प्रदेश में अब प्रेशराइज्ड पाइप लाइन से होगी सिंचाई

प्रेशराइज्ड पाइप लाइन
  • जल संसाधन विभाग ने  9 हजार करोड़ की सिंचाई परियोजना तैयार किया …

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में सरकार अब सिंचाई के लिए प्रेशराइज्ड पाइप लाइन की व्यवस्था शुरू करने जा रही है। जल संसाधन विभाग ने हाल ही में ऐसी 46 मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के टेंडर करने जा रहा है, जिनसे पाइप लाइन के जरिए सिंचाई की जाएगी। इन परियोजनाओं के निर्माण पर 9 हजार करोड़ की राशि खर्च होगी और 3 लाख हेक्टेयर में सिंचाई संभावित है। प्रदेश में वर्तमान में 27 वृहद सिंचाई परियोजनाओं पर काम चल रहा है। ये सभी परियोजनाएं प्रेशराइज्ड पाइप लाइन आधारित हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश में अभी नहर प्रणाली से सिंचाई होती है। इससे पानी की बर्बादी होती है। इसलिए अब यह व्यवस्था धीरे-धीरे समाप्त होगी। अब जितनी भी सिंचाई प्रोजेक्ट बनाए जा रहे हैं, वह प्रेशराइज्ड पाइप लाइन आधारित होंगे। वर्तमान में 27 वृहद सिंचाई परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इनमें सम्राट अशोक सागर, कोठा बैराज, चंदेरी, माही कमांड, शामगढ़ सुवासरा, बाणसागर, महान, रामनगर, नईगढ़ी, गौड़, चंबल, कनेरा, बानसुजारा, मां रतनगढ़ बहुउद्देश्य, पंचमनगर, सीतानगर, बीना संयुक्त सिंचाई, बंडा, पेंच व्यपवर्तन, छिंदवाड़ा काम्प्लेक्स तथा हरसी परियोजना शामिल हैं।
5 लाख हेक्टेयर में सिंचाई प्रस्तावित
इन परियोजनाओं के निर्माण से करीब 5 लाख हेक्टेयर में सिंचाई प्रस्तावित है और करीब 12 हजार करोड़ रुपए की राशि खर्च होने का अनुमान है। इनमें से कुछ परियोजनाएं दिसंबर 2022 और कुछ मई 2023 में पूर्ण हो जाएगी, जबकि करीब एक दर्जन 2026 में पूरी कराई जा सकेगी। इनमें से कुछ परियोजनाओं में टेंडर प्रक्रिया चल रही है और कुछ के टेंडर भी हो चुके हैं। अधिकांश परियोजनाओं का काम जून 2023 और दिसंबर 2024 तक पूर्ण कराया जाएगा। ये परियोजनाएं नर्मदा नदी आधारित नहीं हैं। इस कारण 2026 तक 60 लाख हेक्टेयर में सिंचाई कराने का लक्ष्य पूरा होने की संभावना है। एसीएस डब्ल्यूआरडी एसएन मिश्रा का कहना है कि 46 नवीन मध्यम सिंचाई परियोजनाओं में से अधिकांश के टेंडर हो चुके हैं और कुछ के जल्द हो जाएंगे। इन परियोजनाओं पर तेजी से काम कराया जा रहा है, जिससे हम इन्हें 2024 तक पूर्ण करा सकेंगे।
ये है कुछ महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट
बरखेड़ा प्रोजेक्ट की लागत 308.56 करोड़ है और इससे 15,000 हेंक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई होगी। वहीं कारम परियो प्रोजेक्ट की लागत 304.44 करोड़ है और इससे 10,500 हेंक्टेयर, भाम राजगढ़ प्रोजेक्ट की लागत 228.12 करोड़ है और इससे 7,900 हेंक्टेयर, आंवलिया प्रोजेक्ट की लागत 165.08 करोड़ है और इससे  6,700 हेंक्टेयर, भावसा प्रोजेक्ट की लागत 104.45 करोड़ है और इससे 3,750 हेंक्टेयर, बहरी विस्तार प्रोजेक्ट की लागत 204.02 करोड़ है और इससे 7,500 हेंक्टेयर, हिरवार सूक्ष्म प्रोजेक्ट की लागत 116.78 करोड़ है और इससे 7,000 हेंक्टेयर, सीप अंबर प्रोजेक्ट की लागत 174.94 करोड़ है और इससे 8.000 हेंक्टेयर, टेम मध्यम प्रोजेक्ट की लागत 383.15 करोड़ है और इससे9,990 हेंक्टेयर, संजय सागर प्रोजेक्ट की लागत 291.95 करोड़ है और इससे 9,893 हेंक्टेयर, सरकूला उद्वहन प्रोजेक्ट की लागत 226.62 करोड़ है और इससे 6,500 हेंक्टेयर, आसन बैराज प्रोजेक्ट की लागत 112.83 करोड़ है और इससे 5,500 हेंक्टेयर सोनपुर प्रोजेक्ट की लागत 181.80 करोड़ है और इससे 7,000 हेंक्टेयर, कडान सागर प्रोजेक्ट की लागत 385.79 करोड़ है और इससे 12,000 हेंक्टेयर, कोपरा मध्यम प्रोजेक्ट की लागत 292.38 करोड़ है और इससे 9,990 हेंक्टेयर, रुज मध्यम प्रोजेक्ट की लागत 269.79 करोड़ है और इससे 14,450 हेंक्टेयर, मझगांय प्रोजेक्ट की लागत 358.99 करोड़ है और इससे 13,035 हेंक्टेयर, सतधारूपरि प्रोजेक्ट की लागत 315.65 करोड़ है और इससे 7,555 हेंक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई होगी।

Related Articles