समर्थन के फेर में मूँग की खेती करने वाले किसान पसोपेश में

मूँग की खेती
  • मूंग फसल की कटाई पूरी…समर्थन मूल्य पर खरीदी का मामला अधर में

    भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में गर्मी के मूंग की फसल की कटाई हो गई है, लेकिन समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी के लिए अभी तक पंजीयन भी शुरू नहीं हुए हैं, इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसानों ने मूंग की कटाई के बाद थ्रेसिंग भी करा ली है, लेकिन कम दामों के कारण वह मंडी में नहीं बेच पा रहे हैं। उन्हें इस बात की भी चिंता सता रही है कि यदि समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं हुई तो उन्हें कम दामों में मूंग बेचना पड़ेगी। फिलहाल समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी को लेकर कोई निर्देश नहीं हैं।
    बता दें कि पिछले दो साल से सरकार समर्थन मूल्य पर किसानों की मूंग खरीदती आ रही है। उत्पादन अधिक और भाव भी अच्छे मिलने के कारण लगातार प्रदेश में मूंग का रकबा बढ़ता जा रहा है। लेकिन इस साल अभी तक पंजीयन नहीं होने से किसान असमंजस में बने हुए हैं। किसानों का कहना है कि पिछले साल मई माह में उन्होंने पंजीयन करा लिए थे। इसके लिए पटवारियों ने भी खेत-खेत पहुंचकर मूंग की बोवनी का सत्यापन किया था, उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही पंजीयन हुए थे, लेकिन इस साल मई भी निकल गई और जून का दूसरा सप्ताह भी गुजर गया, लेकिन अभी तक पंजीयन तो दूर खरीदी को लेकर भी कोई दिशा-निर्देश नहीं आए हैं।
    अप्रैल में केंद्र को भेजा गया है प्रस्ताव
    जानकारी के अनुसार कृषि विभाग अप्रैल में इस संबंध में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज चुका है, लेकिन केंद्र की तरफ से अब तक इसका कोई जवाब नहीं आया है। ऐसे में यह कह पाना मुश्किल है कि समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी होगी या नहीं और होगी तो कब तक होगी? चूंकि दिल्ली से प्रस्ताव का कोई जवाब नहीं आया है, इसलिए राज्य सरकार भी मूंग की खरीदी को लेकर कुछ कहने की स्थिति में नहीं है। कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि मूंग उपार्जन के लिए रजिस्ट्रेशन की अनुमति केंद्र सरकार को देना है। हम अप्रैल में केंद्र को इस संबंध में प्रस्ताव भेज चुके हैं। उम्मीद है कि जल्द ही केंद्र से निर्देश आ जाएंगे, इसके साथ ही मूंग उपार्जन के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। किसानों का कहना है कि पिछले साल समर्थन मूल्य पर सरकार ने किसानों से 7 हजार 200 रुपये प्रति क्विंटल में मूंग की खरीदी की थी। जबकि वर्तमान में कृषि उपज मंडी में 4 हजार से 5500 रुपये प्रति क्विंटल तक मूंग खरीदी जा रही है। यदि समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी नहीं हुई तो किसानों को दो से ढाई हजार रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान उठाना पड़ेगा।
    साल दर साल बढ़ रहा रकबा
    मूंग की खरीदी को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होने से मूंग उत्पादक किसान भी परेशान हैं। मूंग का समर्थन मूल्य 7275 रुपए प्रति क्विंटल है। प्रदेश में साल-दर-साल मूंग का रकबा बढ़ता जा रहा है। इस साल अकेले नर्मदापुरम जिले में 2.32 लाख हेक्टेयर में और हरदा में 1.35 लाख हेक्टेयर में मूंग की बुवाई की गई थी। बैतूल, नरसिंहपुर, भोपाल, रायसेन, विदिशा, सागर समेत अन्य जिलों में भी बड़ी तादाद में किसानों ने मूंग की बुवाई की थी। मानसून के आगमन को देखते हुए मूंग फसल की कटाई का काम पूरा हो गया है। भोपाल के खजूरी कलां के किसान मिश्रीलाल राजपूत का कहना है कि गर्मी ज्यादा होने और पानी की कमी के कारण इस बार पिछले साल के मुकाबले मूंग का उत्पादन कम हुआ है। कृषि मंडी में मूंग का भाव 5000 से 5400 रुपए प्रति क्विंटल तक है। चूंकि उत्पादन कम हुआ है और लागत ज्यादा है, इसलिए यदि समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी नहीं की गई, तो किसानों को घाटा हो जाएगा, इसलिए सरकार को जल्द से जल्द एमएसपी पर मूंग की खरीदी करना चाहिए। सागर जिले की गढ़ाकोटा तहसील के रतनारी गांव के किसान अरविंद सिंह का कहना है कि किसान सरकारी खरीदी के इंतजार में घरों में मूंग रखे हुए हैं। खरीफ फसल की बुवाई का समय नजदीक आ गया है। किसानों को डीजल, खाद, बीज के लिए पैसों की जरूरत है। यदि सरकार जल्द मूंग नहीं खरीदती है, तो मंडी में सस्ते दामों में मूंग बेचने पर किसानों का नुकसान होना तय है।

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