अब किराएदारों को नहीं मिलेगी सस्ती बिजली

सस्ती बिजली
  • डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम के तहत बैंक खातों में जाएगी बिजली सब्सिडी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में बिजली कंपनियों के कर्मचारियों के द्वारा मीटर धारकों की ई-केवाईसी करने का कार्य किया जा रहा है। इससे उपभोक्ताओं को सरकार के द्वारा मिलने वाली सब्सिडी 534 रुपए अब उनके बैंक के खातों में आएगी और बिल पूरी राशि का जमा करना होगा। इससे अब किराएदारों का बिजली बिल झटका देगा, क्योंकि सब्सिडी मकान मालिक को मिलेगी। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कंपनी के अधिकृत मीटर रीडर, कंपनी फोटो आईडी से लैस हो कर उपभोक्ताओं से घर का दौरा करेंगे। पीओएस मशीन में निष्ठा एप का उपयोग करके केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण कर रहे है। मीटर रीडर उपभोक्ताओं से समग्र आईडी मांगेगा और समग्र डाटाबेस में पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी के माध्यम से ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। मीटर रीडर उपभोक्ता की स्वीकृति लोड परिसर की फोटो और बैंक खाता की जानकारी एकत्रित करेगा। भोपाल के तीन लाख बिजली उपभोक्ताओं को अब बिजली सब्सिडी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम के तहत से बैंक खातों में दी जाएगी। इसके लिए कंपनी उपभोक्ताओं के यहां ई-केवायसी प्रक्रिया पूरी कर रही है। शासनादेश है कि साल आखिर तक सभी ग्राहकों को बिल में सब्सिडी के बजाए बैंक खाते में राशि डाली जाए।
शहर में बनेगी विवाद की स्थिति
शहर के करीब 60 हजार से अधिक घर किराए पर हैं। सब्सिडी के साथ बिल आने पर किराएदार उसे जमा कर देते हैं। लेकिन बिजली बिल मकान मालिक के नाम है। इसलिए बैंक खाता व आधार नंबर उन्हीं का जुड़ेगा। ऐसे में सब्सिडी मकान मालिक के खाते में जाएगी और किराएदार को पूरा बिल जमा करना होगा। यदि मकान मालिक किराए में से सब्सिडी नहीं काटेगा तो विवाद की स्थिति बनेगी। नई प्रक्रिया के कारण कई तरह के बदलाव होंगे। सब्सिडी बिजली बिल के साथ ने जुडक़र सीधे बैंक खाते में आएगी। उपभोक्ताओं को बिजली का बिल की पूरी राशि जमा करनी होगी। ई-केवायसी से आधार से लिंक बैंक खाता, मोबाइल नंबर बिजली बिल से जुड़ेगा। एसीएस ऊर्जा विभाग मनु श्रीवास्तव का कहना है कि शासन के निर्देशानुसार काम किया जा रहा है। डीबीटी से ही सभी बेनिफिट सीधे खाते में दिए जा रहे हैं। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
नया बिजली कनेक्शन 24 घंटे में
नए बिजली कनेक्शन के लिए बिजली कंपनी ने सरल संयोजन पोर्टल शुरू किया है। यहां आवेदन के बाद नया बिजली कनेक्शन 24 घंटे में मिल जाएगा। आवेदन में कोई कमी होगी तो एसएमएस से अलर्ट आएगा। ऑनलाइन आवेदन के लिए फोटो, पहचान पत्र, स्वामित्व संबंधी दस्तावेज तथा टेस्ट रिपोर्ट अपलोड करनी होगी। विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक क्षितिज सिंघल का कहना है कि इसके लिए उपभोक्ताओं को बिजली कार्यालय आने की जरूरत नहीं है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कार्यक्षेत्र में 5000 वर्गफीट क्षेत्रफल के 25 हजार 363 कनेक्शनों का बिजली बिल बेहद कम हैं। ये बिजली कंपनी की रेड लाइन पर हैं। इन्हें चिन्हित किया गया। इनका फिजिकल वेरिफिकेशन होगा। जोन स्तर पर जांच की जाएगी। इनमें से जहां भी एक से अधिक कनेक्शन मिलेंगे, उन्हें सरेंडर कराया जाएगा। हाल में एसीएस ने भोपाल की अरेरा कॉलोनी में 50 से अधिक कनेक्शनों की जांच की थी। यहां एक अधिक कनेक्शन पर नाराजगी जताई थी। इसके बाद ही कंपनी ने जांच और कार्रवाई का सिलसिला शुरू हुआ है।
सब्सिडी वालों पर जियो टेगिंग से नजर
मप्र की तीनों विद्युत वितरण कंपनियां – पूर्व क्षेत्र, मध्य क्षेत्र, और पश्चिम क्षेत्र- अटल ज्योति योजना के तहत अपात्र उपभोक्ताओं की पहचान के लिए जियो टेगिंग तकनीक का उपयोग करेंगी। यह जांच एमपीएसईडीसी (मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड) के सहयोग से की जाएगी, जिसकी शुरुआत भोपाल और ग्वालियर के पॉश इलाकों से हो चुकी है।  अटल ज्योति योजना के अंतर्गत 150 यूनिट तक की मासिक बिजली खपत वाले उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्रदान की जाती है। इस योजना का लाभ उठाने वाले उपभोक्ताओं की वास्तविक स्थिति की जांच के लिए विद्युत वितरण कंपनियों ने अपनी बिलिंग प्रणाली का डाटा एमपीएसईडीसी को उपलब्ध कराया है। इसके साथ ही नगर निगम और नगर पालिका के संपत्ति डाटा का भी समन्वय स्थापित किया गया है। जियो टेगिंग के माध्यम से एमपीएसईडीसी द्वारा उपभोक्ताओं की जानकारी निकाली जाएगी, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि कहीं बड़े भू-भाग या अधिक क़ीमत वाली संपत्तियों के उपभोक्ता इस योजना का अनुचित लाभ तो नहीं उठा रहे हैं।

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