कोरोना काल में भी हर माह औसतन प्रदेश में आया 650 करोड़ का निवेश

शिवराज सिंह चौहान

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। कोरोना संकट काल में जहां देश की ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था भी पूरी तरह से चरमरा गई थी, ऐसे में मप्र वह राज्य रहा है जहां पर निवेशकों द्वारा निवेश को जारी रखा गया है। यही वजह है कि कोरोना काल के सत्रह माह की अवधि में मप्र में 11 हजार करोड़ का निवेश आया है। यानि की हर माह प्रदेश में लगभग 650 करोड़ रुपए का निवेश आया है। इसकी बड़ी वजह है मध्य प्रदेश द्वारा औद्योगिक जगत का भरोसा जीतना। इसके बाद भी प्रदेश की कोरोना की वजह से खराब हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पार लाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद निवेशकों से लगातार बात कर रहे हैं। इसी के साथ प्रदेश में तय समय में अनुमतियां देने के लिए कानूनी प्रावधान तक किए जा चुके हैं। इस नए निवेश के आने से मप्र में लगभग 22 हजार व्यक्तियों को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलने का रास्ता खुल रहा है। आर्थिक गतिविधियां बढ़ने से प्रदेश में तेजी से अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। निवेश वृद्धि की वजह से ही मप्र अब ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में तीन स्थानों की छलांग लगाकर सातवें से चौथे स्थान पर आ गया है।
हर माह की जाती है कैबिनेट सब कमेटी द्वारा समीक्षा
निवेश के मामलों को लेकर हर माह  कैबिनेट सब कमेटी द्वारा समीक्षा की जाती है, जिसकी वजह से निवेश संबंधी प्रस्तावों से संबंधित जरूरी अनुमति समय पर जारी हो जाती हैं। यही वजह है कि औद्योगिक जगत ने मुख्यमंत्री के वादों पर भरोसा जताया। उद्योग विभाग की माने तो प्रदेश में सीमेंट, फार्मा, फूड प्रोसेसिंग, इंजीनियरिंग, गारमेंट और टेक्सटाइल के क्षेत्र में निवेश तेजी से बढ़ रहा है।
कई देशों में होता है मप्र से निर्यात
अमेरिका, ब्रिटेन, जापान सहित कई देशों में हमारे उत्पाद निर्यात किए जाते हैं। उद्योग विस्तार की योजना को लेकर कई राज्यों से बातचीत की थी पर मध्य प्रदेश जैसा वातावरण कहीं नहीं मिला। मध्य प्रदेश शासन के सहयोग और विकसित हुए परस्पर विश्वास के आधार पर ही यहां निवेश किया जा रहा है।
निवेश बढ़ने की वजहें
मप्र में असानी से मानव संसाधन की उपलब्धता तो है ही साथ ही श्रमिकों की हड़ताल आदि की भी समस्याएं नहीं आती हैं। उद्योगों के लिए रियायती दर पर बिजली, पानी की भी सुविधा मिली हुई है। उद्योगों के लिए मप्र में बीस हजार हेक्टेयर जमीन का लैंड बैंक तो है ही साथ ही औद्योगिक पार्क विकसित करने का काम भी लगातार जारी है। इसके तहत ही 3400 एकड़ भूमि पर देवास निवेश क्षेत्र विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा 4700 एकड़ भूमि पर 20 नए औद्योगिक पार्क विकसित किए जा रहे हैं। इसी तरह से लैंड पुलिंग योजना के तहत निजी क्षेत्र 792 एकड़ भूमि इंदौर के नजदीक पीथमपुर में ली है। मप्र में जीआइएस सुविधा वाली वेबसाइट से भूमि की उपलब्धता देखने की सुविधा के साथ आनलाइन आवंटन की भी व्यवस्था है। ।
किए गए 384 भूखंड आवंटित
प्रदेश में वर्ष 2020-21 में विभिन्न समूहों को औद्योगिक क्षेत्रों में 384 भूखंड आवंटित किए गए। वर्ष 2019-20 में यह संख्या 258 थी। इसी तरह विभिन्न कंपनियों को 840 एकड़ भूमि आवंटित की गई। वर्ष 2019-20 में 632 एकड़ भूमि का आवंटन ही हुआ था।

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