एक साल में महज 27 ई-एफआईआर

 ई-एफआईआर

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। ऑनलाइन एफआईआर की प्रक्रिया महज रस्म अदायगी बनकर रह गई है, यह इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि, साल भर में महिज 27 ही ई-एफआईआर दर्ज हो पाई हैं। भोपाल जीआरपी के 10 थानों का रिकॉर्ड खंगालने पर पता चला है कि अकेले वर्ष 2023 में 41 ऑनलाइन शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिसमें से सिर्फ 27 शिकायतों को ऑनलाइन एफआईआर में मान्य किया गया है। दरअसल, ट्रेन में सफर करने वाले प्रदेश के लोगों की सुविधा के मद्देनजर राज्य सरकार ने पुलिस को ऑनलाइन शिकायतें दर्ज करने की व्यवस्था की है। इसमें ट्रेन में यात्रा करने वाले लोग अपने साथ घटित अपराध की ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करा सकते हैं, इसके लिए उनको जीआरपी के थानों में भटकने की जरूरत नहीं है। मध्यप्रदेश पुलिस के सिटीजन पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन एफआईआर की व्यवस्था है। लेकिन देखने में यह आ रहा है कि लोग ऑनलाइन एफआईआर करने में रूचि नहीं दिखा रहे। वजह यह कि ई- एफआईआर का सिस्टम शुरूआती तौर पर ही कई खामियों से भरा है। समस्या यह है कि रेलवे यात्री ऑनलाइन एफआईआर कुछ शर्तों के साथ ही करा सकते हैं। इसलिए कम ही लोग ई- एफआईआर की व्यवस्था का उपयोग कर पा रहे। भोपाल जीआरपी यूनिट का रिकॉर्ड देखे तो विगत 1 साल में केवल 47 लोगों ने ही ऑनलाइन एफआईआर का उपयोग किया है। इसमें 27 एफआईआर तो स्वीकृत हुई हैं, बाकी 14 को जांच के बाद अस्वीकृत कर दिया गया। उच्च अधिकारियों का कहना है कि एफआईआर के मामले में थाना प्रभारी को अधिकार हैं कि जांच के बाद उसे स्वीकृत या अस्वीकृत कर दे। कई बार इस तरह की शिकायतें भी उच्च अधिकारियों को प्राप्त होती थी कि ट्रेन में यात्रियों को अपने साथ अपराध घटित होने के बाद एफआईआर कराने जीआरपी के थानों में भटकना पड़ता था। इसमें ज्यादातर सीमा विवाद के मामले में आते थे। इसलिए लोगों की सुविधा के लिए यह व्यवस्था लागू की गई है, ताकि लोग बिना परेशानी के अपनी एफआईआर दर्ज करा सके।
 ई-एफआईआर में शर्तें आ रहीं आड़े
ऑनलाइन एफआईआर करने के लिए जो शर्तें निर्धारित हैं , उसमें गंभीर अपराधों को शामिल नहीं किया गया है। एक लाख तक की चोरी के मामले में ही ऑनलाइन एफआईआर मान्य की जाएगी। ट्रेन में  लूट और डकैती के अपराध को ई -एफआईआर में शामिल नहीं किया गया है। साथ ही एक शर्त यह भी है कि आरोपी अज्ञात होना चाहिए और मामले में मारपीट नहीं होनी चाहिए। यदि आरोपी परिचित है तो ऐसी परिस्थितियों में ऑनलाइन एफआईआर मान्य नहीं होगी। इस तरह से ऑनलाइन एफआईआर व्यवस्था की शुरुआत से ही कई कमियां है। इसलिए लोग सीधे थाने जाकर ही शिकायत दर्ज करा रहे है। ज्ञात हो कि थाना प्रभारी को अधिकार है कि एफआईआर के परीक्षण में आने वाले तथ्यों के आधार पर उसे स्वीकृत या अस्वीकृत कर सकें। वैसे ऑनलाइन एफआईआर की व्यवस्था सभी के लिए लागू है।
यह है ई-एफआईआर की प्रक्रिया
यदि किसी को ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करवानी हो तो, इसके लिए सिटीजन एमपी पुलिस डॉट जीओव्ही डॉट इन पर जाएं। यहां ई-एफआईआर का विकल्प दिखाई देगा। जिस पर ई एफआईआर के लिए निर्धारित शर्तें नजर आने लगेगी। जिसके बाद हां के विकल्प पर क्लिक करने के बाद आपको एक और विकल्प दिखाई देगा। जिसमें फरियादी को अपना मोबाइल नंबर और नाम डालकर रजिस्ट्रेशन करना होगा। अब आप अपनी जो भी शिकायत हो उसे दर्ज करवा सकते हैं।

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