यस एमएलए: सांची में प्रभु राम को मुदित से चुनौती

 प्रभुराम चौधरी

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। अपने बौद्ध स्मारकों के लिए विश्वविख्यात सांची में इस समय चुनावी माहौल है। सांची विधानसभा मप्र के 230 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। यह सीट रायसेन जिले के अन्तर्गत आती है। यह विधानसभा एससी वर्ग के लिए आरक्षित है। सांची से मौजूदा विधायक प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी हैं। जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी हैं। उन्हें 2018 में कांग्रेस के टिकट पर 10,813 वोटों से जीत मिली थी। प्रभु राम ने पूर्व मंत्री गौशंकर शेजवार के बेटे मुदित को हराया था। हालांकि 2020 में हुए दलबदल में प्रभुराम कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। 2020 के उपचुनाव में प्रभुराम 63 हजार से ज्यादा वोटों जीते थे। प्रभुराम चौधरी कांग्रेस से 3 बार विधायक रह चुके हैं। इस बार भी इस सीट पर प्रभु राम और मुदित के बीच टिकट की दौड़ है। यह सीट एससी वर्ग के लिए आरक्षित है। प्रदेश सरकार में यहां के विधायक अहम भूमिकाओं में रहे हैं। पूर्व में यहां से भाजपा के कद्दावर नेता डा. गौरीशंकर शेजवार छह बार विधायक चुने जाने के साथ ही कैबिनेट मंत्री भी रहे। उन्हें पटखनी देने वाले, कांग्रेस से तीन बार विधायक चुने गए डॉ. प्रभुराम चौधरी कमल नाथ सरकार का साथ छोडक़र भाजपा में शामिल हो गए और विधायक बने। बता दें कि सांची से पिछले 3 दशक से शेजवार परिवार भाजपा से चुनाव लड़ता रहा है। लेकिन प्रभु राम चौधरी के भाजपा में आने से शेजवार परिवार का सियासी गणित बिगड़ गया है। 2023 के चुनाव में शेजवार परिवार पर सबकी निगाहें हैं। प्रभुराम चौधरी और शेजवार परिवार के बीच राजनीति पटरी नहीं बैठती हैं। ऐसे में आगामी चुनाव में टिकट को लेकर रस्साकशी हो सकती है। शेजवार परिवार भी टिकट के लिए दावा करेगा।
दो डॉक्टरों के बीस होता रहा मुकाबला
डॉ. प्रभुराम चौधरी रायसेन जिले के सांची से विधायक हैं। यहां पर 1985 से 2018 तक दो डॉक्टरों के बीच मुकाबला होता आया है। डॉ. गौरीशंकर शेजवार बीजेपी से चुनाव लड़ते और उनके सामने कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर डॉ. प्रभुराम चौधरी ताल ठोकते, लेकिन सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल होने के बाद प्रभु राम के प्रचार के लिए शेजवार को आना पड़ा। एक-दूसरे के धुर विरोधी जब साथ आए, तो प्रभुराम रिकॉर्ड 63,809 वोटों से उपचुनाव जीते। दोनों डॉक्टरों के दल तो मिल गए, लेकिन दिल नहीं मिल पाए। उपचुनाव के बाद पार्टी ने शेजवार को नोटिस थमा दिया। शेजवार भी प्रभुराम पर हमले बोलते रहते हैं। वर्तमान में नई और पुरानी भाजपा कार्यकर्ताओं में मनमुटाव है। यहां डॉ. प्रभुराम चौधरी ने सागर रोड पर श्रीराम परिसर नाम से कार्यालय बना रखा है। दूसरा है जिला भाजपा कार्यालय बस स्टैंड के पास स्थित है। श्रीराम परिसर में कोई कार्यक्रम होता है, तो वहां पुराने भाजपाई नहीं जाते। असल में उनका मानना होता है कि श्रीराम परिसर सिर्फ सिंधिया समर्थक भाजपाइयों के लिए है।
रोजगार के संसाधन नहीं
क्षेत्रीय विधायक के मंत्री होने के कारण क्षेत्र में विकास तो हुआ है, लेकिन रोजगार के संसाधन नहीं हैं। सांची विधानसभा की बात की जाए तो यहां पर बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। लोगों को रोजगार के लिए भोपाल और दूसरे बड़े शहरों का रुख करना पड़ता है। इसके अलावा प्रभु राम चौधरी ने वादा किया था कि एक अच्छा हॉस्पिटल बनाएंगे, हॉस्पिटल तो बन गया लेकिन, वहां पर डॉक्टर की कमी से मरीज परेशान रहते हैं। इसके अलावा बात की जाए तो उन्होंने पिछले चुनाव में अच्छी सडक़ों का वादा किया था वह वादा लगभग पूरा कर दिया है। क्षेत्र में भोपाल- दीवानगंज के बीच रामपुर खेड़ा में करीब 10 हजार करोड़ रुपये की लागत की औद्योगिक इकाइयां संचालित हैं,लेकिन क्षेत्र के लोगों को इनमें रोजगार नहीं मिलता।
विकास के अपने-अपने दावे
विधानसभा क्षेत्र में विकास के अपने-अपने दावे किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री व भाजपा विधायक डा. प्रभुराम चौधरी का कहना है कि सांची विधानसभा क्षेत्र में पिछले साढ़े चार वर्षों में दो हजार करोड़ से अधिक के विकास कार्य हुए हैं। इतने काम पूर्व के 70 वर्षों में भी नहीं हुए हैं। सांची नगर को देश की दूसरी सोलर सिटी के रूप में विकसित किया गया है। हर घर में नल से जल पहुंचाने का काम चल रहा है। नए उद्योगों की स्थापना हो रही है। सभी ग्राम पंचायतों में, हेल्थ व वेलनेस सेंटर स्थापित हैं। वहीं जिला कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व विधायक देवेंद्र पटेल का कहना है कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने भोपाल से रायसेन बाईपास राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण स्वीकृत किया था। दिग्विजय सिंह सरकार में गांव-गांव चौपाल लगाकर लोगों की समस्या हल की जाती थी। अब ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल में न तो शिक्षक पहुंचते हैं और न ही अस्पताल में डाक्टर रहते हैं। बिजली, पानी व सडक़ जैसी मूलभूत आवश्यकताओं में कमी से जनता परेशान है। डा. प्रभुराम चौधरी का क्षेत्र के लोगों से निरंतर संपर्क रहता है। वे समय- समय पर क्षेत्र का दौरा करते हैं। यही उनकी रिकार्ड जीत की सबसे बड़ी वजह है। मंत्री होने के बाद भी वे सप्ताह में चार दिन क्षेत्र में रहते हैं। क्षेत्र के नागरिकों के लिए वे सुलभ व सरल नेता के रूप में उपलब्ध रहते हैं।
सडक़ों की जर्जर हालत
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी यहां से तीन बार कांग्रेस से और चौथी बार भाजपा से विधायक बने हैं। मंत्री के क्षेत्र में कई दूरस्थ इलाकों में सडक़ों की जर्जर हालत और स्कूलों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। स्वास्थ्य केंद्रों में डाक्टरों की कमी से भी जनता नाराज नजर आती है। यहां बिजली के आने- जाने का कोई समय निश्चित नहीं है। कभी चार तो कभी आठ घंटे बिजली गुल रहती है। कुछ स्थानों पर बिजली के खंभे गिर गए। कुछ स्थानों पर तिरछे हुए खंभों के कारण तार झूलते रहते हैं। ग्रामीण इलाकों में सडक़ों की जर्जर हालत और हांफते हैंडपंपों की समस्या भी है। सुदूर अंचल के स्कूलों में शिक्षकों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डाक्टरों की कमी है। गीदगढ़ टोला में दो किमी सडक़ व नदी पर पुल नहीं होने से रहवासी वर्षा में मुख्य सडक़ से कटे रहते हैं। हाल ही में विधायक ने यहां सडक़ निर्माण के लिए भूमिपूजन किया है।

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