
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में वन अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। इसके तहत वनकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब वनभूमि पर अतिक्रमण, शिकार और वनकर्मियों पर हमला आदि मामलों में आरोपितों को छोड़ा नहीं जाएगा। उनके न सिर्फ मकान तोड़े जाएंगे, बल्कि उन्हें पट्टे निरस्त कर वनभूमि से बेदखल भी किया जाएगा। इसकी शुरूआत बुरहानपुर और शिवपुरी से की भी जा चुकी है।
गौरतलब है कि प्रदेश के 47 वन कर्मचारी अब तक वनों, वन्य प्राणियों, वन संपदा की सुरक्षा करते हुए बलिदान हो गए हैं। विदिशा जिले के लटेरी क्षेत्र की घटना में किरकिरी होने के बाद राज्य सरकार ने वन अपराध के मामले में सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। इसके तहत बुरहानपुर में जहां एक आरोपित का पट्टा निरस्त कर दिया गया है, वहीं शिवपुरी में 12 मकान तोड़े गए हैं। उल्लेखनीय है कि लटेरी क्षेत्र में वनकर्मी की गोली से लकड़ी चोर की मौत हुई थी। मामले में सरकार ने लकड़ी चोर के परिजनों को सहायता राशि और नौकरी देने की घोषणा की थी। इसका वन विभाग के कर्मचारियों ने विरोध किया था।
माफिया के खिलाफ कार्रवाई से कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा
राज्य सरकार ने माफिया के खिलाफ अभियान चला रखा है। यह कार्रवाई भी इसी का हिस्सा है। मैदानी अधिकारियों का कहना है कि वन मुख्यालय के अधिकारियों ने मौखिक निर्देश दिए हैं कि वनभूमि पर अतिक्रमण, शिकार, लकड़ी कटाई और वनकर्मियों पर हमले आदि मामलों में संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। उनसे कहा है कि जरूरत पड़ने पर स्थानीय प्रशासन की मदद भी ली जाए। मप्र वन कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे का कहना है कि लटेरी की घटना में सरकार के कदम से वनकर्मी मायूस हुए थे पर बुरहानपुर और शिवपुरी में वन माफिया के खिलाफ हुई कार्रवाई से कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा है। सरकार को इस दिशा में लगातार कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि वर्तमान तक 76 हजार वन भूमि पर काबिज परिवारों को वन अधिकार पट्टा दिए गए हैं, लेकिन वही वन भूमि पर काबिज परिवार ही वनों की अवैध कटाई कर रहे हैं और वन कर्मचारियों पर हमला कर रहे हैं। यह निर्णय वन विभाग के इतिहास में पहली बार हुआ है। यदि सरकार और वन विभाग इसी तरह सख्त से सख्त कार्रवाई करेगा तो वन कर्मचारियों के ऊपर हो रहे हमले में कमी आएगी। वन अपराधियों पर अंकुश भी लगेगा और वन तथा प्राणी भी बचेंगे। सरकार को इस तरह की कार्रवाई पूरे प्रदेश के 52 जिलों में कलेक्टर पुलिस अधीक्षक वन मंडला अधिकारियों को स्पष्ट आदेश देकर करना चाहिए। कर्मचारी मंच इस तरह की कार्यवाही का स्वागत करता है।
वन अमले पर प्राण घातक हमला
अभी हाल ही में बुरहानपुर के वनपरिक्षेत्र नावरा के अंतर्गत सांईखेड़ा बीट के कक्ष क्रमांक 266 में वनभूमि पर सामूहिक कब्जे का प्रयास हुआ है। यहां व्यापक स्तर पर जंगल काटा गया है। दो दिन पहले अतिक्रमण हटाने गए वन अमले पर आरोपितों ने गोफन से पत्थर बरसाए, लाठियों, धारदार हथियारों से प्राण घातक हमला किया। मामले में बाकड़ी गांव का फूलसिंह पिता सुबला मुख्य आरोपित है। वह सांईखेड़ा बीट के कक्ष क्रमांक-266 में वनभूमि पर नया अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहा था। पड़ताल में पता चला कि फूलसिंह को पूर्व बाकड़ी बीट में तीन हेक्टेयर भूमि का पट्टा दिया गया है। वन विभाग की अनुशंसा पर कलेक्टर प्रवीण सिंह ने फूलसिंह का वन अधिकार पट्टा निरस्त कर दिया है। वहीं सभी आरोपितों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है। ऐसे ही शिवपुरी जिले के सतनवाड़ा वन परिक्षेत्र की चिटौरा-चिटौरी बीट के कक्ष क्रमांक-65 में आरोपितों ने 20 बीघा वनभूमि पर खड़े सैकड़ों पेड़ काटकर खेत बना दिए। अतिक्रमण हटाने गए वन अमले पर करीब 15 लोगों ने लाठियों से हमला कर दिया। मामले में सिरसौद थाना पुलिस कार्रवाई कर रही है। वहीं आरोपितों के दो पक्के और 10 कच्चे मकान तोड़े गए हैं।