अब छोटे शहरों में भी खिला कमल

 खिला कमल
  • आखिरी दौर में भी जारी हैं शह व मात के लिए दांव पेंच

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। निकाय चुनाव के बाद अब प्रदेश में नगर पालिकाओं व नगर परिषदों में अध्यक्ष व उपाध्यक्षों के निर्वाचन का दौर जारी है। अब तक 5 चरणों में 72 निकायों में हुए अध्यक्षों के परिणामों में से 66 स्थानों पर भाजपा का कमल खिला है। उधर इसके साथ ही छोटे निकायों में चल रहे अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के निर्वाचन के लिए राजनैतिक दलों के साथ ही कुछ जगहों पर निर्दलीय भी अपने दांव-पेंच चल रहे हैं।
उधर, नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने परिणामों का आंकड़ा जारी करते हुए दावा किया है की 2 सभापति और 35 अध्यक्षों के निर्वाचन में भाजपा ने 36 सीटों पर कब्जा जमाया है। दोनों सभापति और 35 में से 34 अध्यक्ष भाजपा के बने हैं। सिर्फ एक स्थान पर निर्दलीय को जीत मिली। उनका कहना है की यह रेकार्डतोड़ परिणाम भाजपा की नीतियों और कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम है। उन्होंने कहा कि सभापति व अध्यक्षों के निर्वाचन परिणाम बताते हैं कि जनता के चुने हुए पार्षद भी कांग्रेस को अब विपक्ष के रूप में भी पसंद नहीं कर रहे। कई निकायों में कांग्रेस ने जोड़तोड़ की राजनीति भी की, लेकिन सफलता नहीं मिली। कांग्रेस शून्य ही रही। कांग्रेस विपक्ष के लायक भी नहीं बच रही है। शहरों से लेकर गांव के विकास के लिए लोग सिर्फ भाजपा पर विश्वास जता रहे हैं। उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव के परिणामों ने बता दिया कि जनता सिर्फ भाजपा के साथ है। अंतरविरोधों से घिरी कांग्रेस केवल चुनाव में सक्रिय होती है और फिर अगले चुनाव तक के लिए निष्क्रिय हो जाती है।
मुरैना जिले में बवाल के बीच निर्वाचन
मुरैना जिले के तीन नगरीय निकायों में चुनाव के दौरान बीते रोज जमकर हंगामा हुआ। जौरा में उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी के पति के साथ भाजपा और विधायक समर्थकों पर मारपीट का आरोप है। विधायक पर गोली मारने की धमकी देने का भी आरोप है। बाद में पूर्व विधायक महेशदत्त मिश्र के नेतृत्व में थाने का घेराव कर आंदोलन की चेतावनी दी गई। तनाव देख नगर में धारा 144 लगा दी गई है। अंबाह नपा में टेंडर वोट डालने की अनुमति पर कांग्रेस समर्थकों ने हंगामा किया। बैरिकेड तोड़कर घुस गए। जौरा में भाजपा के अखिल माहेश्वरी निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए। उपाध्यक्ष पद पर निर्दलीय प्रत्याशी मिथिलेश अशोक गर्ग चुनाव लड़ने  को आगे आ गईं। उनके पति भी अंदर जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। विरोध करने पर उन्होंने मारपीट का आरोप लगाया। अशोक के अनुसार भाजपा मंडल अध्यक्ष और विधायक सूबेदार सिंह रजौधा के समर्थकों ने मारपीट की। विधायक ने गोली मारने की धमकी दी। इसका वीडियो होने का दावा भी किया। अंतत: भाजपा के पुखराज नरेश सिंह उपाध्यक्ष चुने गए।
कांग्रेसियों ने दिलवाई भाजपा को कमान
नीमच नगर पालिका अध्यक्ष पद पर भाजपा की स्वाति गौरव चौपड़ा विजयी रहीं। उन्हें 40 में से 31 मत मिले। कांग्रेस की वीणा सक्सेना को मात्र 9 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के 14 पार्षद हैं। भाजपा कांग्रेस खेमे में सेंधमारी करने में सफल रही। 5 कांग्रेस पार्षदों ने भाजपा प्रत्याशी को वोट दिया। भाजपा के तीनों बागियों ने भी स्वाति के पक्ष में मतदान किया। इससे पहले शुक्रवार रात भाजपा के सभी 23 पार्षदों की बाड़ाबंदी की गई थी। उधर, सागर नगर निगम अध्यक्ष का पद भी भाजपा के खाते में गया है। निगम में कांग्रेस के 48 में से 7 पार्षद हैं, फिर भी कांग्रेस ने भाजपा को निगमाध्यक्ष निर्वाचन में वॉक ओवर नहीं दिया। कांग्रेस की ओर से सुलेखा राय ने भाजपा के वृंदावन अहिरवार के विरुद्ध नामांकन भरा। वोटिंग में महापौर संगीता तिवारी समेत सभी 48 पार्षदों ने हिस्सा लिया। भाजपा को 42 तो कांग्रेस के प्रत्याशी को मात्र 7 मत मिले। इधर, उज्जैन में पहली बार महिला अध्यक्ष बनी हैं। यहां पर  छह बार से लगातार पार्षद कलावती यादव को अध्यक्ष चुना गया है। उन्हें महापौर व भाजपा पार्षदों की कुल संख्या से भी एक वोट अधिक मिला है। भाजपा से कलावती के सामने कांग्रेस से गब्बर कुवाल थे। 55 मतों में से कलावती को 39 और गब्बर को 16 मत मिले।

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