मप्र में अब दोगुनी तेजी से होगा विकास

मप्र

-शिव ‘राज’ के रोडमैप को मिला मोदी का साथ
-शिवराज ने पीएम को प्रदेश सरकार के कार्यों की जानकारी दी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मप्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विकास का जो रोडमैप तैयार किया है उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दे दी है। गतदिनों मुख्यमंत्री नई दिल्ली में जब प्रधानमंत्री से मिले तो उन्होंने प्रदेश के विकास के लिए तैयार किए गए प्रस्तावों का पे्रजेंटेशन दिया। उसके बाद मोदी ने मप्र के विकास में भरपूर सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम
भोपाल (डीएनएन)।
वर्ष 2018 के उतराद्र्ध से लेकर मार्च 2020 तक की अवधि को छोड़ दिया जाए तो मप्र पिछले 17 साल से विकास के स्वर्णीम दौर से गुजर रहा है। इसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जाता है। उन्होंने अपनी जिद और जुनून से आज प्रदेश को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में ला खड़ा किया है। अपनी चौथी पारी में तो शिवराज की कुछ कर गुजरने की ललक इस कदर देखी जा रही है कि वे एक ही दिन में प्रदेश का एक-एक कोना छान लेते हैं। जिसका परिणाम है कि आज मप्र देश के लिए विकास का मॉडल बना हुआ है। शायद यही वजह है की प्रधानमंत्री भी समय-समय पर मप्र के विकास कार्यों की समीक्षा करते रहते हैं।
23 अप्रैल को एक बार फिर प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मप्र के विकास पर मंथन किया। इस दौरान शिवराज ने मप्र के विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं का प्रेजेंटेशन दिया। मुख्यमंत्री ने पीएम को बताया कि मप्र में रोजगार दिवस का आयोजन करते हैं। हर महीने एक दिन रोजगार दिवस होता है। हमारा टारगेट होता है कि, कम से कम दो लाख स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराएं। इसके लिए लोन दिया जाता है। केंद्र और राज्य दोनों मिलकर रोजगार के अवसर बढ़ाएंगे। इसके अलावा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री से गेहूं के निर्यात को लेकर भी चर्चा की। सीएम ने दावा किया है कि प्रदेश में इस बार हम 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं और निर्यात करेंगे।

केंद्र की योजनाओं पर अमल में मप्र अग्रणी

गौरतलब है कि मप्र अपनी विकास योजनाओं के साथ ही केंद्र की योजनाओं पर अमल में देश में अग्रणी है। यही कारण है कि देर से ही सही मप्र अपने गठन के समय बूझी गई संभावनाओं को साकार करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। खासतौर से पिछले डेढ़ दशक का अरसा इस बात का गवाह रहा है, कि मप्र विकास के पथ पर अब आगे ही आगे है। सुविचारित सोच, सुचिंतित नीतियों, फैसलों और प्रेरणादायी नेतृत्व ने सरकार की नीति और नीयत के फर्क को मिटाकर सच्चे अर्थों में प्रदेश के विकास और लोगों की बेहतरी के कामों की तस्वीर में नए रंग भर दिये हैं। आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में न केवल अपनी बल्कि भारत सरकार की भी लोक कल्याणकारी योजनाओं, कार्यक्रमों को अमली जामा पहनाने में अग्रणी बनकर उभरा है। मप्र की इन्हीं उपलब्धियों को देखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मप्र को भारत की अर्थ-व्यवस्था की ड्रायविंग फोर्स बनने की पूरी क्षमता वाला बताया है।
गौरतलब है स्वामित्व योजना में आबादी क्षेत्र के भू-अभिलेख तैयार कर ग्रामीणों को भूमि-स्वामी हक प्रदान करने में मध्यप्रदेश अग्रणी है। इसी साल 06 अक्टूबर को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रदेश के 19 जिलों के 3 हजार ग्रामों के 1 लाख 71 हजार हितग्राहियों को अधिकार अभिलेख वितरित किए। प्रदेश में अब तक 3 हजार 800 से अधिक गाँवों में 2 लाख 71 हजार अधिकार अभिलेख वितरित किए जा चुके हैं।
गौरतलब है कि एनीमिया मुक्त भारत अभियान में 64.1 स्कोर के साथ मध्यप्रदेश ने देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। आयुष्मान भारत योजना योजना के कार्ड जनरेशन में मध्यप्रदेश पूरे देश में प्रथम है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। जल जीवन मिशन एक करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवार वाले राज्यों में मिशन की इस साल की भौतिक प्रगति में मध्यप्रदेश का, देश में चौथा स्थान है। कृषि अधोसंरचना निधि के उपयोग में मध्यप्रदेश, देश में पहले स्थान पर है। अब तक 805 करोड़ रूपए से अधिक की ऋण राशि प्रदेश में हितग्राहियों को कृषि अधोसंरचा के विकास के लिये प्रदाय जारी कर दी गई है। भारत सरकार के स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में प्रदेश ने एक पायदान की छलांग लगाकर देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना के तहत पथ-विक्रेताओं को शत-प्रतिशत ब्याज मुक्त ऋण देकर मध्यप्रदेश देश में अव्वल है। मनरेगा में जरूरतमंद लोगों को मनरेगा में रोजगार दिलाकर मध्यप्रदेश, देश में अग्रणी रहा है। स्व-सहायता समूहों का सशक्तीकरण के तहत स्व-सहायता समूहों को बैंक ऋण स्वीकृत कराकर देश में प्रथम स्थान पर है। प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना में सडक़ों की लम्बाई की उपलब्धि में मध्यप्रदेश, पिछले 3 वर्षों से देश के उच्चतम 7 राज्यों की सूची में शामिल है। साथ ही सडक़ों की गुणवत्ता में भी प्रदेश, पिछले 3 वर्षों से देश में प्रथम है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में आवास पूर्णता के प्रतिशत के आधार पर प्रदेश, देश में दूसरे और आवासों की संख्या के आधार पर तीसरे स्थान पर है। ट्रान्सजेण्डरों को पहचान-पत्र जारी करने वाला मध्यप्रदेश, देश का पहला राज्य है। दिव्यांगजन पहचान-पत्र बनाकर जारी कर देश में दूसरे स्थान पर है। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। सौर ऊर्जा में मध्यप्रदेश अग्रणी है। कौशल विकास के तहत आईटीआई ग्रेडिंग में मध्यप्रदेश, पूरे देश में तीसरे स्थान पर है। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में प्रदेश को देश में चौथी रैंकिंग प्रदान की गई है।

केंद्र-राज्य मिलकर देंगे रोजगार

प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश में चलाई जा रही रोजगार की योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि युवाओं को स्व-रोजगार से जोडऩे पर सरकार का फोकस है। प्रदेश में उद्यमी युवाओं को ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। प्रदेश में स्वामी विवेकानंद जयंती 12 जनवरी 2022 से हर महीने प्रदेशभर में रोजगार दिवस का आयोजन किया जा रहा है। अब तक (12 जनवरी,25 फरवरी,30 मार्च) कुल 3 रोजगार दिवस कार्यक्रमों का आयोजन हुआ है। इन रोजगार दिवसों में 13.6 लाख से अधिक लोगों को लगभग 7.7 हजार करोड़ की राशि का ऋण वितरण किया गया है। युवाओं के स्वरोजगार के लिए 5 अप्रैल 2022 को मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत प्रदेश के 1815 युवाओं को 112 करोड़ के ऋण स्वीकृत किए गए हैं। रोजगार दिवस में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री निधि योजना,मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विके्रता योजना, मुख्यमंत्री उद्धव क्रांति योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन जैसी विभिन्न योजनाओं से युवा लाभान्वित हो रहे हैं। सीएम ने कहा प्रदेश में रोजगार दिवस का आयोजन करते हैं। हर महीने एक दिन रोजगार दिवस होता है। हमारा टारगेट होता है कि, कम से कम दो लाख स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराएं। इसके लिए लोन दिया जाता है। केंद्र और राज्य दोनों मिलकर रोजगार के अवसर बढ़ाएंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार की नीतियों का असर अब पूरी तरह दिखने लगा है। प्रदेश में औद्योगिक विकास, योजनाओं-परियोजनाओं के क्रियान्वयन और रोजगार सम्मेलनों के कारण बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार मिला है। इसका असर यह पड़ा है कि मप्र में बेरोजगारी दर न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। मप की बेरोजगारी दर 1.4 प्रतिशत हो गई है। देश में इससे कम केवल छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 0.6 प्रतिशत है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मप्र में सरकार ने इस साल अब तक 13,65,000 युवाओं को रोजगार दिया है। जनवरी में 526000 व 16 फरवरी को 504000 लोगों को रोजगार मिला है। 30 मार्च को यानी बुधवार को 335000 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी संगठन द्वारा जारी किये गये बेरोजगारी के ताजा आंकड़ों में छत्तीसगढ़ की स्थिति देश में सबसे बेहतर बताई गई है। आंकड़ों के मुताबिक बीते मार्च महीने में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर 0.6 प्रतिशत पर पहुंच गई है। सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ देश में पहले नंबर पर है। मार्च में ही देश में बेरोजगारी दर 7.5 प्रतिशत रही। वहीं मप्र दूसरे स्थान पर है। मप की बेरोजगारी दर 1.4 प्रतिशत हो गई है। मप्र सरकार का दावा है कि नीतिगत फैसले और बेहतर कार्यप्रबंधन से लगातार युवाओं को रोजगार के अवसर राज्य में उपलब्ध हो रहे हैं, जिससे राज्य की बेरोजगारी दर में लगातार गिरावट आ रही है। 3 अप्रैल 2022 की स्थिति में सीएमआईई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सर्वाधिक बेरोजगारी दर हरियाणा में 26.7 प्रतिशत, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में 25-25 प्रतिशत, झारखंड में 14.5 प्रतिशत, बिहार में 14.4 प्रतिशत, त्रिपुरा में 14.1 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 12.1 प्रतिशत रही।

स्टार्टअप पॉलिसी को लॉन्च करेंगे

मप्र में स्टार्टअप बड़ी तेजी से उभर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने अपनी स्टार्टअप की पॉलिसी बनाई है। मुख्यमंत्री इस पॉलिसी को प्रधानमंत्री के हाथों लॉन्च करना चाहते हैं। मप्र में स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहन की जानकारी मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को दी। स्टार्ट-अप नीति को और समग्र, समेकित और प्रभावी बनाने के लिए एमपी स्टार्ट-अप नीति और कार्यान्वयन योजना-2022 तैयार की गई है। स्टार्ट-अप्स और इनक्यूबेटर्स को निवेश सहायता, आयोजन सहायता, उन्नयन सहायता और लीज रेन्टल सहायता आदि का प्रावधान किया गया है। स्कूल और महाविद्यालयीन स्तर से छात्रों में नवाचार एवं स्टार्ट-अप की भावना जागृत करने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाने का प्रावधान भी नीति में है। प्रदेश में 1,900 से अधिक स्टार्टअप इंडिया से अधिमान्य स्टार्ट-अप अब तक स्थापित हो चुके हैं। प्रदेश में न्यूनतम 1 स्टार्ट-अप को प्रतिष्ठित यूनिकॉर्न स्टार्टअप का दर्जा प्राप्त हुआ। प्रदेश में 2022 में न्यूनतम 2 स्टार्ट-अप को यूनिकॉर्न स्टार्ट-अप का दर्जा प्रदान करने का प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को प्रदेश में चल रही योजनाओं से अवगत कराया। आयुष्मान भारत योजना में अब तक कुल 2 करोड़ 70 लाख कार्ड बनाए हैं। प्रदेश के 96 प्रतिशत पात्र परिवारों के पास कम-से-कम एक कार्ड उपलब्ध है। 2022 तक प्रदेश में कुल 11,107 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर विकसित करने का लक्ष्य है। 9,230 अर्थात् 83 प्रतिशत सेंटर क्रियाशील हो चुके हैं। पीएम स्वनिधि योजना में अब तक प्रथम चरण में 5 लाख 11 हजार पथ विक्रेताओं को 511 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है। योजना के द्वितीय चरण में 42,581 पथ विक्रेताओं को 85 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है। योजना के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। प्रधानमंत्री के कर कमलों से इन्दौर में एशिया के सबसे बड़े 550 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोबर-धन प्लांट का शुभारंभ हुआ है। इसी से प्रेरणा लेकर जबलपुर एवं भोपाल में भी गोबरधन प्लांट की स्थापना का कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जा रहा है। इसके लिये आवश्यक तैयारियां कर ली गई हैं।

योजनाओं से भी अवगत कराया

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को प्रदेश में चल रही योजनाओं से भी अवगत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर के निर्माण की बात कही गई है, जिससे एक-एक बूंद पानी का संचय किया जा सके। प्रदेश में 52 जिलों में 75 संरचना के हिसाब से कुल 3825 अमृत सरोवरों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया था। प्रदेश में अब तक लगभग 2100 करोड़ रुपए की लागत के 5534 अमृत सरोवर स्वीकृत किए जा चुके हैं। इस पहल से अब तक प्रदेश में लगभग 500 करोड़ रुपए का मजदूरी के रूप में भुगतान किया जा चुका है। योजना अंतर्गत अब तक कुल 2 करोड़ 70 लाख कार्ड बनाए जा चुके हैं। मप्र के 96 प्रतिशत पात्र परिवारों के पास कम-से-कम एक कार्ड उपलब्ध है। प्रदेश में कुल 11,107 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर दिसंबर, 2022 तक डेवलप करने का टारगेट। अब तक प्रदेश में 9,230 सेंटर चालू हो चुके हैं। योजना के पहले चरण में 5 लाख 11 हजार पथ विक्रेताओं को 511 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया गया। योजना के दूसरे चरण में 42,581 पथ विक्रेताओं को 85 करोड़ रुपए से अधिक का ऋण उपलब्ध कराया गया। योजना के क्रियान्वयन में मप्र, देश में पहले स्थान पर है।
प्रधानमंत्री के हाथों इंदौर में एशिया के सबसे बड़े 550 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोबर-धन प्लांट का शुभारंभ हुआ है। जबलपुर एवं भोपाल में भी गोबरधन प्लांट लगाने की तैयारियां पूरी एग्रीकल्चर कृषि अवसंरचना निधि के प्रयोग में मप्र. देश में पहले स्थान पर है। कृषि अधोसंरचना कार्यों के लिए लगभग 1 हजार 200 करोड़ का ऋण दिया जा चुका है। केंद्र सरकार की योजनाओं के स्टेटस की जानकारी दी योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश पूरे देश में अग्रणी है। अब तक 6100 ग्रामों के 06 लाख 75 हजार भू – अभिलेखों का रिकॉर्ड सिस्टमेटिक रूप से तैयार किया गया है। दिसम्बर , 2023 तक परियोजना का 100 फीसदी पूरी करने का टारगेट है। 2016-17 में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के शुरू होने के बाद अब तक 30.57 लाख आवास स्वीकृत एवं 24.46 लाख आवास बनाए गए। आवास बनाने के मामले में एक साल में ही मप्र देश में पांचवे स्थान से आगे बढक़र तीसरे स्थान पर पहुंचा। प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 50 करोड़ रुपए किश्त के रूप में हितग्राहियों के खातों में ट्रांसफर किए जा रहे हैं। 2 साल में 8 लाख 40 हजार से अधिक आवास बनाए गए। 2022-23 के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 10 हजार करोड़ रुपए का बजट है। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत प्रदेश के लिए अब तक 9 लाख आवास स्वीकृत हुए। इनमें से 4 लाख 81 हजार आवासों का निर्माण पूरा हो गया है। प्रतिमाह औसतन 20 से 25 हजार आवास तैयार करने के लक्ष्य के साथ सितम्बर , 2023 तक बाकी आवास बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

20 लाख मीट्रिक टन गेहूं और होगा एक्सपोर्ट

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि 1000 रुपए में स्टेट लेवल सिंगल गेहूं एक्सपोटर्स का लाइसेंस 2022-23 में गेहूं निर्यातकों को मंडी शुल्क की प्रतिपूर्ति की योजना लागू गई है। गेहूं निर्यात को बढ़ावा देने निर्यातकों को मात्र 1000 रुपए में प्रदेश स्तरीय एकल लाइसेंस मिलेगा। अब तक 358 निर्यातकों द्वारा पोर्टल पर पंजीयन कराया गया है। पिछले साल की तुलना में इस साल गेहूं के निर्यात में 8-10 गुना वृद्धि हुई है। इस साल प्रदेश से गुजरात, आंध्रप्रदेश एवं महाराष्ट्र की बंदरगाहों से लगे रेलवे रेक पॉइंट्स पर भेजी जा रही। गेहूं की रेक संख्या में वृद्धि हुई है। पिछले 1 माह में प्रदेश से 87 रेक के माध्यम से लगभग 2.4 लाख टन गेहूं बंदरगाहों तक भेजा जा चुका है। कृषि निर्यात प्रकोष्ठ में निर्यातकों की सहायता हेतु एक्सपोर्ट हेल्पलाइन नंबर 18002333474 जारी किया। 11 अप्रैल 2022 को इजिप्ट के प्रतिनिधिमंडल के इंदौर दौरे के बाद कृषि निर्यात प्रकोष्ठ के अधिकारी लगातार इजिप्ट के आयातकों के संपर्क में हैं। केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार मिलकर इजिप्ट को गेहूं निर्यात करने के लिए कांडला और मुंदरा पोर्ट से गेहूं के जहाजों का फ्लैग ऑफ कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
सीएम ने बताया कि मध्यप्रदेश में कुल पात्र परिवार- 1 करोड़ 17 लाख हैं। कुल पात्र हितग्राही 5 करोड़ हैं। प्रत्येक माह की 07 तारीख को प्रदेशव्यापी अन्न उत्सव का आयोजन किया जाता है । प्रदेश के 1 करोड़ 17 लाख परिवारों के 5 करोड़ हितग्राहियों को कोरोना की पहली लहर के दौरान अप्रैल-नवम्बर , 2020 तक 5 किलो प्रति सदस्य प्रति माह के मान से 18 लाख 66 हजार मीट्रिक टन नि:शुल्क खाद्यान्न बांटा गया है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मई , 2021 से मार्च 2022 तक 5 किलो प्रति सदस्य प्रति माह के मान से 24 लाख 87 हजार मीट्रिक टन नि:शुल्क खाद्यान्न दिया गया है। अप्रैल , 2022 से सितम्बर , 2022 तक 6 माह में 5 किलो प्रति सदस्य प्रति माह के मान से 15 लाख मीट्रिक टन नि:शुल्क खाद्यान्न दिए जाने का लक्ष्य है। वहीं मप्र में वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाए जाने का निर्णय लिया है। वन ग्रामों के राजस्व ग्राम बनने से उनमें निवासरत ग्रामीणों को वो सभी लाभ प्राप्त होंगे जो मूल राजस्व ग्रामों के व्यक्तियों को मिलते हैं। वनग्रामों के राजस्व ग्राम बन जाने से भूमि धारकों को खाता किश्तबंदी, खसरा-नक्शा प्राप्त होंगे। इससे भूमि को लेकर विवाद नहीं होंगे। व्यवस्थित भू-अभिलेख उपलब्ध होगा। इसकी नकल प्राप्त की जा सकेगी। फौती, नांमातरण, बंटवारा आदि कार्य हो सकेंगे। सरकारी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास, खाद, बीज एवं उर्वरक हेतु ऋण इत्यादि का लाभ मिल सकेगा।

तेजी से बढ़ रही है विकास दर

मुख्यमंत्री ने पीएम को जानकारी दी की मध्यप्रदेश साल 2021-22 में प्रचलित दरों पर 19.7 प्रतिशत विकास दर हासिल करने में सफल रहा है। देश की अर्थव्यवस्था में राज्य के योगदान का 3.6 प्रतिशत से बढक़र 4.6 प्रतिशत हो गया है। राज्य की प्रतिव्यक्ति आय बढक़र 1 लाख 24 हज़ार रुपए प्रति वर्ष से भी अधिक हो गई है। राज्य सकल घरेलू उत्पाद अब बढक़र 11 लाख 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक हो गया है, जो कि प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक है। 2020-21 में पूंजीगत व्यय बढक़र 31 हजार 586 करोड़ और वर्ष 2021-22 में हमारा पूंजीगत व्यय 40 हजार 415 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जो कि एक नया रिकॉर्ड है। 2022-23 के बजट में सरकार ने पूंजीगत मद में 48 हजार 800 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है , जो कि राज्य के इतिहास में अब तक का सर्वाधिक है। 2007 से वर्ष 2020 तक लगभग 14 सालों में मध्यप्रदेश का कुल निर्यात 2.9 बिलियन डॉलर से ब?कर 6.4 बिलियन डॉलर हो गया है। निर्यात में वृद्धि उस समय संपूर्ण भारत की औसत निर्यात वृद्धि से लगभग 5 गुना है। मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था में स्वसहायता समूहों का योगदान 4 हजार करोड़ रुपए से बढक़र 20 हजार करोड़ रुपए हो गया है। केंद्र सरकार की विशेष पूंजीगत सहायता योजना अंतर्गत रुपए 6280 करोड़ का ब्याज रहित ऋण प्राप्त करने हेतु प्रस्ताव भेजा गया है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण तथा एनपीसीआई के साथ विशेषज्ञ परामर्श कर प्रदेश में ई-रूपी का उपयोग सुनियोजित रूप से प्रारंभ किया गया है। किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग तथा स्कूल शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत ई-रूपी लागू किया गया। सरकारी योजना में कृषि उपकरण क्रय हेतु ई-रूपी का इस्तेमाल किया जाएगा। 404 नगरीय निकायों ने गौरव दिवस की रूपरेखा तैयार की प्रदेश के 48,014 ग्रामों में ग्राम सभाओं के आयोजन के बाद ग्राम स्तरीय गौरव दिवस की डेट फाइनल की गई है। ग्राम गौरव दिवस के आयोजन के उदाहरण: बकलाय (खरगोन), साजपानी (सिवनी), बिलगांव (मुरैना), सुमावली (मुरैना), बागसी (भोपाल), उकावदकला (गुना), ब?वारा (कटनी), दुपाड़ा (शाजापुर)। किशनग? (छतरपुर), खुलरी (नरसिंहपुर)। नगर गौरव दिवस के आयोजन के कुछ उदाहरण- बुधनी, नसरुल्लागंज, गोहद, भावरा, जोबट, खेतिया, सेंधवा, धार, मनावर, पीथमपुर शामिल हैं। प्रदेश में जल जीवन मिशन का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। अब तक ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 30 हजार 600 करोड़ रुपये से अधिक की नल जल योजनाएं मंजूर की। 2 वर्षों में 6000 करोड़ से अधिक राशि खर्च कर प्रदेश के 40 प्रतिशत घरों तक नलों से पानी पहुंचाया गया। प्रदेश के 4270 से अधिक गांवों में 100 फीसदी घरों में नलों से जल पहुंच चुका है। मिशन अंतर्गत 48 लाख 75 हजार से अधिक घरों में नल कनेक्शन किया जा चुका है। प्रदेश का बुरहानपुर जिला 100त्न कवरेज वाला जिला बना है।

कानून व्यवस्था की स्थिति सुदृढ़

मुख्यमंत्री ने पीएम को बताया कि मप्र में कानून व्यवस्था की स्थिति सुदृढ़ है। प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश मॉड्यूल के 6 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया। सभी आरोपी जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश एवं असार-उल-इस्लाम की विचारधारा से प्रेरित थे। सभी आरोपी आपस में बात करने के लिए डार्क नेट पर उपलब्ध विभिन्न सिक्योर चैट सर्विसिस का इस्तेमाल करते थे। तथा प्रत्येक व्यक्ति अलग-अलग टेलीग्राम आईडी बनाकर विभिन्न टेलीग्राम चैनल पर सिक्योर एप के माध्यम से जेहादी साहित्य, वीडियो, फोटो डाउनलोड कर आपस में शेयर करते थे। आरोपियों से जब्त लैपटॉप, मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव और सिम कार्ड में 4 टीबी का डाटा मिला है। साथ ही बम बनाने सहित विभिन्न आतंकी संगठनों के भारी मात्रा में वीडियो, ऑडियो और जेहादी साहित्य प्राप्त हुए हैं। बाबरी मस्जिद विध्वंस, सीएए, एनआरसी को लेकर केन्द्रीय नेताओं के वीडियो एवं विभिन्न प्रकार के जेहादी दस्तावेज मिले हैं। आरोपियों द्वारा भोपाल के अलावा इंदौर, सूरत, मुंबई, औरंगाबाद के मदरसों में भी विजिट कर जिहाद की दावत देने का काम किया जा रहा था। इस जेहादी दावत के प्रभाव में आने वाले लोगों की पहचान करने के लिए शहडोल, पीथमपुर, विदिशा, उत्तरप्रदेश के सहारनपुर, देवबंद एवं गुजरात के सूरत एवं अहमदाबाद में एटीएस टीम ने जरूरी पूछताछ और दस्तावेज के सत्यापन की कार्रवाई की।

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