60 हजार अपात्रों को भी थमा दी गई पीएम सम्मान निधि, अब की जाएगी वसूली

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60 हजार अपात्रों को भी थमा दी गई पीएम सम्मान निधि, अब की जाएगी वसूली
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में ऐसे अपात्र किसानों को भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि व मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ दे दिया गया, जो इसके लिए पूरी तरह से अपात्र हैं। अब ऐसे किसानों की जांच कर उनसे राशि की वसूली की जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। फिलहाल किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत तीन किश्तों में छह हजार और मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत साल में चार हजार रुपए दो किस्तों में प्रदान किए जाते हैं। वर्तमान में इन दोनों ही योजना का लाभ प्रदेश के 81 लाख किसानों को मिल रहा है। कई राज्यों में अपात्र किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि गलत तरीके से लेने का खुलासा होने बाद अब सभी की जांच कराई जा रही है।
इसके तहत ही मप्र में अब तक करीब इस तरह के अपात्र 60 हजार किसानों का पता लगाया जा चुका है। अब इन किसानों पर सरकार शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। अब सरकार इन किसानों से इन दोनों ही योजनाओं में ली गई राशि की वसूली करने की तैयारी कर चुका है। इसके लिए कलेक्टरों को निर्देश भी दिए जा चुके हैं।
जबलपुर में मिले 1681 अपात्र किसान  
अगर जबलपुर जिले की ही बात की जाय तो वहां पर अब तक एक हजार 681 अपात्र किसानों को जिला प्रशासन द्वारा सम्मान निधि वापस करने के नोटिस दिए जा चुके हैं। यह वे किसान हैं जो आयकरदाता भी है। जबलपुर जिले में एक लाख 80 हजार किसान हैं, जिनके खाते में केंद्र सरकार की ओर से छह हजार व राज्य सरकार की ओर चार हजार रुपये की किसान निधि डाली जाती है। खास बात यह है कि इन अपात्र किसानों की सूची केन्द्र सरकार द्वारा जारी की गई है। इसी तरह की कार्रवाई अन्य जिलों में भी शुरू की जा चुकी है।
सत्यापन का काम हुआ शुरू
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक अब तक प्रदेश में 60 हजार से अधिक अपात्रों के नाम सामने आ चुके हैं। इन सभी से दी गई राशि वूसली की तैयारी कर ली गई है। इसके अलावा प्रशासनिक स्तर पर सत्यापन कार्य भी शुरू किया जा चुका है। इसके बाद उनसे राशि की वसूली की जाएगी। दरअसल इस योजना में आयकरदाता या शासकीय अधिकारी-कर्मचारी होने पर किसान समान निधि की पात्रता नहीं होती है। किसानों को इस बात का घोषणा पत्र आवेदन के साथ देना होता है कि वे आयकरदाता नहीं हैं। इसके बाद भी करीब 60 हजार प्रकरण ऐसे सामने आए हैं, जिनमें किसानों ने आयकरदाता होने की जानकारी नहीं दी। इसी तरह से किसान की मृत्यु होने के बाद स्वजन द्वारा सूचना नहीं देने के प्रकरण भी बड़ी संख्या में सामने आए हैं। इनकी भी जांच पड़ताल की जा रही है।

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