पंचायत चुनाव: मतदाताओं ने दूसरे चरण में भी दिया वंशवाद को झटका

पंचायत चुनाव
  • विधायक सुमित्रा कास्डेकर, चंद्रभागा किराडे, राजश्री और बाला बच्चन के परिजन भी हारे

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। नेता और राजनैतिक दल भले ही वंशवाद और परिवारवाद को नहीं छोड़ पा रहे हैं , लेकिन अब मतदाताओं ने इससे दूरी बनाना शुरू कर दी है। यही वजह है कि प्रदेश में अब तक हुए दो चरणों के चुनावों में लोगों ने नेताओं के बेहद करीबी रिश्तेदारों व परिजनों को हराकर अपनी मंशा साफ कर दी है। इन दो चरणों के चुनाव के अब तक जो रुझाान सामने आए है उसमें सांसद,मंत्रियों से लेकर विधायकों और संगठन के सूरमाओं को वापस खाली हाथ घर बैठने के स्पष्ट संकेत दे दिए हैं। यह बात अलग है कि इसके बाद भी कुछ नेताओं के परिजन जीतने में जरुर सफल रहे हैं।
सूबे में अभी तीसरे चरण का मतदान होना बाकी है। इन दो चरणों के रुझानों के बाद माना जा रहा है की तीसरे चरण के चुनाव परिणाम भी इसी तरह से वंशवाद की राजनीति पर भारी पड़ने वाले ही होंगे। उधर ग्रामीण मतदाताओं के इस रुख की वजह से नगरीय निकाय चुनावों में अपनी किस्मत आजमाने उतरे नेताओं के परिजनों व रिश्तेदारों की धड़कने जरुर बड़ी हुई हैं। ग्रामीण मतदाताओं के स्पष्ट संकेत के बाद शायद ही नेता और उनकी पार्टियां इससे सबक लें। यह सवाल उठने की वजह है भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा निकाय चुनाव के पहले सार्वजनिक घोषणा के बाद भी प्रदेश में कई नेता ऐसे हैं, जिनकी पत्नीयों, पार्टी पदाधिकारियों और दूसरे वार्ड के निवासियों को जमकर प्रत्याशी बनाया गया है। उधर, इसी तरह का खेल कांग्रेस में भी जमकर खेला गया है।
अब तक तो  जानकारी आयी है उसके मुताबिक शमशाबाद से भाजपा विधायक राजश्री की बेटी यशोधरा सिंह कांग्रेस समर्थित चैतन्य विक्रम सिंह से हार गई हैं। पूर्व में कांग्रेस से विधानसभा चुनाव लड़ चुके रामकिशन पटेल जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गए हैं। भाजपा विधायक सुमित्रा कास्डेकर की बहू प्रतिमा देड़तलाई से सरपंच चुनाव हार गई हैं। इधर, पूर्व गृह मंत्री बाला बच्चन की भाभी द्वारकीबाई भाजपा समर्थक गायत्री मुजाल्दे से 364 वोटों से  पराजित हो गई हैं। पानसेमल से कांग्रेस विधायक चंद्रभागा किराड़े के गृह ग्राम कुंजरी से भतीजा संजय उर्फ चिंटू भी चुनाव हार गया है। इसी तरह से पूर्व में कांग्रेस से विधानसभा चुनाव लड़ चुके रामकिशन पटेल जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गए हैं।  उधर, पूर्व मंत्री और शाजापुर से कांग्रेस विधायक हुकुमसिंह कराड़ा का बेटा राजकुमार भी चुनाव हार गया। शहडोल के प्रभारी मंत्री रामखेलावन पटेल की बहू नीलम ब्यौहारी के वार्ड 3 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गईं। इसी तरह से झाबुआ में भाजपा सांसद गुमान सिंह के भाई गजेन्द्र सिंह डामोर जनपद पंचायत सदस्य का चुनाव हार गए हैं, तो वहीं मनावर के जनपद पंचायत वार्ड 15 से सांसद छतर सिंह दरबार के भाई की पत्नी शर्मिला दरबार हार गई हैं।
हालांकि सांसद की पत्नी हेमलता जनपद सदस्य का चुनाव जीत गई हैं। इसी तरह से सतना में पूर्व मंत्री रहे जुगल किशोर बागरी के परिवार की सदस्य बबली जिला पंचायत के वार्ड 5 से चुनाव हार गईं। नागौद के पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह के भतीजे राहुल सिंह नागौद भी सरपंच का चुनाव नहीं जीत पाए हैं। बड़वानी जिले के सेंधवा से कांग्रेस विधायक ग्यारसी लाल रावत का बेटा राकेश रावत जिला पंचायत चुनाव हार चुका है। विधायक की पत्नी को भी जीत नहीं मिली। सेमरिया विधायक केपी त्रिपाठी के साले अजय मिश्रा नौबस्ता में सरपंच का चुनाव हार गए हैं। जिला पंचायत उपाध्यक्ष विभा पटेल, विश्वंभर पटेल बड़े अंतर हार गए तो पूर्व सांसद देवराज पटेल की पत्नी नीशा सिंह पटेल भी जनपद पंचायत का चुनाव हार गई। पन्ना भाजपा जिलाध्यक्ष राम बिहारी चौरसिया की पत्नी रेखा जिला पंचायत के वार्ड 7 से चुनाव हार गईं। उधर छिंदवाड़ा में प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सैयद जाफर जिला पंचायत के वार्ड 7 से हार गए। उन्हें भाजपा समर्थित प्रत्याशी ने के 2700 वोट से हराया है। सौंसर के पूर्व विधायक रामाराव महाले के बेटे प्रशांत महारे पीछे चल रहे थे।
यह भी चल रहे पीछे
पूर्व कैबिनेट मंत्री कुसुम सिंह महदेले के भतीजे सिद्धार्थ महदेले जिला पंचायत सदस्य पद के लिए वार्ड 8 से चुनाव में जीत  के करीब हैं। वे जारी मतगणना में काफी पीछे हैं। इनके परिवार के ही दो अन्य सदस्य भी, चुनाव हार गए हैं। पन्ना जिला पंचायत उपाध्यक्ष माधवेंद्र सिंह की पत्नी राजमणि जिला पंचायत के वार्ड क्रमांक 4 से पीछे हैं। इसी तरह से पन्ना जिले में ही भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष भास्कर पांडे की पत्नी मोहिनी पांडेय वार्ड क्रमांक 10 से मतगणना के बाद पीछे हैं। भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष जागेश्वर शुक्ला की पत्नी भी मतगणना के रुझान आने के बाद काफी पीछे बताई जा रही हैं। कांग्रेस नेता भरत मिलन पांडेय की पत्नी माया पांडेय ने जिला पंचायत के वार्ड 2 से चुनाव में बहुत कम अंतर से पीछे बताई जा रही हैं।
इनकी किस्मत दे रही साथ
 बुरहानपुर में खकनार जनपद के वार्ड 13 से भाजपा से पूर्व विधायक मंजू दादू की बहन पूजा दादू जीत गई हैं। मंत्री विजय शाह के बेटे दिव्य दित्य शाह ने खंडवा जिला पंचायत सदस्य चुनाव में 29 हजार वोटों से जीत दर्ज की है। स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी की भांजी सीमा चौधरी बेगमगंज की ग्राम पंचायत बेरखेड़ी से सरपंच का चुनाव जीत गई हैं। छिंदवाड़ा की सौंसर विधानसभा में पूर्व मंत्री नानाभाऊ माहोड़ के भतीजे संदीप माहोड़ समाचार लिखे जाने तक जिला पंचायत क्रमांक 23 से बढ़त बनाए हुए थे। पंचायत चुनाव के दूसरे चरण के लिए शुक्रवार को वोटिंग हुई थी। इधर, कांग्रेस का दावा है कि देवास और मंदसौर जिले में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार जीते हैं। देवास जिले की जिला एवं जनपद पंचायत की सभी सीटें कांग्रेस ने जीती हैं। मंदसौर जिले की 6 जिला पंचायत सीटों में से 4 पर कांग्रेस समर्थित जीते हैं, यहां भाजपा के खाते में 2 सीटें आई हैं। पंचायत चुनावों में जिला पंचायत भोपाल, ग्वालियर, देवास, धार, छिंदवाड़ा, बालाघाट और मंदसौर में कांग्रेस समर्थितों ने जीत दर्ज की है।
जयस का 4 सीटों पर जीत के साथ खुला खाता
रतलाम जिला पंचायत की चार सीटों के लिए हुए मतदान में पहली बार जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) का खाता खुला है। इन सीटों पर जयस के समर्थक डॉ. अभय ओहरी काम कर रहे थे। जिला पंचायत के वार्ड 13 में जयस के शरद डोडियार,  वार्ड 14 में नंदी राजेंद्र मईड़ा, वार्ड 15 में केशु निनामा और वार्ड 16 में चंपा नंदू मईड़ा ने जीत दर्ज की है।
बेटी सरपंच तो मां बनी जनपद सदस्य
दमोह में पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में जबेरा जनपद पंचायत क्षेत्र की ग्राम पंचायत माला से भाजपा नेता विनोद राय की बेटी सुरभि राय ने 792 वोट से सरपंची का चुनाव जीता। सुरभि की मां आभा राय ने जनपद क्षेत्र बम्होरी से 2800 वोट से जनपद सदस्य का चुनाव जीता है। हालांकि विनोद के भाई दौलत राय ग्राम पंचायत बमोरी से चुनाव हार गए।

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