कोविड से उद्योगों में उत्पादन हुआ कम, करोड़ों का नुकसान

औद्योगिक क्षेत्र

कोरोना महामारी के बीच अस्पतालों में ऑक्सीजन की जरूरत को देखते हुए  सरकार ने उद्योगों को ऑक्सीजन सप्लाई पर रोक लगाई है

भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम।
प्रदेशभर के औद्योगिक क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण लगाए गए कर्फ्यू की वजह से उत्पादन कार्य प्रभावित हुआ है। एक ओर जहां कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए कर्फ्यू के दौरान मानव संसाधन और श्रमिकों की कमी रही वहीं रॉ मैटेरियल महंगा होने की वजह से उत्पादन में भारी कमी आई है। एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश के पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया, गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया और मंडीदीप इंडस्ट्रियल एरिया, मालनपुर सहित अन्य जिलों के औद्योगिक क्षेत्रों को मिलाकर करीब दस हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर और मंडीदीप में 10 से 20 प्रतिशत उद्योग तो फिलहाल बंद ही है। यहां पर अनलॉक होने का इंतजार किया जा रहा है। कई जगह है कारखानों में एक दिन छोड़कर मजदूर काम पर आ रहे हैं। इससे उत्पादन कार्य लगातार प्रभावित हो रहा है।
इन क्षेत्रों में उद्योगों पर कोरोना का असर
प्रदेश में लगभग पौने तीन लाख से ज्यादा उद्योग पंजीकृत हैं। इनमें प्रमुख रूप से पीथमपुर में 850 मंडीदीप में 750 गोविंदपुरा में 1100 जबलपुर क्षेत्र में 450 इकाइयों के अलावा तकरीबन साढ़े पांच सौ दाल और फ्लोर मिल संचालित हैं। इसी तरह मालनपुर में 125 औद्योगिक इकाइयां चल रही हैं। कोरोना संक्रमण के प्रकोप की दूसरी लहर के कारण सबसे ज्यादा असर बड़े उद्योगों पर पड़ा है। इनमें ट्रांसफॉर्मर, ऑटोमोबाइल, मैन्युफैक्चरिंग एवं पॉवर सेक्टर आदि से जुड़े उद्योग शामिल है। कोरोना काल में रॉ-मैटेरियल नहीं मिलने की वजह से भी उत्पादन प्रभावित हुआ है। यही नहीं इस दौरान रॉ-मैटेरियल महंगा भी मिल रहा है। पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया के अध्यक्ष गौतम कोठारी के अनुसार कोरोना का भारी असर उद्योगों पर पड़ा है। मंडीदीप इंडस्ट्रियल एरिया के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल के मुताबिक अकेले मंडीदीप के उद्योगों में ही ढाई से तीन हजार करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है। वहीं प्रदेश की बात की जाए तो संभावित 10 हजार करोड़ से अधिक के नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। औद्योगिक क्षेत्र गोविंदपुरा में बड़े उद्योगों में उत्पादन ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां सिर्फ छोटे-मोटे ब्रेड, बिस्किट और दवा आदि के ही उद्योग संचालित हो रहे हैं।
उद्योगों को ऑक्सीजन पर है रोक
वर्तमान कोरोना संक्रमण काल में जीवनदायी ऑक्सीजन की अस्पतालों में मरीजों को ज्यादा जरूरत है। ऐसे में सरकार ने उद्योगों को ऑक्सीजन देने पर लोग रोक लगा रखी है। जबकि अधिकांश उद्योग ऑक्सीजन पर ही निर्भर हैं। इनमें ऑटोमोबाइल, स्टील, स्विचगियर, ट्रांसफार्मर आदि का निर्माण ऑक्सीजन के माध्यम से ही होता है। लेकिन ऑक्सीजन की सप्लाई पर रोक होने की वजह से इन उद्योगों में काम ठप पड़ा है। उल्लेखनीय है कि अकेले गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में ही रोजाना चार हजार ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता पड़ती है। बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा नुकसान बड़े उद्योगों को हुआ है। इसके अलावा छोटे और मझोले उद्योगों में भी 15 से 20 फीसदी नुकसान हुआ है। इनमें ब्रेड, बिस्किट, साबुन, फार्मा इंडस्ट्री सैनिटाइजर बनाने वाली इकाइयां शामिल हैं।

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