया था। जहां से 16 अप्रेल को मेल के माध्यम से रिप्लाई आया था। जिसमें बताया गया कि उक्त आईडी से कितने आधार बनाए गए हैं और कहां-कहां के हैं, पूरा विवरण भेजा गया था। रेकॉर्ड के आधार पर स्पष्ट हुआ कि यह मशीन उज्जैन, देवास, इंदौर, भिंड, छतरपुर, जबलपुर, पन्ना, सागर, कटनी, शाजापुर, धार, रायसेन, गुना, दतिया, पश्चिम निमाड़, छिंदवाड़ा, मुरैना, भोपाल, झाबुआ जिलों में संचालित होना पाया गया। गंभीर बात यह है कि जिस दमयंती नगर केंद्र से यह फर्जीवाड़ा हुआ, वह कलेक्ट्रेट के बिल्कुल पास स्थित है, लेकिन अब तक वहां कार्यरत ऑग्रेटर की पहचान नहीं हो पाई है। नियमों के अनुसार हर माह आधार किट का भौतिक सत्यापन जरूरी है, जिसकी जिम्मेदारी ई-गवर्नेस और लोक सेवा केंद्र प्रबंधकों की है, लेकिन दोनों ही अधिकारी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते नजर आ रहे हैं।

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