कमलनाथ के मजबूत गढ़ में भी केसरिया लहराया

कमलनाथ
  • चौरई, बिछुआ एवं अमरवाड़ा नपा में भी खिला कमल…

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। छिंदवाड़ा जिले को प्रदेश में कांग्रेस का सबसे बड़ा दूसरा बेहद मजबूत गढ़ माना जाता है। निकाय व पंचायत चुनाव में इस जिले में पहले से ही कांग्रेस की जीत तय मानी जा रही थी , लेकिन जिस तरह के अब परिणाम सामने आए हैं उससे यह तो तय हो गया है की नाथ का यह गढ़ भी इस बार लगभग ढहने के कगार पर पहुंच गया है। निकाय चुनाव की बात की जाए तो नगर निगम को छोड़ दिया जाए तो जिले के अन्य निकायों में जिले के भाजपा नेताओं ने एकजुटता दिखाते हुए नगर पालिका और नगर परिषदों में केसरिया लहरा कर जता दिया है की वह दिन दूर नही हैं, जब पूरे जिले में कमल खिला होगा। दरअसल इसकी वजह बने हैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान। उनके द्वारा कराए जाने वाले विकास  के कार्य और जन हितैषी योजनाओं का ही असर है की आदिवासी बाहुल्य इस जिले में अब भाजपा के साथ पूरा जनसर्थन है। जिले की नगर पालिका चौरई में भाजपा की पूर्णिमा शरद जैन अध्यक्ष बनी हैं, तो वहीं अमरवाड़ा नगर पालिका में भी भाजपा की ही प्रीति नितिन तिवारी , नगर परिषद चांद में भाजपा के ही ठाकुर दान सिंह, नगर पंचायत लोधी खेड़ा में भी भाजपा समर्थित  अर्चना वीरेंद्र जायसवाल और नगर परिषद बिछुआ में भाजपा के ही रामचंद्र बोबडे निर्वाचित हो गए हैं। इस तरह से अब कांग्रेस के पास अब छिंदवाड़ा शहर ही बचा है। इसी तरह से अगर अन्य कांग्रेस के महापौर निवाचित होने वाले शहरों की बात करें तो अधिकांश में भाजपा ने बाजी मार ली है। भाजपा कटनी में भले ही महापौर का पद पार्टी की ही बागी प्रत्याशी से हार गई थी , लेकिन भाजपा ने परिषद अध्यक्ष पद पर मनीष पाठक को निर्वाचित करा लिया है।  
चला सोशल इंजीनियरिंग का दांव
प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा और कांग्रेस में परिषद चलाने वाले सभापति और अध्यक्ष पद के लिए राजनीतिक समीकरण में तेजी से बदलाव दिख रहा है। अब तक भाजपा 11 नगर निगम में अपने सभापति बना चुकी है। इनमें मेयर का चुनाव हारने वाले तीन शहर भी शामिल हैं। भाजपा संगठन ने भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में सभापति के लिए सोशल इंजीनियरिंग का सहारा लिया है।  सांची नगर परिषद का चुनाव हारने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने बाकी चुनावों की कमान अपने हाथों में ले रखी है। अगर अब तक हुए निर्वाचन  की बात की जाए तो भोपाल में भाजपा संगठन ने सभापति पद पर दलित किशन सूर्यवंशी को बनाया है। यहां पर महापौर मालती राय पिछड़ा वर्ग से आती हैं। वे सोशल इंजीनियरिंग में फिट बैठते हैं। इसी तरह से इंदौर में पांच बार के पार्षद मुन्नालाल यादव को अध्यक्ष बनाया गया है। यहां पर  ब्राह्मण महापौर के साथ ओबीसी यादव का तालमेल बिठाया गया है। अगर अन्य शहरों की बात की जाए तो रीवा में महापौर के दावेदार रहे व्यंकटेश पांडे , उज्जैन में मंत्री मोहन यादव की बहन कलावती यादव, सिंगरौली में देवेश पांड , सागर में एससी वर्ग की वृंदावन अहिरवार को और कटनी में ब्राह्मण मनीष पाठक को अध्यक्ष बनाया गया है। 

Related Articles