अफसरों को बचाने दिवंगत बाबू को आरोपी बनाने की तैयारी

दिवंगत बाबू
  • मप्र में करोड़ों का खनन घोटाला ….

    भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम।
    होशंगाबाद में करोड़ों रूपए का खनन घोटाला सामने आया है। घोटाले में शामिल माइनिंग कार्पोरेशन के अधिकारियों को निलंबित कर जांच शुरू कर दी गई है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि करीब साढ़े 4 करोड़ रुपए के इस घोटाले में अफसरों को बचाने के लिए एक दिवंगत बाबू को आरोपी बनाने की तैयारी चल रही है। जानकारी के अनुसार होशंगाबाद में करीब साढ़े 4 करोड़ रुपए की गड़बड़ी सामने आने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने आनन-फानन में तत्कालीन माइनिंग कार्पोरेशन अधिकारी और एक बाबू को निलंबित किया है, जबकि एक अधिकारी सेवानिवृत्त हो जाने के कारण वेतन सहित अन्य फंड रोक दिए हैं। मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद दोषी खुद को बचाने की जुगत में हैं। दरअसल माइनिंग कार्पोरेशन कार्यालय में पदस्थ रहे बाबू डीएन मिश्रा की कोरोना से मौत हो गई थी। अब पूरा मामला उनके सिर पर मढ़ने की तैयारी चल रही है। बताया जा रहा है कि माइनिंग के अधिकारी और बाबू ने वरिष्ठ अधिकारियों को डीएन मिश्रा के कार्यकाल का मामला बता रहे हैं।
    भारी लेनदेन करके गोलमाल
    मामला करीब एक साल पुराना है। तत्कालीन माइनिंग अधिकारी राजीव सक्सेना के कार्यकाल में कार्पोरेशन को लगभग साढ़े 4 करोड़ रुपए का घोटाला किया है। इन अफसरों ने रेत माफियाओं और रेत ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए नियमावली और कार्ययोजना बदली में भारी लेनदेन करके गोलमाल किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक माइनिंग कार्पोरेशन में बैठे तत्कालीन अधिकारी राजीव सक्सेना के कार्यकाल में लगभग 4 करोड़ 42 लाख रुपए का घोटाला हुआ है। इस मामले में तत्कालीन माइनिंग कार्पोरेशन अधिकारी आरके नेमा एवं बाबू गोपाल कुमार अजनेरा शामिल हैं।
    इस मामले में राजीव सक्सेना को निलंबित किया है वहीं दूसरे अफसर आरके नेमा पर विभागीय जांच के साथ-साथ वेतन एवं सरकार से मिलने वाले सभी फंड की राशि पर रोक लगा दी है। बता दें कि आरके नेमा सेवानिवृत्त हो चुके हैं। दूसरी तरफ बाबू जीके अजनेरा को निलंबित कर दिया है। इस मामले में दोनों अफसर होशंगाबाद माइनिंग कार्पोरेशन में कार्यरत थे। इस दौरान उक्त अधिकारियों ने भारी अनियमिताएं की गई हैं।
    अपने खाते में जमा करा ली राशि
    मप्र माइनिंग कार्पोरेशन भोपाल द्वारा अधिकारियों पर जांच चल रही है। रेत माफियाओं से सांठगांठ कर विभाग की राशि को सरकारी खजाने में जमा ना कर खुद के खाते में जमा करने की बात सामने आई है। सूत्रों का कहना है कि जब से संभागीय मुख्यालय पर माइनिंग कार्पोरेशन का कार्यालय शुरू किया है, तब से अब तक इस कार्यालय में आरके नेमा का सबसे अधिक कार्यकाल रहा। वह लगभग यहां तीन बार पदस्थ किए गए हैं। इनके कार्यकाल में एक से बढ़कर एक घोटाले सामने आये हैं और इसी कार्यालय से वह सेवानिवृत्त हुए हैं। होशंगाबाद कलेक्टर नीरज कुमार सिंह का कहना है कि मामला गंभीर है, इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और दोषी अफसरों पर शासन स्तर पर कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।

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