पार्टी विधायकों ने अपनी ही सरकार पर खड़े किए सवाल

गौरव चौहान
१० मार्च से शुरू हुआ विधानसभा का बजट सत्र हंगामेदार रहा है, लेकिन हंगामा की जगह चर्चा पार्टी विधायकों द्वारा अपनी ही सरकार के कामकाज को लेकर पूछे गए सवालों की अधिक है। इस दौरान विपक्ष ने भी परिवहन घोटाला, भ्रष्टाचार और बिगड़ती कानून व्यवस्था जैसे मामलों को उठाया है, तो सत्ता पक्ष के विधायकों ने  योजनाओं में लेटलतीफी, धान उपार्जन घोटाले और सिंहस्थ के लिए अधिग्रहित की जाने वाली किसानों की जमीन के मुद्दे पर सवाल पूछे। कई बार तो अपने ही विधायकों के प्रश्नों के उत्तर देने में विभागीय मंत्री असहज हो गए।
जबलपुर की पाटन सीट से बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने धान उपार्जन घोटाले पर अपनी ही सरकार और सिस्टम को घेरा। जबलपुर में धान खरीदी में 5 करोड़ से ज्यादा का घोटाला हुआ है, ईओडब्ल्यू मामले की जांच कर रही है।  विश्नोई ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए सरकार से पूछा कि घोटाले को अंजाम देने के लिए फर्जी आरओ जारी किए गए। जिन ट्रकों से धान का परिवहन हुआ वो टोल नाकों से गुजरकर ग्वालियर, उज्जैन, मुरैना जैसे शहरों में गए। इसकी जांच आसानी से हो सकती है। एक माह से ज्यादा समय होने के बावजूद अब तक जांच पूरी नहीं हुई है। इस पर खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा- किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और जहां भी कम्प्यूटर ऑपरेटर्स की गड़बडिय़ां सामने आएंगी, कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विश्नोई ने तीन मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। मिलिंग के लिए व्यापारी धान उठाते हैं। ट्रांसपोर्टेशन चार्ज, मिलिंग चार्ज और प्रोत्साहन राशि लेते हैं और धान वहीं बेचकर चले जाते हैं। इसे रोकने के लिए सरकार की क्या योजना है? धान या किसी दूसरी जींस का उपार्जन सहकारी समितियों के जरिए होता है। इनमें से कई कर्मचारियों की वजह से डिफाल्टर हो गई हैं। उन्हीं कर्मचारियों को फिर से खरीदी के काम में नियुक्त किया जाता है।
किसानों को धान का भुगतान कब तक मिलेगा? जिन कंप्यूटर ऑपरेटर्स ने गड़बड़ी की हैं, क्या उनका पता लगाया जाएगा। इसी तरह से भिंड विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए बिजली कटौती का मुद्दा उठाया। उन्होंने ये तक कहा कि ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, भ्रष्ट अफसर को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल, कुशवाहा ने कहा कि भिंड में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के महाप्रबंधक प्रदीप जैन की लापरवाही से बिजली कटौती हो रही है। इस पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पर्याप्त बिजली दी जा रही है। तोमर के इस जवाब पर कुशवाह बोले कि मंत्री जी आप भ्रष्ट अधिकारी को बचा रहे हैं। ऐसे अधिकारियों को सस्पेंड कर जांच कराई जानी चाहिए। वहीं, कुशवाहा का साथ देते हुए बीजेपी विधायक तेज बहादुर सिंह चौहान ने कहा कि बिजली विभाग के अफसर हमेशा गांवों में ब्लैकआउट की स्थिति रखते हैं। सवाल पूछने पर गलत जानकारी देते हैं। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी कहा कि सत्ता पक्ष का विधायक आवाज उठा रहा है, इसलिए इस मामले में कार्रवाई होनी चाहिए। विपक्ष की बात तो सरकार सुनती नहीं है। इस पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि विधायक की भावनाओं के आधार पर कार्रवाई होगी, किसी भी हालत में अधिकारी बख्शा नहीं जाएगा। इसी तरह से भिंड विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने उनके विधानसभा क्षेत्र के नयागांव में नया गल्र्स कॉलेज खोलने के मुद्दे पर उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री इंदर सिंह परमार को घेरा। कुशवाहा ने ये तक कहा कि सरकार बेटी पढ़ाओ के नारे देती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 6 मार्च 2024 को भिंड में आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए वादा किया था कि नया गांव में नवीन महाविद्यालय खोला जाएगा। लेकिन एक साल बाद भी प्रक्रिया शुरू तक नहीं हुई। विधानसभा में विधायक कुशवाहा और मंत्री परमार के बीच इस मामले में बहस भी हुई।  
मालवीय को अब करना पड़ रहा नोटिस का सामना
उज्जैन में अप्रैल-मई 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिए किसानों की जमीन के स्थायी अधिग्रहण पर आलोट के बीजेपी विधायक चिंतामणि मालवीय ने विधानसभा में अपनी ही सरकार को घेरा। बजट पर सामान्य चर्चा के दौरान मालवीय ने कहा कि उज्जैन का किसान डरा हुआ है। उसकी जमीन छीनी जा रही है। इस पर तराना के कांग्रेस विधायक महेश परमार ने मालवीय का समर्थन किया। मगर, उज्जैन उत्तर से बीजेपी विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा ने आपत्ति दर्ज की। मालवीय के इस मुद्दे से सरकार असहज नजर आई।  इसके पीछे उज्जैन के किसानों को आशंका है कि कॉलोनाइजर्स और भू-माफिया का यह षड्यंत्र है। पैसा प्रतिभा से कमाया जाता है और जो जितना प्रतिभाशाली होता है, उतना ही धनवान भी होता है, ऐसा माना भी जाता है। उन्होंने यहां तक कहा कि हम तो पानी के बुलबुले हैं, भोर के सितारे हैं, लेकिन सिंहस्थ पांच हजार वर्षों तक चलेगा। जब तक इस देश में हिंदू है और विश्व में कहीं भी हिंदू हैं, सिंहस्थ चलेगा। हम सिंहस्थ की जमीन का इस तरह प्रयोग नहीं कर सकते कि उससे बड़ा नुकसान हो जाए। अब यह मामला पूरी तरह से तूल पकड़ चुका है। इस मामले में संगठन ने उन्हें कारण बताओ नोटिस तक जारी कर दिया है।
किसानों के नाम पर घेरा
सिरोंज के विधायक उमाकांत शर्मा ने भी सरकार को घेरते हुए पूछा कि मुख्यमंत्री किसान सम्मान योजना एवं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की अगली किस्त किसानों को कब मिलेगी? विदिशा जिले के कितने किसानों को दोनों योजनाओं का फायदा नहीं मिलने की शिकायतें की गई है? उनका निराकरण क्यों नहीं हो रहा है? इस पर सरकार ने जवाब दिया- योजनाओं का फायदा नहीं मिलने की 19,481 शिकायतें सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर मिली थी। इनमें से सिर्फ 776 शिकायतों का निराकरण होना शेष है। 663 शिकायतें फरवरी माह में दर्ज हुई हैं, जिनका निराकरण किया जा रहा है। शर्मा ने ग्राम पंचायतों की जांच, अधिकारियों पर वित्तीय अनियमितता, नगर निगमों की सडक़ों की जांच और वनों की अवैध कटाई को लेकर भी सरकार को घेरा। उधर, भाजपा विधायक भगवानदास सबनानी ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से भोपाल के कोटरा स्थित गंगानगर में प्रधानमंत्री आवास निर्माण कार्य पूरा नहीं होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इन आवासों का छह साल में भी निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। बार-बार इसकी समय सीमा बढ़ती जा रही है। इसके चलते हितग्राही किराए से रहने को मजबूर हैं। उन्हें आवास के लिए राशि दी जानी चाहिए।

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