
- मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉपोर्रेशन की पहल
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में पिछले 15 साल के दौरान शहर से लेकर गांव तक सड़कों का जाल बिछा है। लेकिन वाहनों के दबाव और मौसम की मार से सड़कें जल्द खराब हो जाती हैं। ऐसे में अच्छी गुणवत्ता वाली सड़कें बनाने के लिए तरह-तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉपोर्रेशन (एमपीआरडीसी) मिनरल वेस्ट से प्रदेश की सड़कें बनाने की योजना पर काम कर रहा है। बताया जाता है की इससे कम खर्च में सड़कें मजबूत तो बनेंगी ही साथ वह पर्यावरण के लिए भी अच्छी रहेंगी।
एमपीआरडीसी से मिली जानकारी के अनुसार गुजरात के हजीरा में मिनरल वेस्ट से सड़क बनाई गई है। ऐसे में प्रदेश में अब मिनरल वेस्ट से हाईवे तैयार किए जाएंगे। आम सड़कों की तुलना में यह काफी सस्ती भी होगी। मिनरल वेस्ट के इस्तेमाल से इनकी लाइफ भी बढ़ जाएगी। इसकी खासियत यह होगी कि इसमें 100 प्रतिशत उपयोग वेस्ट का किया जाएगा, जबकि अन्य में मिक्सिंग की जाती है। जैसे प्लास्टिक और फ्लाईएश में। यह वेस्ट स्टील, कॉपर जैसे अन्य मिनरल का होगा। एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने बताया कि मुख्य रूप से मलाजखंड, महाराष्ट्र बॉर्डर, भिलाई स्टील प्लांट आदि में मिनरल वेस्ट टनों में निकलता है। इनमें कॉपर, मैग्नीज, स्टील आदि शामिल है। इसके अलावा सिवनी में मैग्नीज मिनरल वेस्ट उपलब्ध है। सडक बनाने के लिए संबंधित कॉन्ट्रेक्टर से इसके लिए कॉन्ट्रैक्ट होगा। यह पॉलिसी में है और रेलवे से भी इसके परिवहन में छूट मिलती है।
30 फीसदी सस्ती बनेगी सडकें
जानकारी के अनुसार मिनरल वेस्ट से बनने वाली सड़कों की खासियत यह है कि अभी बनने वाली सडकों की तुलना में यह 30 फीसदी से ज्यादा सस्ती होगी। जिन स्थानों पर इसकी प्रोसेसिंग यूनिट हैं, उन स्थानों के आसपास की सड़कों पर इसका ज्यादा इस्तेमाल किया जाएगा। इसके तहत 100 फीसदी वेस्ट का इस्तेमाल किया जाएगा। मिनरल वेस्ट गिट्टी जैसे मजबूत होते हैं। इसका उपयोग गिट्टी की जगह होगा। आरडीसी के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में जो सड़क बनती हैं, उसमें एक किमी फोरलेन सडक निर्माण में लगभग 5 करोड़ रुपए खर्च होते हैं। मिनरल वेस्ट से उसी गुणवत्ता की सड़क 3 करोड़ रुपए के आसपास बन जाएगी, यानी 30 फीसदी से भी ज्यादा राशि की बचत होगी। सड़क की लाइफ उतनी ही होती है, जितनी गिट्टी से बनी डामर सड़क की होती है।
मिनरल वेस्ट एन्वायर्नमेंट फ्रेंडली
जानकारी के अनुसार मिनरल वेस्ट पूरी तरह एन्वायर्नमेंट फ्रेंडली है, यानी सड़क बनाने में केवल इसी का प्रयोग किया जाएगा। अन्य टेक्निक जैसे प्लास्टिक और फ्लाइएश का उपयोग 100 प्रतिशत नहीं किया जा सकता। इसे मिक्स किया जाता है, जबकि मिनरल वेस्ट में कुछ अन्य सामग्री मिक्स नहीं की जाती है। अधिकारियों ने बताया कि मिनरल वेस्ट का कोई उपयोग नहीं होता है। एमपीआरडीसी के चीफ इंजीनियर सुनील वर्मा का कहना है कि गुजरात के हजीरा में मिनरल वेस्ट से सडक बनाई गई है। हमारे यहां भी इसके लिए प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। स्टील, कॉपर या अन्य मिनिरल्स (धातु मल) का उपयोग सड़क बनाने में किया जाएगा। इससे 30 फीसदी से ज्यादा राशि की बचत होगी, क्योंकि सड़क पूरी तरह इसी से बनाई जाती है।