
भोपाल/विनोद उपाध्याय /बिच्छू डॉट कॉम। भूमि विवादों के निस्तारण को गति देने के लिए प्रशासन अब राजस्व मित्रों का सहयोग लेगा। इसके लिए ग्राम पंचायतवार दो से तीन राजस्व मित्रों की तैनाती होगी। ये राजस्व मित्र जमीनी विवादों के निस्तारण में अधिकारियों का सहयोग करेंगे। इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित भी कराया जाएगा। प्रदेश में बड़े पैमाने पर भूमि पैमाइश से संबंधित छोटे-छोटे विवाद लंबित हैं। जबकि इनके निस्तारण के लिए अक्सर तहसील व थाना दिवसों में शिकायतें आती रहती हैं। राजस्व प्रशासन द्वारा तमाम प्रयास के बाद भी भूमि पैमाइश संबंधित विवादों का निस्तारण त्वरित गति पर नहीं हो पा रहा है।
ऐसे मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए अब ग्राम पंचायत स्तर पर राजस्व मित्रों की तैनाती की जाएगी। जिनके द्वारा भूमि की पैमाइश, राजस्व अभिलेखों की समझ ग्रामीणों में विकसित करने का कार्य किया जाएगा। इसके लिए एक प्रशिक्षित काडर तैयार कराया जाएगा। जिससे आपसी सहमति की स्थितियों में विवादों का सुगमता से निस्तारण कराया जा सके।
पंचायत स्तर पर नियुक्तियां
गौरतलब है कि राज्य शासन द्वारा शुरू की गई योजनाओं की सही जानकारी नहीं मिलने की स्थिति को देखते हुए कृषि विभाग के बाद राजस्व विभाग द्वारा पंचायत स्तर पर यह नियुक्तियां की जा रही हैं ताकि लोगों को योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक दिलाने में मदद मिल सके। राजस्व विभाग द्वारा विभागीय सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए गांवों में अब तक मुख्य रूप से कोटवारों की सेवाएं ली जाती रही हैं। इनके द्वारा भी पिछले कई सालों से अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन प्रदर्शन अधिकारियों के समक्ष दिए जा चुके हैं लेकिन अब तक सरकार ने कई मांगों को पूरा नहीं किया है। पंचायतों में राजस्व मित्र की नियुक्ति की जानकारी सामने आने के बाद अब कोटवार सक्रिय हो रहे हैं कि अगर ऐसा हुआ तो सरकार उन्हें दिए जाने वाले मामूली लाभ भी बंद कर देगी।
योजनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी
राजस्व विभाग प्रदेश की सभी 23 हजार पंचायतों में राजस्व मित्र की नियुक्ति करेगा। यह राजस्व मित्र सरकार की योजनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाने के साथ तकनीकी सेवाओं के इस्तेमाल की जानकारी देंगे ताकि ग्रामीण राजस्व विभाग द्वारा किसानों के हित में किए जाने वाले निर्णयों से अवगत हों और उसका लाभ ले सकें। पंचायतों में इसके पहले किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग द्वारा कृषि मित्र बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। अब राजस्व विभाग भी इसके लिए काम करने जा रहा है। सीएम शिवराज सिंह चौहान राजस्व विभाग में राजस्व मित्र की नियुक्ति को लेकर होने वाली समीक्षा बैठकों में अपडेट भी लेते रहे हैं। इसके बाद विभाग ने इसको लेकर दिसम्बर 2022 तक राजस्व मित्र नियुक्त करने की समय सीमा तय कर रखी है। बताया गया कि राजस्व मित्र पंचायत में नियुक्त होने के बाद लोक सेवा गारंटी के दायरे में आने वाले किसानों से संबंधित मामलों की जानकारी देने के साथ राजस्व विभाग की विभिन्न सेवाओं के मामले में ग्रामीणों को अवगत कराने का काम करेंगे। इसके लिए यह भी तय किया गया है कि इन्हें नियुक्ति देने के साथ योजनाओं के बारे में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।